Fact Check: इंदौर में मुसलमानों को कोरोना वायरस पॉजिटिव के इंजेक्शन लगाने का दावा ग़लत

विश्वास न्यूज़ ने पाया कि ना ही इंदौर में मुसलमानों को कोरोना वायरस पॉजिटिव ब्लड के इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं और ना ही देश की सरकार या मध्य प्रदेश की राज्य सरकार की तरफ से कोरोना वायरस के मरीज़ों के मज़हब का आंकड़ा जारी किया गया है। तो यह कहना भी बेबुनियाद है कि इंदौर में सबसे ज़्यादा मुसलमानों के कोरोना वायरस पॉजिटिव मामले पाए जा रहे हैं। विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में सभी दावे फ़र्ज़ी साबित होते हैं।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। जितनी तेज़ी से देश में कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोत्तरी हो रही है, उतनी ही तेज़ी से इससे जुड़ी फ़र्ज़ी खबरों को भी फैलाया जा रहा है। वॉट्सऐप पर एक मैसेज फॉरवर्ड हो रहा है जिसके मुताबिक़, इंदौर में मुसलमानों को कोरोना वायरस से  संक्रमित ब्लड का इंजेक्शन लगाया जा रहा है। इस वायरल मैसेज में यह भी कहा गया है कि इंदौर में मुस्लिम बस्तियों से मुसलमानों को जांच के बहाने से ले जाकर उन्हें आइसोलेशन में रखा जा रहा है। दावा किया गया है कि इंदौर में सबसे ज़्यादा कोरोना वायरस के मरीज मुसलामन ही हैं।

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि इंदौर के नाम से फैलाये जा रहे ये सभी दावे बेबुनियाद और ग़लत हैं। इंदौर के एसपी सूरज वर्मा ने वॉट्सऐप फॉरवर्ड में किये जा रहे दावों को फ़र्ज़ी बताया है।

क्या हो रहा है वायरल?

वॉट्सऐप पर एक मैसेज फॉरवर्ड हो रहा है। इसमें लिखा है, ”*पूरा ज़रूर पड़े ओर आगे फारवर्ड करे* बोहत बड़ी साजिश है कोरोना के नाम पे मुस्लिम बस्तियों से मुसलमानो को जांच के बहाने से लेजाया जा रहा है और लेजा के  फ़र्ज़ी पोसिटिव रिपोर्ट बनाकर आइसोलेशन में रख रहे  अस्पताल में नही कही और लेजाकर इंजेक्शन लगा रहे है कोरोना पॉजिटिव ब्लड के ओर इंदौर में इतनी बड़ी आबादी है लेकिन सिर्फ मुसलमानो के ही नाम क्यु आ रहे है क्योंकि इन्हें पता है मुसलमान को डरा दो बस ओर ले जाओ कोरोना के नाम पे फसा कर निपटा रहे है अभी खबर मिली है मेरे रिश्तेदार डॉक्टर है उन्होंने बताया के पोसिटिव करके जब इंसान मरने की हालत में आ जाता है तो उसे ज़हर का इंजेक्शन दे कर कोरोना से मोत का कारण बता कर फेका जा रहा है  संभल जाओ अगर कोई आपके इलाके में आता है डॉक्टर या पुलिस वाला तो उसको कहना यही जांच कर यही रिपोर्ट लेकर आ अगर हम पोसिटिव निकले तो अपने आप को घर के कमरे में लॉक करलेंगे isolat करलेंगे अपने आप को ओर कोई कितना ही बोले जाना मत अल्लाह के वास्ते।*ध्यान से पड़े* *पूरा पड़े* *ओर ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करे*’

हमनें पाया कि इस फ़र्ज़ी मैसेज को फेसबुक पर भी वायरल किया जा रहा है। एफबी पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहाँ देखें।

पड़ताल

वॉट्सऐप मैसेज की सत्यता जांचने के लिए हमने सबसे अलग-अलग कीवर्ड्स डाल कर न्यूज़ सर्च किया, लेकिन हमारे हाथ कोई भी ऐसी खबर नहीं लगी जो वॉट्सऐप फॉरवर्ड से मिलती- जुलती भी हो।

वायरल दावे के मुताबिक, इंदौर में सिर्फ मुसलमानों के ही कोरोना वायरस पॉजिटिव केस आ रहे हैं। इस बात की हकीकत जानने के लिए हम मिनिस्ट्री ऑफ़ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर की ऑफिशियल वेबसाइट mohfw.gov.in पर गए।

दिए गए आंकड़ों के मुताबिक़, मध्य प्रदेश में अब तक 99 कोरोना वायरस संक्रमण के मामले सामने आये हैं और 6 लोगों की इससे मौत हुई है। मंत्रालय की वेबसाइट पर हमें कहीं भी मरीज़ की पहचान के बारे में कोई भी जानकारी छपी हुई नहीं दिखी।

अब ये तो साफ़ हो चुका था कि मरीज़ों का आंकड़ा मज़हब की बुनियाद पर नहीं होता है, लेकिन अब वॉट्सऐप फॉरवर्ड के दूसरे दावे की तफ्तीश बाकी थी। इसमें दावा किया गया है, ”इंदौर में मुस्लिम बस्तियों से मुसलमानों को जांच के बहाने से ले जाया जा रहा है और ले जाकर  फ़र्ज़ी पॉजिटिव रिपोर्ट बनाकर आइसोलेशन में रख रहे। अस्पताल में नहीं कहीं और ले जाकर इंजेक्शन लगा रहे है कोरोना पॉजिटिव ब्लड के।”

इस दावे  की पड़ताल के लिए हमने इंदौर ईस्ट के सुपरिंटेन्डेंट ऑफ़ पुलिस यूसुफ कुरैशी से बात की और उनके साथ वॉट्सऐप फारवर्ड  शेयर किया। उन्होंने इस मैसेज को पूरे तरह से फ़र्ज़ी बताया।

विश्वास न्यूज़ ने इंदौर के एसपी सूरज वर्मा से भी बात की और उन्होंने हमें बताया, ‘यह वायरल मैसेज फ़र्ज़ी है। लोगों को गुमराह करने के लिए यह सब फैलाया जा रहा है। कल भी हमने एक फ़र्ज़ी खबर के खिलाफ कार्रवाई की है। इंदौर के नाम से किये जा रहे सभी दावे बिल्कुल ग़लत और बेबुनियाद हैं।’

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने पाया कि ना ही इंदौर में मुसलमानों को कोरोना वायरस पॉजिटिव ब्लड के इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं और ना ही देश की सरकार या मध्य प्रदेश की राज्य सरकार की तरफ से कोरोना वायरस के मरीज़ों के मज़हब का आंकड़ा जारी किया गया है। तो यह कहना भी बेबुनियाद है कि इंदौर में सबसे ज़्यादा मुसलमानों के कोरोना वायरस पॉजिटिव मामले पाए जा रहे हैं। विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में सभी दावे फ़र्ज़ी साबित होते हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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