Fact Check: रतन टाटा के नाम से फिर से वायरल हुआ शराब की बिक्री को आधार कार्ड से जोड़ने का फर्जी बयान

रतन टाटा ने शराब की बिक्री आधार कार्ड से करने वाला बयान नहीं दिया है। उनके नाम से यह फर्जी पोस्ट वायरल हो रही है।

नई दिल्ली ​(विश्‍वास न्‍यूज)। उद्योगपति रतन टाटा के नाम से कई बयान वायरल हो चुके हैं। इनकी पड़ताल विश्वास न्यूज कर चुका है। अब सोशल मीडिया पर फिर से एक बयान वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया यूजर्स इसे शेयर कर दावा कर रहे हैं, रतन टाटा ने ट्वीट कर कहा है कि शराब की बिक्री आधार कार्ड देखकर होनी चाहिये और जो शराब खरीदे, उसको सरकारी खाद्य सब्सिडी बंद कर देनी चाहिए। जो शराब खरीद सकता है, वो अनाज भी खरीद सकता है।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा फर्जी है। रतन टाटा ने इस तरह का कोई बयान नहीं दिया है। विश्वास न्यूज पहले भी इस तरह के दावे की पड़ताल कर चुका है।

क्या है वायरल पोस्ट में

फेसबुक यूजर Mohan Singh (आर्काइव लिंक) ने 18 नवंबर को एक पोस्ट की। इसमें लिखा है,

उद्योगपति श्री रतन टाटा जी का ट्वीट पढा, उन्होंने लिखा है कि शराब की बिक्री आधार कार्ड पर होना चाहिये, जो शराब खरीदता है उसकी खाद्य सब्सिडी बन्द कर देनी चाहिये !! क्योंकि जो जो शराब खरीदता है वो अनाज भी खरीद सकता है। मैं इसका पूर्ण समर्थन करता हूं!

पड़ताल

वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले रतन टाटा का ट्विटर अकाउंट खंगाला, लेकिन इस दावे की पुष्टि करता हुआ कोई भी ट्वीट नहीं मिला। हां, रतन टाटा द्वारा कुछ फेक पोस्ट के बारे में बताते हुए ट्वीट जरूर मिले। इसके अलावा रतन टाटा के फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट पर भी हमें ऐसी कोई पोस्ट नहीं मिली।

कीवर्ड से फेसबुक पर तलाशने पर हमें सितंबर 2021 की एक पोस्ट (आर्काइव लिंक) मिली। इसमें रतन टाटा के नाम से मिलता—जुलता दावा किया गया है। इसमें लिखा है,
शराब की बिक्री आधार कार्ड के जरिए की जानी चाहिए। शराब खरीदने वालों को सरकारी खाद्य सब्सिडी बंद कर देनी चाहिए। जो शराब खरीद सकते हैं, वे खाना भी जरूर खरीद सकते हैं। जब हम उन्हें मुफ्त खाना देते हैं तो वे पैसे देकर शराब खरीदते हैं।: रतन टाटा
मतलब यह पहले भी वायरल हो चुका है।

कीवर्ड से इसे गूगल पर सर्च करने पर न्यूज 18 की खबर का लिंक मिला। इसे 4 सितंबर 2021 को पब्लिश किया गया है। इसके अनुसार, रतन टाटा के नाम से एक बयान वायरल हो रहा है। इसमें लिखा है कि शराब की बिक्री आधार कार्ड से होनी चाहिए। जो शराब खरीदते हैं, उनकी सरकारी फूड सब्सिडी बंद कर देनी चाहिए। सोशल मीडिया पर वायरल इस बयान को रतन टाटा ने फेक बताया है।

एनडीटीवी में भी 4 सितंबर 2021 को पब्लिश खबर में इस वायरल बयान को फेक बताया गया है। इसमें लिखा है कि सोशल मीडिया पर रतन टाटा के नाम से एक बयान वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया जा रहा है कि रतन टाटा ने शराब की बिक्री आधार कार्ड के जरिए किए जाने की बात कही थी। साथ ही शराब खरीदने वालों की खाद्य सब्सिडी बंद करने की भी बात की गई है। रतन टाटा ने इस पोस्ट को फेक बताया है। उन्होंने कहा है, ‘यह मेरे द्वारा नहीं कहा गया था।’

इस बारे में हमने टाटा संस ट्रस्ट के प्रवक्ता देबासिस रे से ईमेल के जरिए संपर्क किया। उन्होंने इसे फेक बताया। उनका कहना है, ‘रतन टाटा ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है।

फर्जी पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर ‘मोहन सिंह‘ की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। इसके मुताबिक, वह उत्तराखंड के द्वाराहाट में रहते हैं।

निष्कर्ष: रतन टाटा ने शराब की बिक्री आधार कार्ड से करने वाला बयान नहीं दिया है। उनके नाम से यह फर्जी पोस्ट वायरल हो रही है।

False
Symbols that define nature of fake news
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