नई दिल्ली (विश्वास टीम)। भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी से जुड़ी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इस पोस्ट में नीरव मोदी के हवाले से यह दावा किया जा रहा है कि उसने लंदन कोर्ट में जानकारी दी है कि देश छोड़कर भागने में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं ने उसकी मदद की। इस पोस्ट के दावे के मुताबिक, नीरव ने इसके लिए भाजपा नेताओं को कमीशन भी दिया था।
नरेश यादव नाम के यूजर ने फेसबुक पर एक तस्वीर शेयर की है। इस तस्वीर में दावा किया जा रहा है कि नीरव मोदी ने लंदन कोर्ट में बयान दिया है कि वह भागा नहीं है, बल्कि उसे भगाया गया है। इस पोस्ट में लिखा है, ‘लंदन कोर्ट में नीरव मोदी का बयान भागा नहीं… भगाया गया 456 करोड़ कमीशन खाया भाजपा के नेताओं ने।’ यानी नीरव के हवाले से यह बात कही जा रही है कि उसे भगाने के लिए भाजपा के नेताओं ने कमीशन भी खाया।
विश्वास न्यूज की टीम ने इस दावे की पड़ताल की। हमारे फैक्ट चेक के मुताबिक, नीरव मोदी का यह कथित बयान फर्जी है। नीरव मोदी ने लंदन के किसी कोर्ट में अबतक ऐसा कोई बयान नहीं दिया है।
हमने इस फर्जी पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर नरेश यादव की प्रोफाइल का Stalkscan की मदद से स्कैन किया। पड़ताल में हमें कई भ्रामक और फर्जी पोस्ट मिलीं।
इस बयान की पड़ताल करने और इसके पीछे के सच का पता लगाने के लिए हमने इंटरनेट पर काफी खोजबीन की। हमें कई सारी पोस्ट मिलीं जिनमें इसी तरह का फर्जी दावा किया जा रहा था। इनमें न्यूज 18 के नाम से एक कथित ट्वीट भी मिला जिसमें बिल्कुल यही दावा किया जा रहा था। न्यूज 18 का यह कथित ट्वीट, कोई ट्वीट न होकर फोटोशॉप की मदद से तैयार की गई तस्वीर है।
हमने इस ट्वीट की पड़ताल की। इस दौरान हमें न्यूज 18 इंडिया का ओरिजिनल ट्वीट मिला।
न्यूज 18 इंडिया के ओरिजिनल ट्वीट में लिखा गया था, ‘पीएनबी में करोड़ों का घोटाला करने वाला नीरव मोदी एक बैंक कर्मचारी की सूझबूझ से गिरफ्तार हुआ, जानें पूरा मामला।’
हमारी पड़ताल में सामने आया कि इस असली ट्वीट के साथ छेड़छाड़ करके फर्जी ट्वीट बनाया गया है। इस फर्जी दावे को मशहूर एक्टर और वरिष्ठ नेता शत्रुघ्न सिन्हा की तस्वीर के साथ वायरल किया जा रहा है। आगे की पड़ताल करते हुए हमने शत्रुघ्न सिन्हा कीवर्ड से भी नीरव से जुड़ी खबरों को सर्च किया, लेकिन हमें ऐसा कोई बयान नहीं मिला। हमने इस संबंध में शत्रुघ्न सिन्हा के पीआर से भी बात की। हालांकि उन्होंने कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, नीरव मोदी ने कोर्ट के सामने पेश होकर केवल अपने नाम, आयु की जानकारी देते हुए कहा था कि वह नहीं चाहता कि उसका प्रत्यर्पण किया जाए। एजेंसी के मुताबिक, नीरव के वकील ने कोर्ट को बताया कि उसके क्लाइंट पर लगे सारे आरोप गलत और राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं।
निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में वायरल हो रही पोस्ट फर्जी निकली। इस पोस्ट का यह दावा गलत निकला कि भाजपा नेताओं ने नीरव मोदी को भारत से भागने को कहा था।
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