Fact Check: FIFA नहीं दे रहा है 50GB फ्री डाटा, वायरल मैसेज फर्जी है

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि फीफा के नाम पर वायरल हो रहा लिंक फर्जी है। यूज़र्स को इस तरह के लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। कतर में चल रहे फीफा विश्व कप 2022 के बीच सोशल मीडिया पर एक लिंक शेयर किया जा रहा है। वायरल लिंक के साथ दावा किया गया है कि फीफा विश्व कप फुटबॉल मैच देखने के लिए 50GB डाटा मुफ्त दे रहा है। विश्वास न्यूज ने पाया कि यह मैसेज फर्जी है। फीफा की ओर से ऐसा कोई ऑफर नहीं दिया जा रहा है। यूजर का डाटा इकट्ठा करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। यूज़र्स को इस तरह के किसी भी लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए।
 
क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर Aima Khan ने 23 नवंबर को वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए अंग्रेजी में कैप्शन में लिखा है, “FIFA gives people around the world 50GB data for free to watch 2022 qatar World Cup.
I Have Received Mine.
OPEN THIS
Share with friends and also get 50 free minutes for all network”

सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स इसे मिलते-जुलते दावों के साथ शेयर कर रहे हैं। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल

पहले भी ऐसे कई पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं,जिनकी जांच समय-समय पर विश्वास न्यूज़ द्वारा की गई है। इस तरह के लिंक्स धोखधड़ी करने और आपकी निजी जानकारी जैसे फ़ोन नंबर,ईमेल आईडी और अन्य जानकारी इकट्ठा करने के लिए बनाए जाते हैं। हम अपने यूजर को बताना चाहते हैं की वो इस तरह के किसी भी लिंक पर क्लिक न करे अगर आपके डिवाइस में कोई एंटीवायरस न हो।

लिंक की सच्चाई जानने के लिए जब हमने संबंधित कीवर्ड से गूगल पर सर्च किया तो हमें कोई भी विश्वसनीय रिपोर्ट नहीं मिली।

वायरल लिंक के बारे में जानने के लिए हमने साइबर एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल से संपर्क किया। उनके साथ वायरल पोस्ट के लिंक को शेयर किया। इस बारे में उनका कहना है,‘इस प्रकार के लिंक डाटा कलेक्ट करने के लिए बनाए जाते हैं। ऐसे लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए।

हमने साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ एवं राजस्थान सरकार की पब्लिक ग्रीवांस कमेटी के पूर्व आईटी सलाहकार आयुष भारद्वाज को वायरल मैसेज भेजा। आयुष भारद्वाज ने हमें बताया, यह मामला क्लिक बेट का है। जैसे ही कोई इस लिंक पर विजिट करता है, तो उससे ट्रैफिक जनरेट होता है और पैसा मिलता है। लिंक पूरी तरह फर्जी है। इसका मकसद सिर्फ ट्रैफिक जनरेट करके पैसे कमाना है।

वायरल पोस्ट को सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर Aima Khank नाम के यूजर ने शेयर किया था। हमने स्कैनिंग में पाया कि यूजर इस्लामाबाद का रहने वाला है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि फीफा के नाम पर वायरल हो रहा लिंक फर्जी है। यूज़र्स को इस तरह के लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए।

False
Symbols that define nature of fake news
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