Fact Check: दारुल उलूम देवबंद का चुनाव को लेकर फर्जी बयान फिर वायरल

मुस्लिमों से भाजपा के खिलाफ वोट करने का बयान या फतवा देवबंद दारुल उलूम ने जारी नहीं किया है। दारुल उलूम इस बयान से इनकार कर चुका है। तथाकथित वायरल बयान देने वाले मौलाना का संबंध जमीअत उलेमा-ए-हिन्द से था। उनका 2019 में इंतकाल हो चुका है।

Fact Check: दारुल उलूम देवबंद का चुनाव को लेकर फर्जी बयान फिर वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। चुनाव आयोग आगामी लोकसभा चुनाव 2023 की तारीखों का एलान अब किसी भी दिन कर सकता है। ऐसे में सोशल मीडिया पर एक ग्राफिक्स को शेयर कर कई लोग दावा कर रहे हैं कि दारुल उलूम देवबंद ने कहा है, भाजपा को हराना जरूरी है, मुसलमान मोदी के खिलाफ वोट करें।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में दावा गलत पाया। दारुल उलूम देवबंद ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। फोटो में दिख रहे शख्स का नाम मौलाना हसीब सिद्दीकी है। उनका जनवरी 2019 में इंतकाल हो गया था।

क्या है वायरल पोस्ट में

इंस्टाग्राम यूजर jai_shri_ram888888  ने 10 मार्च को इस ग्राफिक्स को पोस्ट किया। पोस्ट के ऊपर लिखा है “मुस्लिम ने कहा BJP को हराना जरूरी है मुसलमान मोदी के खिलाफ वोट करें! दारू उलूम देवबंद ने ये कहा है। यहां पर कितने हिन्दू हैं? जो छाती ठोक कर कह सकें कि मेरा आजीवन वोट भारत माँ के लाल नरेन्द्र मोदी को जाएगा ! मुस्लिम BJP को वोट नहीं देता है क्यों”

पड़ताल

यह दावा 2022 उत्तर प्रदेश इलेक्शन के समय भी वायरल हुआ था। उस समय भी विश्वास न्यूज ने इसकी जांच की थी।

उस समय दावे की पड़ताल के लिए हमने कीवर्ड से दारुल उलूम देवबंद के इस बयान को सर्च किया था। इसमें हमें न्यूज 18 का एक वीडियो मिला था जिसे 25 मई 2018 को न्यूज 18 के ट्विटर हैंडल से ट्वीट (Archive) किया गया था। इसमें लिखा है, BJP को हराना जरूरी है, मुसलमान BJP के खिलाफ वोट दें: दारुल उलूम देवबंद।

इस बयान को और सर्च करने पर हमें एनडीटीवी की  26 मई 2018 की एक खबर का लिंक भी मिला था। इस खबर के मुताबिक, “कैराना उपचुनाव से पहले फतवे को लेकर चल रही खबरों को लेकर दारुल उलूम देवबंद ने बयान जारी किया। उसने भाजपा के खिलाफ जारी किसी भी फतवे से इंकार किया। दारुल उलूम देवबंद का कहना है कि वह किसी भी पार्टी के मामले में दखल नहीं देता है। उसकी तरफ से किसी भी राजनीतिक दल को लेकर कोई बयान या फतवा नहीं जारी किया गया।”

2022 की पड़ताल में हमने वायरल ग्राफिक्स में दिख रहे मौलाना के बारे में भी पड़ताल की थी। फोटो को गूगल रिवर्स इमेज टूल से सर्च करने पर हमें News18 Urdu यूट्यूब चैनल पर इनकी खबर भी मिली थी। 9 जनवरी 2019 को अपलोड किए गए इस वीडियो का टाइटल था, Maulana Haseeb Siddiqui Passes Away In Deoband | Jan 9, 2019। खबर के मुताबिक, मौलाना हसीब सिद्दीकी का आल इंतकाल हो गया। वह जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के खजांची थे और मुस्लिम फंड ट्रस्ट के इंचार्ज थे।

इस बारे में देवबंद में दारुल उलूम देवबंद के प्रवक्ता अशरफ उस्मानी का कहना है “दारुलुलूम ने ऐसी कोई अपील नहीं की है। ये किसी की शरारत है। फोटो में दिख रहे शख्स देवबंद के एक बैंक मैनेजर थे, जिनकी मौत 5 साल पहले हो चुकी है।”

दारुल उलूम देवबंद के गलत बयान को वायरल करने वाले इंस्टाग्राम यूजर jai_shri_ram888888 की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। इससे पता चला कि पेज के लगभग 20 हजार फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: मुस्लिमों से भाजपा के खिलाफ वोट करने का बयान या फतवा देवबंद दारुल उलूम ने जारी नहीं किया है। दारुल उलूम इस बयान से इनकार कर चुका है। तथाकथित वायरल बयान देने वाले मौलाना का संबंध जमीअत उलेमा-ए-हिन्द से था। उनका 2019 में इंतकाल हो चुका है।

False
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