Fact Check : फर्जी वोटर के नाम पर वायरल हो रही है 2015 की तस्‍वीर

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर लोकसभा चुनाव के पहले चरण के दौरान पश्चिम उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर सीट पर कथित रूप से बुर्का पहने एक पुरुष के वोट डालने के दावे के साथ तस्वीर वायरल हो रही है। विश्वास टीम ने जब इस फोटो की पड़ताल की तो पता चला कि यह तस्वीर 2015 की है, जिसे लोकसभा चुनाव के पहले चरण के दौरान गलत संदर्भ में वायरल किया गया।

क्या है वायरल पोस्ट में?

तस्वीर में दावा किया गया है, ”मुजफ्फरनगर में ये क्या हो रहा है, भाजपा प्रत्याशी संजीव बालियान सही हैं, उनका शक सही निकला बुर्का में पुरुष वोट डाल रहे। चुनाव आयोग संज्ञान में ले तथा प्रत्येक पोलिंग बूथों पर कड़ी निगरानी में मतदान करवाया जाए।” फेसबुक पर यह पोस्ट कई यूजर्स ने शेयर की है। एक ऐसे ही यूजर ‘Roorkee Plus’ हैं, जिनके हैंडल से यह तस्वीर 11 अप्रैल 2019 को दोपहर बाद 3.39 पर पोस्ट की गई। पड़ताल किए जाने तक इस तस्वीर को 133 बार शेयर किया जा चुका है, वहीं इसे 162 लाइक्स मिले हैं।

पड़ताल

जांच की शुरुआत हमने गूगल रिवर्स इमेज से की। इस दौरान हमें सबसे पुरानी फेसबुक पोस्ट एक फरवरी 2015 की मिली, जिसमें यही तस्वीर थी और दावा किया गया था कि यह घटना उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ की है। पोस्ट के मुताबिक, आजमगढ़ में एक बुर्का पहने व्यक्ति को मंदिर में बीफ फेंकने के दौरान पकड़ा गया, जिसके कथित रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े होने का दावा किया गया है।

हमारी जांच में कई न्यूज वेबसाइट का भी लिंक मिला, जिन्होंने इसी कथित दावे के साथ घटना का जिक्र किया है। Scoopwhoop में एक अक्टूबर को जबकि Ibtimes में दो अक्टूबर को यह खबर इसी कथित दावे के साथ प्रकाशित है। वहीं, India.com में यह खबर 4 अक्टूबर 2015 को प्रकाशित है।



इसके बाद हमने पहले चरण के चुनाव के दौरान ऐसे किसी वाकये की पड़ताल के लिए गूगल न्यूज सर्च का सहारा लिया। हालांकि, पश्चिमी उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि लोकसभा की 91 सीटों पर हुए चुनाव के दौरान ऐसे किसी वाकये की कोई जानकारी नहीं मिली।

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी ने ऐसे किसी दावे का खंडन करते हुए कहा, ‘अगर कोई महिला बुर्के में आती है, तो महिला अधिकारी पहले उनकी पहचान सुनिश्चित करती हैं और फिर उन्हें मतदान करने दिया जाता है।’ उन्होंने कहा कि ऐसी कोई घटना आयोग के संज्ञान में नहीं आया है, जहां किसी पुरुष को बुर्का पहनकर महिला मतदाता के तौर पर वोटिंग करते हुए पकड़ा गया हो।

पोस्ट करने वाले प्रोफाइल को जब हमने Stalkscan की मदद से स्कैन किया, तो हमें यह पता कि संबंधित प्रोफाइल विचारधारा विशेष के प्रति समर्पित है और हाल ही यह फेसबुक पर सक्रिय हुए हैं। फेसबुक के मुताबिक यह प्रोफाइल जुलाई 2018 से सक्रिय है।

विश्वास न्यूज बुर्का पहने व्यक्ति की स्वतंत्र पहचान या संघ से जुड़े होने की पुष्टि नहीं करता है।

निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह साबित हुआ है कि जिस फोटो को 11 अप्रैल के पहले चरण की वोटिंग के दौरान मुजफ्फनगर की बताते हुए वायरल किया गया, वह 2015 की तस्वीर है। चुनाव आयोग ने भी ऐसी किसी घटना की जानकारी नहीं दी, जहां किसी पुरुष को बुर्का पहनकर महिला के तौर पर वोट करते हुए पकड़ा गया।

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False
Symbols that define nature of fake news
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