Fact Check: एड्स संक्रमित इंजेक्शन लगाकर फल बेचने वाली फेक खबर का एडिटेड स्क्रीनशॉट हो रहा वायरल

सोशल मीडिया पर फेक खबर का स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है। इस तरह की कोई भी खबर दैनिक भास्कर ने नहीं चलाई है। ऐसी कोई खबर हमें सर्च में भी नहीं मिली।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक खबर का स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया गया है कि कुछ युवक एड्स संक्रमित इंजेक्शन लगाकर फल बेच रहे थे। खबर की डेटलाइन लखनऊ है। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। यूजर्स दैनिक भास्कर का एडिटेड स्क्रीनशॉट वायरल कर रहे हैं। इस तरह की कोई खबर नहीं छपी है।

क्या है वायरल पोस्ट में

फेसबुक यूजर Jagat Singh (आर्काइव) ने 24 अप्रैल को इस स्क्रीनशॉट को पोस्ट किया है।

खबर की हेडिंग है, एड्स संक्रमित इंजेक्शन लगाकर बेच रहे थे फल।
मैटर में लिखा है— लखनऊ: (पीईआइ संवाददाता) लखनऊ पुलिस ने आज किसी गुप्त जानकारी के आधार पर सड़क किनारे खड़े होकर तरबूज और खरबूजा बेच रहे संप्रदाय विशेष के युवकों को पकड़ा। पूछताछ के बाद युवकों ने स्वीकार किया है की वह फलो में HIV+ यानी एड्स से संक्रमित इंजेक्शन द्वारा फलों के जरिये अपने ग्राहकों को इस बिमारी से ग्रसित करना चाहते थे। वह ज्यादातर बहुसंख्यक बहुल इलाकों में ही अपने फलों की बिक्री कर रहे थे। पुलिस द्वारा सख्ती से पूछताछ कर इसके पीछे साजिश का पर्दाफाश करने में कुछ समय लगने के बाद ही कोई खुलासा करने की बात कही है फिलहाल कुल 8 युवको को पुलिस ने शुरूआती पूछताछ हेतु गिरफ्तार किया है जिनके नाम आसिफ पुत्र इमरान फवाद पुत्र… (कंटेंट को हूबहू वैसा ही लिखा गया है, जैसा स्क्रीनशॉट में है)।

हमें विश्वास न्यूज के टिपलाइन नंबर +91 95992 99372 पर पाठक सोनी अमित ने भी इस पोस्ट को भेजकर चेक करने को कहा।

पड़ताल

वायरल स्क्रीनशॉट की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले इसे ध्यान से देखा। खबर में काफी गलतियां दिख रही हैं। डेटलाइन में ‘पीईआइ संवाददाता’ लिखा है, जबकि इस नाम की कोई न्यूज एजेंसी नहीं है। हां, ‘पीटीआई’ जरूर है। इसके अलावा ‘बीमारी’ की जगह ‘बिमारी’ लिखा हुआ है। कुछ जगह वाक्य विन्यास भी गड़बड़ हैं।

इसकी और पड़ताल के लिए हमने कीवर्ड से इसको सर्च किया, लेकिन इस तरह की कोई खबर नहीं मिली। दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर भी इस तरह की कोई खबर नहीं है। फेसबुक पर सर्च करने पर हमें फेसबुक यूजर Bittoo Jakhar द्वारा शेयर किया गया वायरल स्क्रीनशॉट मिला। इसको 4 मई 2015 को अपलोड किया गया था। मतलब यह स्क्रीनशॉट करीब सात साल पहले भी वायरल हो चुका है।

वायरल स्क्रीनशॉट की हमने भास्कर की खबर के स्क्रीनशॉट से तुलना की। वायरल स्क्रीनशॉट का फॉन्ट भी अलग मिला। दोनों की डिजाइन में भी काफी अंतर है।

इसकी अधिक पुष्टि के लिए हमने दैनिक भास्कर लखनऊ के ब्यूरो प्रमुख विनोद मिश्र के साथ वायरल स्क्रीनशॉट को शेयर किया। उनका कहना है,’यह फेक है। हमारे यहां इस तरह की कोई खबर नहीं है।

अब बात करते हैं कि क्या खाने से एड्स फैलता है? 8 मई 2019 को navbharattimes में छपी खबर में लिखा है, WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, एचआईवी वायरस खाने के जरिए नहीं फैलता है। यह वायरस मानव शरीर से बाहर ज्यादा समय तक जिंदा नहीं रह सकता है।

फेक स्क्रीनशॉट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Jagat Singh की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। वह एक विचारधारा से प्रेरित हैं।

निष्कर्ष: सोशल मीडिया पर फेक खबर का स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है। इस तरह की कोई भी खबर दैनिक भास्कर ने नहीं चलाई है। ऐसी कोई खबर हमें सर्च में भी नहीं मिली।

False
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

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