कोरोना वायरस के उपचार के नाम पर डॉ. सुशील राजदान के नाम से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा फेक है। वीडियो में नजर आ रहा व्यक्ति डॉ. राजदान नहीं हैं और साथ ही वीडियो में उपचार का बताया गया तरीका गलत है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि इसमें नजर आ रहे व्यक्ति डॉ. सुशील राजदान हैं और वीडियो में उन्हें कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के तरीके को बताते हुए सुना और देखा जा सकता है। वीडियो में नजर आ रहे व्यक्ति के मुताबिक, नाक के जरिए सौंठ या अदरक के पाउडर को लेने से कोरोना वायरस को खत्म किया जा सकता है।
विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। वीडियो में नजर आ रहे व्यक्ति डॉ. सुशील राजदान नहीं है और कोरोना वायरस के उपचार को जो तरीका वीडियो में बताया गया है, वह गलत है। कोरोना वायरस के इलाज को लेकर वीडियो में बताया जा रहा तरीका नुकसानदेह हो सकता है।
सोशल मीडिया यूजर ‘Sofi Zahoor’ ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए इसे डॉ. सुशील राजदान की तरफ से कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से बचाव का तरीका बताया है।
सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल हो रहे वीडियो में नजर आ रहे व्यक्ति को डॉ. सुशील राजदान बताया गया है। वीडियो में उन्हें कोरोना वायरस के इलाज की विधि के तौर पर नाक के जरिए सौंठ या अदरक के पाउडर को सूंघते हुए देखा जा सकता है।
सुशील राजदान कीवर्ड से सर्च करने पर हमें सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो मिले, जिसमें डॉ. सुशील राजदान का (ऑडियो और वीडियो) इंटरव्यू है और इन इंटरव्यू में उन्हें साफ कहते हुए सुना जा सकता है कि उनके नाम से वायरल हो रहा वीडियो फेक है और वीडियो में उनके नाम से नजर आ रहा व्यक्ति कोई और है।
फेसबुक यूजर ‘RJ NASIR’ ने हमने फेसबुक पेज पर डॉ. सुशील राजदान के इंटरव्यू को साझा किया है, जिसमें उन्हें यह साफ कहते हुए सुना जा सकता है कि उनके नाम से वायरल हो रहा वीडियो फर्जी है। इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ‘वायरल वीडियो में नजर आ रहे व्यक्ति की बातों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। वह मैं नहीं हूं।’
एक और फेसबुक यूजर ‘Badal Jana’ ने भी डॉ. राजदान के ऑडियो इंटरव्यू को अपनी प्रोफाइल से साझा किया है। इस इंटरव्यू में डॉ. राजदान ने कहा, ‘वीडियो में नजर आ रहे व्यक्ति से दूर-दूर तक मेरा कोई लेना-देना नहीं है और न ही मैं उनके विचारों का समर्थन करता हूं।’
डॉ. सुशील राजदान गुरुग्राम स्थिति मेदांता मेडिसिटी हॉस्पिटल में काम करने वाले न्यूरोलॉजिस्ट हैं। नीचे दिए गए कोलाज को देखकर स्पष्ट रूप से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वीडियो में नजर आ रहा व्यक्ति डॉ. राजदान नहीं हैं।
हमारी पड़ताल से यह स्पष्ट है कि मशहूर न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुशील राजदान के नाम से कोरोना वायरस उपचार के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो फेक है। वीडियो में नजर आ रहा व्यक्ति कोई और है, जिसे डॉ. राजदान का बताकर गलत दावे से वायरल किया जा रहा है।
इसके बाद हमने वीडियो में किए गए दावे की पड़ताल की। वीडियो में नजर आ रहे व्यक्ति को कोरोना वायरस के इलाज के लिए नाक से सौंठ को सूंघने की सलाह देते हुए देखा और सुना जा सकता है। विश्वास न्यूज ने इसे लेकर आरएमएल में काम करने वाले डॉ. गौतम शर्मा से संपर्क किया। उन्होंने कहा, ‘कोरोना वायरस का नया वेरिएंट ओमिक्रोन तेजी से फैल रहा है और अगर किसी व्यक्ति के शरीर में इसके संक्रमण के लक्षण हैं तो उन्हें तुरंत जांच कराते हुए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। मरीजों को डॉक्टर्स के बताए गए इलाज की प्रक्रिया का पालन करना चाहिए और इस तरह के वायरल और भ्रामक वीडियो को देखकर स्वयं का इलाज करना उनकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। वीडियो में इलाज का जो तरीका बताया है, वह पूरी तरह से गलत है। वायरस से बचाव का तरीका टीका है और जिन्होंने टीके की दोनों डोज नहीं ली है, उन्हें इसे जल्द से जल्द लेने की कोशिश करनी चाहिए।’
निष्कर्ष: कोरोना वायरस के उपचार के नाम पर डॉ. सुशील राजदान के नाम से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा फेक है। वीडियो में नजर आ रहा व्यक्ति डॉ. राजदान नहीं हैं और साथ ही वीडियो में उपचार का बताया गया तरीका गलत है।
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