Fact check: कलाकारों द्वारा बनाया गया काल्पनिक वीडियो गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर हुआ वायरल

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है। वायरल वीडियो एक काल्पनिक वीडियो का हिस्सा है, जिसे जागरूकता के तौर पर कुछ कलाकारों द्वारा बनाया गया है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। दिल्ली में नई आबकारी नीति के तहत राजधानी में शराब बिक्री निजी हाथों में चली गई है। इसी से जुड़ा एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में कुछ लड़कियां सड़क पर शराब पीती हुई और लोगों के साथ बदतमीजी करती हुई नजर आ रही हैं। दावा किया जा रहा है कि निजीकरण के बाद दिल्ली के युवाओं का ये हाल हो गया है। युवा सरेआम शराब के नशे में चूर हो रहे हैं। सीएम केजरीवाल ने दिल्ली को शराब की राजधानी बना दिया है। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है। वायरल वीडियो एक काल्पनिक वीडियो का हिस्सा है, जिसे जागरूकता के तौर पर कुछ कलाकारों द्वारा बनाया गया है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर Hari Prasad Siñgh Dhakal ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है कि दिल्ली के मुफ्तखोरों एवं शराबियों को बहुत बहुत शुभकामनाएं..बस दिल्ली में ये सब होना ही है। हर जगह प्राइवेट ठेकों के रूझान आने शुरू हो गए..हमारे बच्चों के भविष्य क्या है इस दिल्ली मैं ? केजरीवाल ने दिल्ली का बेड़ा गर्क कर दिया है..दारू पीने की उम्र घटा कर.. उसका तो बस यह नमूना है..दिल्ली के कनॉट प्लेस मैं आंनद उठाते हुए ये नाबालिग बच्चियां।

वायरल पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। पोस्ट के आर्काइव्‍ड वर्जन को यहां देखें। ट्विटर पर भी यूजर्स इस दावे को शेयर कर रहे हैं।

पड़ताल –

दावे की पड़ताल करने के लिए हमने इस वीडियो के कीफ्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल वीडियो का पूरा वर्जन Thakur Prank नाम के फेसबुक अकाउंट पर अपलोड मिला। 8 मिनट के इस पूरे वीडियो को देखने के बाद हमने पाया कि असली वीडियो काल्पनिक है और इसी का एक हिस्सा गलत दावे के साथ वायरल हो रहा है। असली वीडियो को जागरुकता के तौर पर कलाकारों द्वारा बनाया गया है। वीडियो के आखिर में लड़कियां बोलती हुई नजर आती है कि इस वीडियो को काल्पनिक तौर पर लोगों को जागरूक करने के लिए बनाया गया है।

अधिक जानकारी के लिए हमने इस वीडियो को बनाने वाले युवक Thakur Prank से फेसबुक के जरिए संपर्क किया। हमने वायरल दावे को उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल वीडियो को उन्होंने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर बनाया था। इस वीडियो के जरिए हमारा मकसद लोगों को जागरूक करना था, लोगों को ये बताना था कि खुले में शराब पीना और फिर लोगों के साथ बदतमीजी करना गलत है। ऐसे लोगों को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए और इन पर कार्रवाई होनी चाहिए। फिर चाहे वो लड़की हो या फिर लड़का, पुलिस को ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

पड़ताल के अंत में हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Hari Prasad Siñgh Dhakal की सोशल स्कैनिंग की। स्कैनिंग से हमें पता चला कि यूजर एक विचारधारा से प्रभावित है। यूजर के फेसबुक पर एक हजार 300 फ्रेंड हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है। वायरल वीडियो एक काल्पनिक वीडियो का हिस्सा है, जिसे जागरूकता के तौर पर कुछ कलाकारों द्वारा बनाया गया है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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