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Fact Check: कोल्‍ड ड्रिंक में इबोला वायरस होने के दावे करती फर्जी पोस्‍ट फिर वायरल

विश्वास न्यूज की पड़ताल में कोल्ड ड्रिंक में इबोला वायरस मिलाने का दावा फर्जी निकला।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें लोगों को वार्निंग दी जा रही है कि कोल्ड ड्रिंक का सेवन न करें, क्योंकि कंपनी के एक कर्मचारी ने इनमें इबोला वायरस से संक्रमित खून मिला दिया है। इस पोस्ट में यह दावा एनडीटीवी के हवाले से किया जा रहा है।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में यह दावा गलत पाया। हैदराबाद पुलिस द्वारा ऐसी कोई सूचना जारी नहीं की गई है और ना ही एनडीटीवी द्वारा इससे संबंधित किसी खबर को प्रकाशित किया गया है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर “Raunak Raj” ने 5 मई 2024 को यह पोस्ट शेयर की जिसमें लिखा है, “कृपया इसे सभी मित्रों को अग्रेषित करें, यह जानकारी पूरे भारत में हैदराबाद पुलिस द्वारा दी गई है। कृपया कोई भी ठंडा पेय जैसे माज़ा, फैन्टा, 7 अप, कोका कोला, माउंटेन डीओ, पेप्सी इत्यादि न पियें। अगले कुछ दिनों तक क्योंकि कंपनी के एक कर्मचारी ने इसमे इबोला नाम के खतरनाक वायरस का दूषित खून मिला दिया है. ये खबर कल एनडीटीवी चैनल में बताई गई.

कृपया इस संदेश को यथाशीघ्र अग्रेषित करके सहायता करें।”

 पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

यह पोस्ट एक बार पहले भी वायरल हो चुकी है। उस समय भी विश्वास न्यूज़ ने इसकी जांच की थी। विश्‍वास न्‍यूज वायरल पोस्ट की सच्‍चाई जानने के लिए सबसे पहले कीवर्ड के जरिए गूगल सर्च किया था। सर्च के दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी कोई भी विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट्स नहीं मिली थी पर हमें हैदराबाद पुलिस के द्वारा 13 जुलाई 2019 को किया गया एक ट्वीट (Archive) मिला था, जिसमें वायरल दावे को फर्जी बताया गया था। हैदराबाद पुलिस ने अपने ट्वीट में लिखा था, “Fake news spreading on social media about cool drinks and a warning from Hyderabad city police is fake one and Hyderabad city police never released any message regarding this.”

हिंदी अनुवाद: शीतल पेय को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल खबर फर्जी है। हैदराबाद पुलिस ने इस बारे में कभी कोई संदेश जारी नहीं किया है। पूरा ट्वीट यहां पढ़ा जा सकता है।

पड़ताल के दौरान हमें इबोला वायरस से संबंधित एक रिपोर्ट 23 अक्टूबर 2019 को नवभारत टाइम्स पर प्रकाशित मिली थी। रिपोर्ट के अनुसार, “इबोला वायरस संक्रमित जानवरों के काटने या खाने से लोगों में फैलता है। इबोला से पीड़ित रोगी के शरीर से निकलने वाले पसीना, खून या दूसरे तरल पदार्थ से भी यह वायरस फैलता है।”

इबोला वायरस के बारे में और अधिक जानकारी के लिए हमने सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC) की वेबसाइट पर वायरल दावे के बारे में खोजा था तो वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट एक रिपोर्ट हमें मिली थी, जिसके अनुसार, “इबोला वायरस खाद्य पदार्थों के माध्यम से नहीं फैलता है। हालांकि, दुनिया के कुछ हिस्सों में जंगली जानवरों के मांस के इस्तेमाल से फैल सकता है।” रिपोर्ट में कोल्ड ड्रिंक्स से इबोला वायरस फैलने का जिक्र नहीं किया गया है। पूरी रिपोर्ट यहां पढ़ें।

वायरल दावे में एनडीटीवी का हवाला दिया गया था, इसलिए हमने इस संबंध में एनडीटीवी से भी संपर्क किया था। एनडीटीवी के वेब एडिटर देशबंधु सिंह के मुताबिक, एनडीटीवी पर इस तरह की कोई रिपोर्ट प्रकाशित नहीं की गई थी। उन्होंने वायरल दावा फर्जी बताया था।

पहले भी कई बार यह पोस्ट समान दावे के साथ वायरल हो चुकी है, जिसकी जांच विश्वास न्यूज़ ने की थी। आप हमारी पहले की पड़ताल को यहां पढ़ सकते हो।

अंत में हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले पेज की सोशल स्कैनिंग की। स्कैनिंग में पता चला कि फेसबुक पर इस पेज को 4 जुलाई 2019 बनाया गया है।  

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में कोल्ड ड्रिंक में इबोला वायरस मिलाने का दावा फर्जी निकला।

  • Claim Review : कोल्ड ड्रिंक का सेवन न करें, क्योंकि कंपनी के एक कर्मचारी ने इनमें इबोला वायरस से संक्रमित खून मिला दिया है।
  • Claimed By : Facebook user
  • Fact Check : झूठ
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