विश्वास न्यूज की पड़ताल में डॉक्टर प्रयाग डाभी के नाम से कोरोना संक्रमण के बचाव और घटते ऑक्सीजन स्तर को घरेलू उपाय से ठीक करने का वायरल हो रहा ये दावा झूठा निकला है। डॉक्टर प्रयाग डाभी ने बताया है कि इस वायरल मैसेज में उनके नाम का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, वायरल घरेलू उपाय सर्दी, जुकाम और सांस से जुड़ी समस्याओं में राहत दे सकते हैं। हालांकि, ऐसा कहने के पीछे कोई वैज्ञानिक साक्ष्य मौजूद नहीं है कि इन उपायों से कोरोना वायरस का संक्रमण ठीक ही हो जाएगा या बिना अस्पताल गए ऑक्सीजन का गिरता स्तर सुधर जाएगा।
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर वायरल एक मैसेज में गुजरात के एक डॉक्टर प्रयाग डाभी के हवाले से कोरोना वायरस संक्रमण से कथित बचाव की एक कहानी साझा की जा रही है। इस वायरल मैसेज में डॉक्टर के हवाले से बताया जा रहा है कि कर्पूर और अजवाइन के मिश्रण को सूंघने से कोरोना संक्रमण की वजह से काफी गिर चुका ऑक्सीजन स्तर सुधर गया और मरीज को अस्पताल ले जाने की जरूरत नहीं पड़ी। इसमें आगे यह भी दावा किया गया गया है कि आयुर्वेद इस बीमारी से बचाने का एकमात्र तरीका है, जिसके तहत कर्पूर, अजवाइन और लौंग को सूंघने की सलाह दी जा रही है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा गलत साबित हुआ है। हमने जब गुजरात के डॉक्टर प्रयाग डाभी से संपर्क किया, तो उन्होंने बताया कि इस वायरल मैसेज में उनके नाम का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है।
जहां तक वायरल मैसेज में दिए गए घरेलू उपाय की बात है, तो एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ये उपाय सर्दी, जुकाम और सांस से जुड़ी समस्याओं में राहत दे सकते हैं। हालांकि, ऐसा कहने के पीछे कोई वैज्ञानिक साक्ष्य मौजूद नहीं है कि इन उपायों से कोरोना वायरस का संक्रमण ठीक ही हो जाएगा या बिना अस्पताल गए ऑक्सीजन का गिरता स्तर सुधर जाएगा।
विश्वास न्यूज को अपने फैक्ट चेकिंग वॉट्सऐप चैटबॉट (+91 95992 99372) पर भी यह वायरल दावा फैक्ट चेक के लिए मिला है। वायरल मैसेज काफी लंबा है, जिसमें गुजरात के संजीवनी हेल्थकेयर के एक डॉक्टर प्रयाग डाभी के नाम पर घरेलू उपायों से कोरोना संक्रमण से बचने और गिरते ऑक्सीजन स्तर को सुधारने की कथित सक्सेस स्टोरी शेयर की जा रही है। इस वायरल मैसेज के स्क्रीनशॉट को यहां नीचे देखा जा सकता है।
कीवर्ड्स से खोजने पर हमें मैसेज ट्विटर पर भी वायरल मिला। ट्विटर यूजर Rajgopal Naidu ने भी डॉक्टर प्रयाग डाभी के हवाले से वायरल हो रहे इस मैसेज को ट्वीट किया है।
इस ट्वीट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल मैसेज और संजीवनी हेल्थकेयर के डॉक्टर प्रयाग डाभी को लेकर इंटरनेट पर सर्च किया। हमें फेसबुक पर संजीवनी हेल्थकेयर नाम का एक पेज मिला। इस पेज पर हमें 25 मार्च 2021 को शेयर की गई एक पोस्ट मिली। इस पोस्ट में डॉक्टर प्रयागराज डाभी के हवाल से लिखा गया है कि लोग उनके नाम पर एक फेक मैसेज शेयर कर रहे हैं, जिसमें ‘किसी प्रमोदभाई मलकाण’ से बात होने का दावा किया जा रहा है। इस पोस्ट में एक मोबाइल नंबर भी शेयर