उत्तराखंड के हरिद्वार में मुस्लिम विक्रेता के हिंदुओं के खाने में मांस मिलाकर बेचे जाने का दावा गलत है और इस दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो 2023 की घटना का है। पकड़ा गया व्यक्ति मुस्लिम जरूर था, लेकिन खाने में मांस मिलाकर बेचे जाने का दावा बेबुनियाद है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। तिरुपति प्रसाद विवाद के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसके हवाले से दावा किया जा रहा है कि उत्तराखंड के हरिद्वार में रामघाट हर की पौड़ी पर एक वैसे मुस्लिम व्यक्ति को पकड़ा गया है, जो शाकाहारी खाने में मांसाहारी भोजन मिलाकर उसे अपवित्र करने का काम करता था। वायरल वीडियो में कुछ लोगों को इस दावे के साथ वीडियो बनाते हुए देखा जा सकता है, जो दावा कर रहे हैं कि पकड़ा गया व्यक्ति अपनी पहचान छिपाकर यह काम कर रहा था।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया, जिसे सांप्रदायिक दावे के साथ फैलाया जा रहा है। वायरल वीडियो हाल का नहीं बल्कि 2023 की पुरानी घटना से संबंधित है। वायरल वीडियो में नजर आ रहा व्यक्ति मु्स्लिम विक्रेता है, लेकिन उसके खाने में मांसहारी भोजन को मिलाकर बेचने का दावा गलत और मनगढ़ंत है।
विश्वास न्यूज के टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर यूजर ने इस पोस्ट को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया है।
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स (आर्काइव लिंक)ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल वीडियो के आधार पर की-वर्ड हमें इंडियाटीवी की वेबसाइट पर 10 मई 2023 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली, जिसमें इस घटना का जिक्र है।
रिपोर्ट के मुताबिक, “उत्तराखंड के धार्मिक शहर हरिद्वार में स्थित हर की पौड़ी हिंदुओं का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्नान घाट है। यह पवित्र स्नान घाट गंगा जी के तट पर स्थित है जहां गंगा माता पहाड़ों को छोड़कर हरिद्वार से ही मैदानी क्षेत्र में प्रवेश करती है। माना जाता है कि इस पवित्र धार्मिक नदी में आस्था की डुबकी लगाने से इंसान के सभी पाप धूल जाते हैं। इसी हर की पौड़ी के पास तीर्थयात्रियों के लिए भोजनालय चलाने के वास्ते अपनी पहचान छुपाने और अलग नाम रखने के आरोप में मंगलवार को एक व्यक्ति को पकड़ा गया है।”
रिपोर्ट में बताया गया है, “हिंदू धार्मिक स्थलों का प्रबंधन देखने वाले निकाय के अधिकारी ने यह जानकारी दी है। हर की पौड़ी का प्रबंधन देखने वाली गंगा सभा के पदाधिकारी उज्ज्वल पंडित ने बताया कि सभा ने व्यक्ति को पकड़ कर पुलिस को सौंप दिया है। पंडित ने कहा कि नगर निगम के उपनियमों के अनुसार, हर की पौड़ी क्षेत्र में गैर-हिंदू प्रवेश नहीं कर सकते हैं। पुलिस अधीक्षक (नगर) स्वतंत्र कुमार ने कहा कि व्यक्ति हिरासत में है और मामले की जांच की जा रही है। पंडित ने दावा किया कि आरोपी ने अपनी धार्मिक पहचान छुपाने के लिए हिंदू नाम धारण कर लिया था। उन्होंने दावा किया कि आरोपी ने खुद को चुन्नू बताया, लेकिन उसके आधार कार्ड में उसके पिता का नाम मोहम्मद मुनीर लिखा था। उन्होंने बताया कि आधार कार्ड से पता चला कि वह उत्तर प्रदेश के मऊ का रहने वाला है।”
यही वीडियो हमें ‘Lokkal – लोkkal’ नाम के यू-ट्यूब चैनल पर 17 अप्रैल 2023 को अपलोड किया हुआ वीडियो मिला, जिसमें हर की पौड़ी पर नाम बदलकर ठेला लगाने वाले मुस्लिम युवकों को गंगा महासभा के द्वारा पकड़े जाने का जिक्र है। इस वीडियो में हमें वही दोनों युवक नजर आए, जिन्हें वायरल वीडियो में मुस्लिम युवक के नाम छिपाकर खाना बेचने के आरोप में पकड़ा गया था।
हमारी जांच से स्पष्ट है कि वायरल हो रहा वीडियो पुरानी घटना का है और साथ ही किसी भी रिपोर्ट में हमें मुस्लिम विक्रेता के शाकाहारी भोजन में मांस मिलाकर बेचे जाने का जिक्र नहीं मिला।
इससे पहले भी यह वीडियो सोशल मीडिया पर समान दावे के साथ वायरल हुआ था, जिसकी जांच विश्वास न्यूज ने की थी। उस वक्त हमने वायरल दावे को लेकर हरिद्वार पुलिस से संपर्क किया। हरिद्वार पुलिस स्टेशन कोतवाली नगर की एसएचओ व इंस्पेक्टर भावना कैंथोला ने खाने में मांस मिलाकर बेचे जाने के दावे का खंडन करते हुए कहा, “वायरल वीडियो हरिद्वार का ही है, लेकिन यह दावा गलत है कि पकड़ा गया व्यक्ति शाकाहारी भोजन में मांस मिलाकर बेच रहा था।” उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति को पकड़ा गया था, वह मुस्लिम था और यह कोई नई बात नहीं है, लेकिन कुछ लोगों ने खाना में मांस मिलाकर बेचे जाने की अफवाह उड़ा दी, जिसे सोशल मीडिया पर शेयर किया जाने लगा।
वायरल वीडियो को फेक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल से विचारधारा विशेष से प्रेरित सामग्री शेयर की जाती है। सोशल मीडिया पर वायरल अन्य दावों की जांच करती फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को विश्वास न्यूज की वेबसाइट पर पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: उत्तराखंड के हरिद्वार में मुस्लिम विक्रेता के हिंदुओं के खाने में मांस मिलाकर बेचे जाने का दावा गलत है और इस दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो 2023 की घटना का है। पकड़ा गया व्यक्ति मुस्लिम जरूर था, लेकिन खाने में मांस मिलाकर बेचे जाने का दावा बेबुनियाद है।
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