Fact Check: वोडाफोन-आइडिया और एयरटेल के बीच मर्जर का दावा फेक और मनगढ़ंत

भारत में निजी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी वोडाफोन-आइडिया और भारती एयरटेल के मर्जर का दावा फेक है और इस दावे के आधार के तौर पर जिस बयान को शेयर किया जा रहा है, वह सुनील भारती मित्तल के इंटरव्यू की मनगढ़ंत और तथ्यहीन व्याख्या है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया यूजर्स एक पोस्ट को शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन-आइडिया अब अस्तित्व में नहीं रहेगी, क्योंकि उसे अन्य टेलिकॉम कंपनी एयरटेल के साथ विलय कर दिया जाएगा। वायरल पोस्ट में ‘जी खबर’ नाम की न्यूज वेबसाइट के जरिए ऐसा दावा किया गया है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। एयरटेल के साथ वोडाफोन-आइडिया को मर्ज करने का दावा मनगढ़ंत है और जिस आधार पर ऐसा दावा किया गया है कि वह वोडाफोन-आइडिया पर भारती एंटरप्राइजेज के चेयरपर्सन सुनील भारती मित्तल के बयान की मनगढ़ंत व्याख्या है। साथ ही जिस न्यूज वेबसाइट की खबर के जरिए ऐसा दावा किया गया है, वह एक अन्य चर्चित वेबसाइट के नाम से मिलता-जुलता है।

क्या है वायरल?

विश्वास न्यूज के टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर कई यूजर्स ने इस वीडियो को भेज कर उसकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया है।

टिपलाइन पर भेजा गया क्लेम।

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इसे समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल पोस्ट में एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया के मर्जर का दावा किया गया है। हालांकि, सर्च में ऐसी कोई विश्वसनीय रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें इन दोनों कंपनियों के विलय का जिक्र हो।

खबर में मर्जर को ‘Merj’ लिखे जाने के साथ अन्य कई गलतियों का जिक्र है। साथ ही जिस वेबसाइट के हवाले से यह खबर (आर्काइव लिंक) लिखी गई है, उसका नाम Zeekhabar.in लिखी हुई है, जो एक अन्य चर्चित न्यूज वेबसाइट जैसा प्रतीत होता है।

खबर की हेडलाइन “Vodafone idea Merj : एयरटेल में मर्ज किया जाएगा वोडाफोन” है और इसका आधार हालिया संपन्न वर्ल्ड इकोनॉमिक  फोरम में भारती एयरटेल के सीईओ सुनील भारती मित्तल का दिया गया बयान है।

न्यूज सर्च में हमें ऐसी कई रिपोर्ट्स मिली, जिसमें उनके इस बयान का जिक्र है। मनी कंट्रोल डॉटकॉम की 17 जनवरी 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, जब उनसे वोडाफोन-आइडिया के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “बहुत ज्यादा निवेश की जरूरत है और उन्हें अपना पूंजी आधार भी बढ़ाने की जरूरत है। उन्हें कुछ निवेशकों की जरूरत है और उन्हें कुछ कर्ज की भी जरूरत है।”

एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, मित्तल ने कहा कि कंपनी (वोडाफोन-आइडिया) को केंद्र का समर्थन हासिल था, इसके बावजूद “….वह पिछड़ता रहा….मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि उनका कोई अस्तित्व नहीं है।” इसके बाद मित्तल ने कहा कि भारत के लिए तीन निजी कंपनियां और एक सरकारी कंपनी आदर्श स्थिति है और बीएसएनएल इस क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण जगह बना रहा है।

मित्तल के इस इंटरव्यू को मनीकंट्रोल के आधिकारिक यू-ट्यूब चैनल पर देखा जा सकता है।

गौरतलब है कि वोडाफोन-आइडिया गंभीर संकट की स्थिति से गुजर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार ने 2023 में कंपनी के 16,133 करोड़ रुपये से ज्यादा के ब्याज बकाये को इक्विटी में बदलने की मंजूरी दे दी थी, जिसके बाद इस कंपनी में सरकार की हिस्सेदारी 33.1 फीसदी हो चुकी है।

वोडाफोन-आइडिया ब्रिटिश टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन पीएलसी और भारतीय आदित्य बिड़ला समूह (एबीजी) के बीच का संयुक्त उद्यम है, जिसमें वोडाफोन यूके की हिस्सेदारी 32.3 फीसदी और एबीजी की हिस्सेदारी 18.1 फीसदी है।

वोडाफोन-आइडिया और भारती एयरटेल दोनों ही स्टॉक मार्केट में सूचीबद्ध कंपनी है। दोनों के बीच मर्जर या विलय जैसा कुछ होने की स्थिति में इन्हें स्टॉक एक्सचेंज को इसकी सूचना देनी होती है। दोनों ही कंपनियों की तरफ से हमें ऐसी कोई सूचना नहीं मिली, जिसमें मर्जर या उससे संबंधित किसी बातचीत का भी जिक्र हो।

वायरल दावे को लेकर हमने बिजनेस स्टैंडर्ड में काम करने वाले जर्नलिस्ट नीलकमल सुंदरम से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि दोनों कंपनियों के विलय का दावा पूरी तरह से निराधार और अफवाह है।

20 दिसंबर 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक, “वोडाफोन-आइडिया के उपभोक्ता आधार में लगातार 9वें महीने गिरावट दर्ज की गई है।”

Source-thehindubusinessline.com

टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो की बाजार हिस्सेदारी 39.06 फीसदी है, वहीं भारती एयरटेल की हिस्सेदारी 32.85 फीसदी है। जबकि 19.78 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ वोडाफोन-आइडिया तीसरी बड़ी टेलिकॉम कंपनी है।

अर्थव्यवस्था और बिजनेस से संबंधित अन्य फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को विश्वास न्यूज की वेबसाइट पर मौजूद बिजनेस सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: भारत में निजी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी वोडाफोन-आइडिया और भारती एयरटेल के मर्जर का दावा फेक है और इस दावे के आधार के तौर पर जिस बयान को शेयर किया जा रहा है, वह सुनील भारती मित्तल के इंटरव्यू की मनगढ़ंत और तथ्यहीन व्याख्या है।

False
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