Fact Check : पृथ्वीराज चौहान के बहाने वायरल हुआ एक न्‍यूज चैनल का फर्जी स्‍क्रीनशॉट

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में एबीपी न्‍यूज चैनल के नाम पर वायरल दोनों स्‍क्रीनशॉट फर्जी निकला।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफार्म पर एक निजी चैनल के दो स्‍क्रीनशॉट वायरल हो रहे हैं। एक स्‍क्रीनशॉट में दावा किया गया कि दिल्‍ली हाईकोर्ट ने पृथ्वीराज चौहान को राजपूत बताया है, जबकि दूसरे स्‍क्रीनशॉट में गुर्जर सम्राट होने की बात कही गई। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल दोनों स्‍क्रीनशॉट की जांच की। यह फर्जी निकला। पड़ताल में पता चला कि एबीपी न्‍यूज के लोगो और ब्रेकिंग प्‍लेट का दुरुपयोग करते हुए ये स्‍क्रीनशॉट तैयार किया गया।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक पेज The Glorious Jats ने 3 जून को एक चैनल के नाम पर वायरल स्‍क्रीनशॉट को पोस्‍ट करते हुए लिखा : ‘गुर्जरों को सलाम, उनके संघर्षो की जीत हुई। लेकिन बावले जाट है जिनके पुरखों ने रामलाल खोखर जाटों ने चौहान के कातिल गोरी को मारा, लेकिन सम्राट पृथ्वीराज चौहान फिल्म में चार बांस चौबीस गज अंगुल अष्ट प्रमाण दोहे से जाटों के इतिहास को मिटाने की नापाक कोशिश की लेकिन कोई जाट नहीं बोल रहा। शर्म आनी चाहिए जाटों को।’

स्‍क्रीनशॉट में लिखा हुआ था : ‘दिल्‍ली हाई कोर्ट ने कहा फिल्‍म में राजपूत नहीं दिखाया जाएगा। गुर्जर थे सम्राट पृथ्वीराज चौहान।’

इसी तरह दूसरे स्‍क्रीनशॉट में लिखा गया : ‘दिल्‍ली हाई कोर्ट ने कहा राजपूत थे पृथ्वीराज चौहान। गुर्जरों को तो हर दूसरे राजपूत राजा में अपना ##$% दिखता है।’

फर्जी स्‍क्रीनशॉट को अन्‍य यूजर्स भी अलग-अलग दावों के साथ वायरल कर रहे हैं। फेसबुक पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसके आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल ब्रेकिंग प्‍लेट की जांच की शुरुआत इसके स्‍कैनिंग से की। दोनों ब्रेकिंग प्‍लेट को देखकर ही समझ में आ गया कि ये फेक है, क्‍योंकि इसमें कॉमा, पूर्ण विराम के अलावा अन्‍य गलतियां भी साफ नजर आईं। इसके अलावा एबीपी न्‍यूज की ब्रेकिंग प्‍लेट का फॉंन्ट भी यह नहीं था।

जांच को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने एबीपी न्‍यूज के सोशल मीडिया हैंडल को खंगाला। हमें उनके फेसबुक और ट्विटर हैंडल पर एक पोस्‍ट मिली, जिसमें वायरल स्‍क्रीनशॉट को फर्जी बताया गया। पोस्‍ट में लिखा गया कि एबीपी न्‍यूज के नाम से एक फर्जी स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है। ऐसी कोई भी खबर एबीपी न्‍यूज पर प्रसारित नहीं की गई है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने एबीपी के सीनियर एडिटर से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि ये फेक है। चैनल ने ऐसी कोई खबर नहीं चलाई थी।

गूगल ओपन सर्च के दौरान पता चला कि पृथ्वीराज की जाति का मामला दिल्‍ली हाईकोर्ट पहुंचा था। जहां सभी पक्षों को सुनने के बाद दिल्‍ली हाईकोर्ट ने इस मामले का निपटारा करते हुए इसे बंद कर दिया। पूरी खबर यहां पढ़ी जा सकती है।

पड़ताल के अंतिम चरण में फर्जी पोस्‍ट करने वाले फेसबुक पेज की जांच की गई। फेसबुक पेज The Glorious Jats की सोशल स्‍कैनिंग में पता चला कि यूजर को 29 हजार से ज्‍यादा लोग लाइक करते हैं, जबकि 38 हजार से ज्‍यादा लोग इस पेज को फॉलो करते हैं। यह पेज 24 नवंबर 2019 को बनाया गया था।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में एबीपी न्‍यूज चैनल के नाम पर वायरल दोनों स्‍क्रीनशॉट फर्जी निकला।

False
Symbols that define nature of fake news
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