कोलाज में पिता-पुत्री की यह फोटो उनके हाफिजे कुरान बनने के मौके की है, निकाह की नहीं। दोनों ने एक ही समय कुरान को याद किया था। वहीं, मां-बेटे की तस्वीर बेटे द्वारा कुरान को पहली बार पूरा पढ़ने के बाद की है, शादी की नहीं। दोनों फोटो के कोलाज को गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। हालांकि, हमें फोटो में दिख रहे पिता-पुत्री और मां-बेटे की पहचान से संबंधित कोई जानकारी नहीं मिली है। इसलिए हम इनकी किसी पहचान की कोई पुष्टि नहीं करते हैं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर दो फोटो का कोलाज वायरल हो रहा है। इसमें एक फोटो में एक शख्स के साथ एक लड़की दिख रही है, जबकि दूसरी फोटो में एक लड़का व एक महिला नजर आ रही है। इसे शेयर करके यूजर्स दावा कर रहे हैं कि पिता ने अपनी पुत्री से शादी कर ली तो नाराज होकर मां ने अपने बेटे से निकाह कर लिया।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल कोलाज में इस्तेमाल की जा रही पहली फोटो हाफिज कुरान के मौके की है। वहीं, मां-बेटे की तस्वीर कुरान के तीसो पारे मुकम्मल हो जाने के मौके की है। इन दोनों तस्वीरों को दुष्प्रचार के मकसद से वायरल किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर Balara Jat ने 15 जून को कोलाज पोस्ट किया है। कोलाज पर लिखा है,
अब्बू ने बेटी के साथ निकाह कर लीया तो गुस्से में आकर मां ने अपने बेटे से शादी कर ली
56 मुस्लिम देश ऐसे ही बन गए हैं
(कुछ आपत्तिजनक शब्दों की वजह से हम फेसबुक का लिंक नहीं दे रहे हैं।)
फेसबुक पर कुछ अन्य यूजर्स ने भी इस कोलाज को पोस्ट करते हुए समान दावा किया है।
वायरल कोलाज की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले पहली फोटो को गूगल रिवर्स इमेज से सर्च किया। इसमें हमें फेसबुक पेज Tajweed ul Quran पर यह फोटो मिली। इसे 3 फरवरी 2016 को पोस्ट करते हुए लिखा गया है कि बधाई, पिता और पुत्री ने एक ही क्लास से स्नातक किया (कुरान को कंठस्थ किया)।
फेसबुक यूजर Proud To Be Muslim By Shoaib Gondal ने भी यह फोटो पोस्ट करते हुए लिखा कि पिता और पुत्री ने एक साथ कुरान को याद किया है। islamicboard वेबसाइट पर भी हमें यह फोटो मिली। इसके साथ में लिखा है कि एक ही समय पर पिता और पुत्री ने हाफिज-ए-कुरान किया है। शिक्षा के लिए उम्र कोई बाधा नहीं है।
इस बारे में हमने मेरठ के शहर काजी प्रो. जैनस सजेदीन सिद्दीकी से बात की। उनका कहना है, ‘कुरान ए पाक को हिफ्ज (कंठस्थ) करने वाला व्यक्ति हाफिजे कुरान कहलाता है।‘
इसके बाद हमने दूसरी तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज से सर्च किया। इसमें हमें ऐसी कोई खबर या लिंक नहीं मिला। फिर यांडेक्स के जरिए इसे सर्च किया। इसमें एक स्क्रीनशॉट मिला, जिसमें यह फोटो भी है। इसमें लिखे टेक्स्ट को हमने गूगल लेंस से ट्रांसलेट किया। इसमें लिखा है कि कुरान को पूरा पढ़ने के बाद बेटे ने मुझे बधाई दी।
और सर्च करने पर हमें फेसबुक पेज Poshto song s पर यह फोटो मिली। 31 जनवरी 2020 को इसे पोस्ट किया गया है। इसमें लिखा है कि आज मेरे बेटे ने कुरान को पूरा पढ़ लिया। इस मौके पर उसने मुझे बधाई दी।
मदरसा जामिया मदनिया मेरठ के मोहतमिम करी अफ्फान कासमी का कहना है,’जिस व्यक्ति ने कुरान पढ़ना शुरू किया और उसके सभी 30 पारे पूरे पढ़ लिए, उसे खतमुल कुरान कहते हैं।‘
कोलाज को गलत दावे के साथ वायरल करने वाले फेसबुक यूजर, ‘बलारा जाट‘ की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। प्रोफाइल के मुताबिक, वह लक्ष्मनगढ़ सीकर में रहते हैं। वह एक विचारधारा से प्रेरित हैं।
इससे पहले भी कोलाज की फोटो वायरल हो चुकी है। विश्वास न्यूज की पड़ताल को यहां पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: कोलाज में पिता-पुत्री की यह फोटो उनके हाफिजे कुरान बनने के मौके की है, निकाह की नहीं। दोनों ने एक ही समय कुरान को याद किया था। वहीं, मां-बेटे की तस्वीर बेटे द्वारा कुरान को पहली बार पूरा पढ़ने के बाद की है, शादी की नहीं। दोनों फोटो के कोलाज को गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। हालांकि, हमें फोटो में दिख रहे पिता-पुत्री और मां-बेटे की पहचान से संबंधित कोई जानकारी नहीं मिली है। इसलिए हम इनकी किसी पहचान की कोई पुष्टि नहीं करते हैं।
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