वायरल तस्वीरों का बीजेपी विधायक सुधीर गाडगिल से कोई संबंध नहीं है। अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग साल में खींची गई तस्वीरों को अब फर्जी दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर दो तस्वीरों का एक कोलाज वायरल किया जा रहा है। इसमें पहली तस्वीर में सफेद रंग की गाड़ी के पीछे कुछ पुलिस कर्मी खड़े हुए हैं। वहीं, दूसरी तस्वीर में नोटों से भरे गत्ते के कार्टन्स को देखा जा सकता है। अब इस कोलाज को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि बीजेपी विधायक सुधीर गाडगिल की कार से 20 हजार करोड़ की नई करंसी पकड़ी गई है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट को लेकर किया जा रहा दावा गलत निकला। वायरल दोनों तस्वीरें दो अलग-अलग घटनाओं की हैं। यह कोलाज साल 2018,2019, 2021 में भी समान दावे के साथ वायरल किया जा चुका है। कोलाज को फर्जी दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
विश्वास न्यूज के वॉट्सऐप टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर यूजर ने इस वायरल स्क्रीनशॉट को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया है।
सोशल मीडिया यूजर ‘Rakesh Singh Kushwah’ ने वायरल कोलाज (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “यह है भा ज पा के भ्रष्ट विधायक मोदी जी इनके खिलाफ कार्रवाई करके देखिए आपका बैंड बज जाएगा क्योंकि यह आर एस एस का हीरो है।”
वायरल कोलाज के ऊपर लिखा हुआ है: मोदी जी को बधाई हो भाजपा के विधायक सुधीर गाडगिल की कार से 20 हजार करोड़ की नई करंसी पकड़ी गई है। ये खबर आग की तरह फैला दो क्योंकि अपने भारत की मीडिया में ये दिखाने की औकात नहीं।
इस स्क्रीनशॉट को फेसबुक पर कई अन्य यूजर्स ने भी समान दावे के साथ शेयर किया है।
विश्वास न्यूज ने जांच की शुरुआत करते हुए दोनों तस्वीरों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के अलग- अलग करके सर्च किया। हमने सबसे पहले कोलाज की पहली तस्वीर, जिसमें कुछ पुलिस कर्मी गाड़ी के साथ नज़र आ रहे हैं, उसे गूगल रिवर्स इमेज में सर्च किया। हमें यह तस्वीर साल 2016 में प्रकाशित एक खबर में मिली। एबीपी माझा पर 15 नवंबर 2016 को मराठी भाषा में प्रकाशित खबर में वायरल तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। हमने मराठी खबर को हिंदी में ट्रांसलेट किया। दी गई जानकारी मुताबिक, “उस्मानाबाद के तुलजापुर से 6 करोड़ रुपये की बरामदगी के मामले में एक नई व्याख्या सामने आई है। सुधीर गाडगिल ने साफ किया है कि यह रकम बीजेपी विधायक सुधीर गाडगिल के भाई गणेश गाडगिल का निजी पैसा नहीं है, बल्कि बैंक का है। गणेश गाडगिल सांगली अर्बन बैंक के अध्यक्ष हैं। यह रकम सांगली अर्बन बैंक के नाम पर ले जाई जा रही थी। निर्वाचन पदाधिकारी ने जिलाधिकारी को पत्र देकर कहा है कि छह करोड़ की राशि ले जाते समय वाहन के साथ कोई जिम्मेदार बैंक अधिकारी या सुरक्षा गार्ड नहीं था, इसलिए सारी राशि जिला कोषागार में जमा करा दी गयी है।”
दूसरी तस्वीर
अब हमने कोलाज में मौजूद दूसरी तस्वीर,जिसमें नोटों से भरे गत्ते के कार्टन को देखा जा सकता है, उसे गूगल रिवर्स इमेज में सर्च किया। हमें द टाइम्स ऑफ़ इंडिया की वेबसाइट पर 17 नवंबर 2017 को प्रकाशित खबर में वायरल तस्वीर से जुड़ी जानकारी मिली। खबर के अनुसार, “नवंबर 2017 में आयकर विभाग ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के दलाल संजय गुप्ता के दिल्ली स्थित घर पर छापा मारा था। इस दौरान विभाग ने 11 करोड़ कैश बरामद किया था। वायरल तस्वीर उसी दौरान ली गई थी।
यह कोलाज समय-समय पर सोशल मीडिया पर वायरल किया जा चुका है। जिसकी पड़ताल कर विश्वास न्यूज ने सच्चाई सामने रखी थी। आप हमारी पहले की पड़ताल को यहां पढ़ सकते हैं।
उस समय हमने इन तस्वीरों को लेकर सुधीर गाडगिल से संपर्क किया था। उन्होंने बताया था कि यह तस्वीर साल 2016 की है। उनके एक भाई सांगली में को-ऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन हैं और उनके बैंक का यह पैसा था, जिसे नोटबंदी के समय लोगों ने जमा करवाया था। यह करीब 6 करोड़ रुपए थे। इस घटना से उनका कोई संबंध नहीं है। “
पड़ताल के अंत में हमने कोलाज को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की जांच की। जांच में पता चला कि यूजर ‘राकेश सिंह कुशवाहा ‘ इंदौर का रहने वाला है। यूजर के फेसबुक पर 959 फ्रेंड्स हैं।
निष्कर्ष: वायरल तस्वीरों का बीजेपी विधायक सुधीर गाडगिल से कोई संबंध नहीं है। अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग साल में खींची गई तस्वीरों को अब फर्जी दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
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