Fact Check: सवर्ण मतदाताओं के खिलाफ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम से वायरल हो रहा बयान फर्जी और मनगढ़ंत

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद से सोशल मीडिया पर अफवाहों का सिलसिला शुरू हो चुका है। वायरल हो रहे एक पोस्ट में हिंदी न्यूज चैनल ABP का कथित ब्रेकिंग प्लेट नजर आ रहा है, जिसमें नीतीश कुमार के नाम से एक बयान को साझा किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि नीतीश कुमार ने कहा है कि उन्हें स्वर्ण मतदाताओं की परवाह नहीं है, क्योंकि वह उनके मतदाता ही नहीं हैं।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत और नीतीश कुमार के खिलाफ दुष्प्रचार साबित हुआ। नीतीश कुमार के नाम से वायरल हो रहा बयान फर्जी और मनगढ़ंत हैं और इसे लेकर वायरल हो रहा ब्रेकिंग प्लेट भी एडिटेड है, जिसे ABP के वास्तविक ब्रेकिंग प्लेट को एडिट कर बनाया गया है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

सोशल मीडिया यूजर ‘Keshav Krishna’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”Lijye ab bhi Kuch ijjat bachi he to bachiye yahi value rah gai he .” (लीजिए अब भी कुछ इज्जत बची है तो बचाइए…यही वैल्यू रह गई है।)

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही वायरल खबर का स्क्रीन शॉट

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने भी इस पोस्ट को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

किसी भी न्यूज चैनल के ब्रेकिंग न्यूज प्लेट की अपनी एक डिजाइन और शैली होती है। जिसमें सामान्य तौर पर फॉन्ट की एकरूपता होती है, लेकिन वायरल हो रहे प्लेट में अलग-अलग तरह के फॉन्ट को देखा जा सकता है।

ब्रेकिंग प्लेट में अलग-अलग फॉन्ट का इस्तेमाल हुआ है, जो एडिटिंग की मदद से किया गया है

न्यूज चैनल्स के ब्रेकिंग खबर में व्याकरण और वर्तनी की अशुद्धियां नहीं होती है, जबकि वायरल हो रहे ब्रेकिंग प्लेट में लिखी गई खबर में व्याकरण और वर्तनी की बड़ी गलतियां नजर आ रही है।

वायरलब्रेकिंग न्यूज प्लेट में वर्तनी की गलतियां

प्राथमिक तौर पर इन दो अवलोकनों के आधार पर कहा जा सकता है कि न्यूज चैनल ABP के लोगों के साथ वायरल हो रहा ब्रेकिंग प्लेट फर्जी और एडिटेड है। इसकी पुष्टि के लिए हमने ABP के वेरिफाइड ट्विटर हैंडल पर मौजूद ब्रेकिंग प्लेट से वायरल पोस्ट की तुलना की, जिसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि वायरल हो रहा ब्रेकिंग प्लेट एडिटेड है।

जांच में हमने पाया कि ABP के ओरिजिनल ब्रेकिंग प्लेट में फॉन्ट की एकरूपता है और इस्तेमाल हो रहा फॉन्ट वायरल हो रहे ब्रेकिंग प्लेट से बिल्कुल अलग है।

एबीपी के संपादकीय विभाग में काम करने वाले एक पत्रकार ने बताया, ‘यह साफ तौर पर एडिटेड ब्रेकिंग प्लेट है जिसमें अलग-अलग फॉन्ट का इस्तेमाल और वर्तनी की अशुद्धियों को देखा जा सकता है।’ यानी ABP के नाम से वायरल हो रहा ब्रेकिंग प्लेट एडिटेड और फर्जी निकला, जिसमें नीतीश कुमार के नाम से एक मनगढ़ंत बयान को लिखकर वायरल कर दिया गया है।

गौरतलब है कि चुनाव आयोग बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर चुका है। 243 सीटों वाले बिहार विधानसभा में इस बार तीन चरणों 28 अक्टूबर, 3 नवंबर और 7 नवंबर को चुनाव होगा और चुनाव के नतीजे 10 नवंबर को आएंगे।

वायरल पोस्ट में नीतीश कुमार के हवाले से सवर्ण मतदाताओं के खिलाफ एक मनगढ़ंत बयान को फैलाया जा रहा है। न्यूज सर्च में हमें ऐसे कई आर्टिकल मिले, जिसके मुताबिक नीतीश कुमार ने राज्य सवर्ण आयोग के गठन का वादा किया था और आयोग की रिपोर्ट आने के बाद उसे लागू भी किया गया है। ‘प्रभात खबर’ की वेबसाइट पर 24 अप्रैल 2015 को छपी खबर के मुताबिक, देश में सवर्ण आयोग बनाने और उसकी सिफारिशों पर अमल करने वाला बिहार अकेला राज्य है।

प्रभात खबर में प्रकाशित खबर

इससे साफ होता है कि नीतीश कुमार ने सवर्ण मतदाताओं के खिलाफ ऐसा कोई बयान नहीं दिया है, जिसका दावा वायरल पोस्ट में किया गया है।

वायरल पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर ने अपनी प्रोफाइल में दी गई जानकारी में खुद को बिहार के पटना का रहने वाला बताया है। उनकी प्रोफाइल को सौ से अधिक लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान से संबंधित न्यूज चैनल ABP का वायरल हो रहा ब्रेकिंग प्लेट फर्जी और एडिटेड है। चैनल के ओरिजनल ब्रेकिंग प्लेट को एडिट कर उस पर नीतीश कुमार के नाम से फर्जी और मनगढ़ंत बयान को लिखकर फैलाया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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