किया गया है और अपील की गई है कि डॉक्टर प्रयाग डाभी से जुड़ी किसी भी चीज को फॉरवर्ड या शेयर करने से पहले कन्फर्म कर लें। इस पोस्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने इस पोस्ट में शेयर किए गए नंबर पर संजीवनी हेल्थकेयर के डॉक्टर प्रयागराज डाभी से संपर्क किया। हमने उन्हें वायरल हो रहे मैसेज के बारे में बताया। डॉ. डाभी ने पुष्टि करते हुए कहा कि यह फर्जी मैसेज है, जिसे उनके नाम से वायरल किया जा रहा है। डॉ. डाभी ने खुद को आयुर्वेद का डॉक्टर बताया। हमने उनसे मैसेज में बताए जा रहे घरेलू उपचारों और उसके दावों पर बात की। डॉ. डाभी ने बताया कि कर्पूर, अजवाइन और लौंग का इस्तेमाल आयुर्वेद में सांस से संबंधी दिक्कतों के लिए किया जाता है। सांस से जुड़ी परेशानियों में इससे राहत भी मिल सकती है। हालांकि, उन्होंने कहा कि यह दावा करना कि इससे कोरोना संक्रमण नहीं होगा या गिरता ऑक्सीजन स्तर सुधर जाएगा, सही नहीं है। उन्होंने सलाह दी कि लोगों को सेल्फ मेडिकेशन की बजाय कोविड-19 की स्थिति में एक्सपर्ट डॉक्टर्स से इलाज कराना चाहिए।
विश्वास न्यूज ने इस घरेलू नुस्खे को लेकर और स्पष्टता हासिल करने के लिए आयुर्वेद प्रैक्टिशनर डॉक्टर ललित जैन से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि आयुर्वेद में ऐसी कोई स्टडी और रिसर्च नहीं है, जो यह साबित करने की इन चीजों को मिलाकर लेने से ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है। हालांकि उनके मुताबिक इन चीजों से शरीर में बने कफ को कम करने में मदद मिलती है।
विश्वास न्यूज ने इस संबंध में नागपुर के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉक्टर विवेक गुप्ता से भी संपर्क किया। डॉक्टर विवेक फिलहाल कोविड-19 संक्रमित मरीजों का उपचार भी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कोविड-19 संक्रमण से बचाने और ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाने के इस घरेलू उपचार के दावों के पीछे कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। उनके मुताबिक, अगर ऑक्सीजन स्तर में कमी आती है, तो लोगों को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को शेयर करने वाले ट्विटर यूजर Rajgopal Naidu की प्रोफाइल को स्कैन किया। यह प्रोफाइल जनवरी 2014 में बनाई गई है और फैक्ट चेक किए जाने तक इसके 8869 फॉलोअर्स थे। यूजर महाराष्ट्र के रहने वाले हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में डॉक्टर प्रयाग डाभी के नाम से कोरोना संक्रमण के बचाव और घटते ऑक्सीजन स्तर को घरेलू उपाय से ठीक करने का वायरल हो रहा ये दावा झूठा निकला है। डॉक्टर प्रयाग डाभी ने बताया है कि इस वायरल मैसेज में उनके नाम का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, वायरल घरेलू उपाय सर्दी, जुकाम और सांस से जुड़ी समस्याओं में राहत दे सकते हैं। हालांकि, ऐसा कहने के पीछे कोई वैज्ञानिक साक्ष्य मौजूद नहीं है कि इन उपायों से कोरोना वायरस का संक्रमण ठीक ही हो जाएगा या बिना अस्पताल गए ऑक्सीजन का गिरता स्तर सुधर जाएगा।
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