Fact Check : 1 जुलाई से रेलवे के नियमों में बदलाव के नाम पर वायरल हुई फेक पोस्ट

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में एक जुलाई से रेलवे के 10 नियमों को बदलने की बात फर्जी साबित हुई। वायरल मैसेज में कोई सच्‍चाई नहीं है।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। सोशल मीडिया में भारतीय रेलवे के नियमों को लेकर एक फर्जी पोस्‍ट वायरल हो रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि 1 जुलाई से रेलवे के 10 नियमों में बदलाव होगा। इसमें वेटिंग लिस्‍ट से लेकर, पेपरलेस टिकट, राजधानी ट्रेन, रिफंड जैसे नियमों में बदलाव की बात की गई है। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। रेलवे के आला अधिकारियों ने भी इसे फेक बताया।

क्‍या हो रहा है वायरल

कई फेसबुक यूजर एक पोस्‍ट शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि एक जुलाई से रेलवे के 10 नियम बदल जाएंगे। इसमें केवल कन्‍फर्म टिकट देने की बात कही गई। इसके अलावा टिकट रद करवाने पर 50 फीसदी राशि ही मिलने की बात कही गई।

ऐसे ही कई नियमों को बदलने की बात इस पोस्‍ट में कही गई। पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देख सकते हैं।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले गूगल सर्च की मदद लिया, क्‍योंकि यदि रेलवे ऐसा बदलाव करता है तो यह खबर जरूर बनता। वहीं, हमें कुछ ऐसी पुरानी खबरें मिलीं, जिसमे वायरल दावे को लेकर बताया गया था कि इसमें रेलवे कोई बदलाव नहीं करने जा रही है। एनडीटीवी की वेबसाइट पर 24 जून 2016 को पब्लिश खबर में रेलवे के हवाले से बताया गया कि ऐसा कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। पूरी खबर यहां पढ़ें।

पड़ताल के दौरान हमें वायरल मैसेज के बारे में यह भी पता चला कि यह मैसेज पिछले कई सालों से सोशल मीडिया में वायरल है। हमें वर्ष 2015 में वायरल मैसेज भी मिला। इसे आप यहां देख सकते हैं।

जांच के दौरान हमें रेल मंत्रालय की ओर से 30 जून 2017 को जारी एक प्रेस नोट मिला। इसमें उन्‍हीं वायरल मैसेज का खंडन करते हुए बताया गया कि रेलवे के नियमों में बदलाव वाली खबर बेबुनियाद है। इसे आप यहां पढ़ सकते हैं।

जांच को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने भारतीय रेलवे के अधिकारियों से बात की। उनके साथ वायरल पोस्‍ट को शेयर किया। सेंट्रल रेलवे के सीपीआरओ शिवाजी सुतार ने विश्‍वास न्‍यूज से कहा है कि रेलवे की ओर से ऐसा कुछ भी जारी नहीं किया गया है, जैसा वायरल मैसेज में दावा किया गया है। वहीं, वेस्‍टर्न रेलवे के वड़ादेरा डिविजन के पीआरओ खेमराज मीणा ने विश्‍वास न्‍यूज को बताया कि ऐसा कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है। वहीं, पुणे रेल डिविजन के पीआरओ मनोज झवर ने वायरल मैसेज को फेक बताया।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में एक जुलाई से रेलवे के 10 नियमों को बदलने की बात फर्जी साबित हुई। वायरल मैसेज में कोई सच्‍चाई नहीं है।

False
Symbols that define nature of fake news
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