Fact Check: पेप्सी में एचआईवी संक्रमित खून मिलाने का दावा झूठा है

Fact Check: पेप्सी में एचआईवी संक्रमित खून मिलाने का दावा झूठा है

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है जिसमें हाथ बंधा हुआ एक शख्स दिख रहा है। इस शख्स को पेप्सी में काम करने वाला बताया जा रहा है। इस पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि इस शख्स ने पेप्सी में एचआईवी संक्रमित खून मिला दिया है। इस पोस्ट में लोगों को चेतावनी भी दी जा रही है कि अगले कुछ हफ्तों तक वे पेप्सी को पीने से बचें। विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह वायरल दावा फर्जी निकला है। न तो तस्वीर में दिख रहा शख्स पेप्सी में काम करता है और न ही पेप्सी में एचआईवी संक्रमित खून मिलाया गया है। 

क्या है वायरल पोस्ट में

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह पोस्ट अंग्रेजी में है। इसमें लिखा है, ‘इस शख्स ने अपने संक्रमित खून को पेप्सी में मिला दिया है। अगले कुछ हफ्तों तक पेप्सी मत पीजिए, कंपनी में काम करने वाले इस आदमी ने एचआईवी (एड्स) से संक्रमित अपना खून इसमें मिला दिया है। इसे कल स्काई न्यूज पर दिखाया गया था। इस मैसेज को उन लोगों को भेजिए जिनकी आप परवाह करते हैं।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने इस पोस्ट के दावों को अलग-अलग हिस्सों में बांट कर अपनी पड़ताल शुरू की। सबसे पहले हमने उस शख्स की पड़ताल शुरू की जिसे इस तस्वीर में दिखाया जा रहा है।

हमने snipping टूल का इस्तेमाल कर इस शख्स की तस्वीर को क्रॉप किया। फिर हमने इसका Google reverse image सर्च किया। 


हमें ऑनलाइन कई रिपोर्ट मिलीं। हमने पाया कि वायरल पोस्ट में दिखाए जा रहे इस शख्स का नाम Aminu Sadiq Ogwuche है। यह शख्स नाइजीरिया की राजधानी में हुए न्यान्या बम हमले का कथित मास्टरमाइंड है। इस फोटो को जुलाई 2014 में लिया गया था। उस समय आरोपी को नाइजीरिया एयर फोर्स के जहाज से लाकर डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट सिक्युरिटी (DSS) और नाइजीरिया के इंटरपोल को सौंपा गया था।

हम इस वारदात से जुड़ी कई न्यूज रिपोर्ट मिलीं। इनमें से कुछ को यहां देखा जा सकता है: 



इन रिपोर्ट्स से इस बात की पुष्टि होती है कि वायरल पोस्ट में दिख रहा शख्स दरअसल नाइजीरिया में हुए बम ब्लास्ट का आरोपी है। इससे यह बात भी पता चलती है कि यह शख्स पेप्सी कंपनी में काम नहीं करता जैसा कि पोस्ट में दावा किया जा रहा है। 

इस तस्वीर के साथ जो टेक्स्ट शेयर किया जा रहा है उसमें दावा किया गया है कि इस शख्स ने पेप्सी में अपना एचआईवी संक्रमित खून मिलाया है। 

हमने पेप्सिको के कंज्यूमर डिपार्टमेंट की यास्मिन पटेल से बात की। उन्होंने कहा, ‘यह खबर कई सालों से फैलाई जा रही है। यह फर्जी है। ऐसा कुछ भी पेप्सी के साथ नहीं हुआ है।

इस पोस्ट में यह भी दावा किया गया है कि स्काई न्यूज ने इस खबर को दिखाया था। हमें स्काई न्यूज की वेबसाइट पर ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली। 

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन की आधिकारिक वेबसाइट पर हमने यह जानने की कोशिश की कि क्या एचआईवी खाद्य पदार्थों के माध्यम से फैल सकता है। हमें एक रिपोर्ट मिली। इसके मुताबिक, ‘किसी एचआईवी संक्रमित के हाथों बना खाना खाकर आपको एचआईवी का संक्रमण नहीं हो सकता। अगर खाद्य पदार्थ में थोड़ी मात्रा में एचआईवी संक्रमित खून या सीमेन भी मिला भी है तो हवा, गरमी, पकाने के दौरान की गरमी और पेट के एसिड वायरस को नष्ट कर देंगे।

हालांकि, यह काफी दुर्लभ मामला है,लेकिन एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के चबाए हुए खाने के इस्तेमाल से इसका संक्रमण हो सकता है। ऐसे कुछ मामले बच्चों में देखे गए हैं।


हमे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की वेबसाइट पर एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के मुताबिक, किसी संक्रमित व्यक्ति के शरीर के तरल पदार्थों जैसे खून, ब्रेस्ट मिल्क, सीमेन, वेजाइनल स्राव के माध्यम से फैलता है। रोजाना के संपर्कों जैसे- किस करने, गले लगाने, हाथ मिलाने या निजी सामानों, खाना, पानी साझा करने से ये संक्रमण नहीं फैलता। 


ऐसी ही फर्जी पोस्ट पहले भी शेयर की जा चुकी हैं। उनमें भी इसी शख्स की तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था। तब यह फर्जी दावा किया गया था कि कैडबरी के उत्पादों को एचआईवी से संक्रमित किया गया है। 

निष्कर्ष

विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह वायरल दावा फर्जी निकला है। न तो इस पोस्ट में दिख रहा शख्स पेप्सी में काम करता है और न ही पेप्सी में एचआईवी संक्रमित खून मिलाया गया है।

False
Symbols that define nature of fake news
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