Fact Check : बच्‍चे पकड़ने की गैंग के नाम पर वायरल हुई देह व्‍यापार गैंग की तस्‍वीर

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर एक तस्‍वीर वायरल हो रही है। इस वायरल तस्‍वीर के बारे में दावा किया जा रहा है कि मध्‍य प्रदेश के रतलाम जिले के जावरा में बच्‍चे पकड़ने वाले 25 लोगों की एक गैंग को पकड़ा गया है। तस्‍वीर उसी गैंग की है। विश्‍वास टीम की पड़ताल में यह दावा फर्जी निकला। तस्‍वीर में दिख रहे लोगों को मप्र की रतलाम पुलिस ने सेक्‍स रैकेट के आरोप में पकड़ा था। इस तस्‍वीर को अब गलत संदर्भ के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक यूजर Rahul Adbariya ने 25 जुलाई को एक तस्‍वीर को अपलोड करते हुए दावा किया : ”भाईयो MP के रतलाम जिले के जावरा शहर से बच्चे पकङने वाले 25 आदमियो कि गेंग को पकङा गया है। आपके फोन मे जितने भी सम्पर्क है सभी को सेन्ड करे और सभी ग्रूप मे जरुर करे, ताकि सभी सचेत रहे और किसी का बच्चा इस तरह चोरी न हो!”

इस पोस्‍ट को अब तक 200 से ज्‍यादा लोग शेयर कर चुके हैं। इसके अलावा कई यूजर इस तस्‍वीर को अलग-अलग संदर्भ के साथ वायरल कर रहे हैं।

पड़ताल

विश्‍वास टीम ने सबसे पहले वायरल पोस्‍ट को ध्‍यान से देखा। तस्‍वीर में पीछे नगर पुलिस अधीक्षक, जावरा जिला रतलाम का बोर्ड हमें दिखा। इससे एक बात तो साफ हो गई कि वायरल तस्‍वीर रतलाम जिले के जावरा की ही है। इसके बाद हमने अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए रतलाम पुलिस के फेसबुक पेज पर गए। पेज को स्‍कैन करने से हमें वहां 15 जुलाई की एक पोस्‍ट मिली।

मध्‍य प्रदेश के स्‍थानीय खबर की कटिंग यहां इस्‍तेमाल की गई थी। इस खबर में इस्‍तेमाल की गई फोटो और वायरल तस्‍वीर एक ही थी। बस एंगल थोड़ा अलग था। खबर से हमें पता चला कि यह तस्‍वीर किसी बच्‍चा चोरी गैंग की नहीं, बल्कि देह व्‍यापार से जुड़े लोगों की थी।

जांच को आगे बढ़ाते हुए हम मध्‍य प्रदेश से प्रकाशित नई दुनिया अखबार की वेबसाइट पर गए। वहां हमने 15 जुलाई 2019 का रतलाम का ईपेपर खंगालना शुरू किया। आखिर हमें यह खबर मिल ही गई। खबर के साथ एक तस्‍वीर भी इस्‍तेमाल की गई थी।

इस तस्‍वीर में वही लोग नजर आ रहे थे, जो वायरल तस्‍वीर में मौजूद थे। खबर के अनुसार, 14 जुलाई को जावरा के ग्राम परवलिया के बांछड़ा डेरों पर दबिश के दौरान देह व्‍यापार में लिप्‍त एक नाबालिग सहित 9 युवतियों और 15 युवकों को पकड़ा गया। सभी के खिलाफ अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम की धारा 6, 7, 8 व 11/12 तथा पॉक्सो एक्ट में प्रकरण दर्ज किया है।

इसके बाद विश्‍वास टीम ने जावरा सीएसपी अगम जैन से संपर्क किया। उन्‍होंने हमें बताया कि वायरल पोस्‍ट फेक है। सच्‍चाई यह है कि पूरा मामला सेक्‍स रैकेट से जुड़ा हुआ था।

अंत में हमने उस यूजर्स के अकाउंट की सोशल स्‍कैनिंग की, जिसने सेक्‍स रैकेट से जुड़ी तस्‍वीर को बच्‍चा चोरी के नाम पर वायरल की। फेसबुक यूजर Rahul Adbariya हरियाणा के गुडगांव में रहते हैं। राहुल फेसबुक पर काफी सक्रिय है।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास टीम की पड़ताल में पता चला कि वायरल तस्‍वीर का बच्‍चे चोरी करने वाले गैंग से कोई लेना-देना नहीं है। पुलिस ने 14 जुलाई को जावरा के एक गांव में सेक्‍स रैकेट का भंडाफोड़ किया था। तस्‍वीर उसी दौरान की है।

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Symbols that define nature of fake news
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