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Fact Check: जागरण के नाम पर फैलाई गई फेक खबर, मनगढ़ंत व तथ्यहीन दावों को न्यूज बताकर किया गया शेयर

तमिलनाडु में हिंदी भाषी मजदूरों को राज्य छोड़ने के दावे के साथ दैनिक जागरण के लोगो के साथ वायरल हो रही खबर फेक है, जिसे एडिटिंग टूल की मदद से तैयार किया गया है। न तो जागरण में ऐसी कोई खबर प्रकाशित हुई है और न ही तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने हिंदी भाषी प्रवासी मजदूरों को राज्य से निकलने के लिए कहा है। वहीं, योगी आदित्यनाथ ने भी हिंदी भाषी प्रवासी मजदूरों को जल्द से जल्द अपने राज्यों में लौटने की अपील नहीं की है। उनके नाम से वायरल हो रहा यह बयान मनगढ़ंत और बेतुका है।

  • By: Abhishek Parashar
  • Published: Mar 3, 2023 at 03:58 PM
  • Updated: Mar 10, 2023 at 05:09 PM

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। दो मार्च को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्वीट कर कहा था कि उन्हें समाचार पत्रों के माध्यम से तमिलनाडु में काम कर रहे बिहार के मजदूरों पर हो रहे हमले की जानकारी मिली थी, जिसके बाद उन्होंने बिहार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को निर्देश देते हुए राज्य के प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। गौरतलब है कि हाल ही में दक्षिण भारत में हिंदी भाषी प्रवासी मजदूरों के साथ ट्रेन में मारपीट के मामले का वीडियो सामने आया था और इस मामले में पुलिस ने आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया था।

इसी संदर्भ में सोशल मीडिया पर दैनिक जागरण के नाम से एक खबर का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने हिंदी भाषी लोगों से राज्य छोड़ने की अपील की है और अगर 20 मार्च के बाद उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा का कोई भी नागरिक तमिलनाडु में रहता है तो उसे अपनी जान गंवानी होगी। इसी वायरल स्क्रीनशॉट में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान भी शामिल है, जिसमें यह दावा किया गया कि उन्होंने सभी हिंदी भाषी मजदूरों से अपने-अपने राज्य लौट आने की अपील की है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि दैनिक जागरण अखबार के नाम का गलत इस्तेमाल कर गलत खबर को फैलाया जा रहा है। वायरल हो रहा स्क्रीनशॉट जागरण में प्रकाशित खबर का नहीं है, बल्कि एडिटिंग टूल की मदद से जागरण के लोगो का इस्तेमाल कर इस स्क्रीनशॉट को तैयार किया गया है।

वायरल स्क्रीनशॉट में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन के नाम से नजर आ रहा बयान भी मनगढ़ंत और फेक है।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया पर दैनिक जागरण अखबार में प्रकाशित खबर के दावे के साथ एक स्क्रीनशॉट घूम रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने वहां काम कर रहे हिंदी भाषी प्रवासी मजदूरों को राज्य छोड़कर जाने के लिए कहा है। स्टालिन के इस आदेश के बाद उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने हिंदी भाषी मजदूरों से तमिलनाडु छोड़ने की अपील की है। हमारे टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर कई यूजर्स ने इस स्क्रीनशॉट को भेजकर उसकी सच्चाई बताए जाने का अनुरोध किया है।

दैनिक जागरण के नाम पर फैलाई जा रही फेक खबर

फेसबकु पर कई यूजर्स ने इस स्क्रीनशॉट को सही खबर मानते हुए अपनी-अपनी प्रोफाइल से साझा किया है।

सोशल मीडिया पर साझा की जा रही फेक तस्वीर

पड़ताल

वायरल स्क्रीनशॉट में दैनिक जागरण का लोगो लगा हुआ है, जिससे यह प्रतीत हो रहा है कि यह खबर जागरण में प्रकाशित हुई है। हमने अपनी जांच में पाया कि यह स्क्रीनशॉट एडिटिंग टूल की मदद से तैयार किया गया है और ऐसी कोई खबर दैनिक जागरण के किसी भी संस्करण में प्रकाशित नहीं हुई है।

खबर में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम से जिस बयान का जिक्र है, वह भी मनगढ़ंत और बेतुका है। अतिरिक्त पुष्टि के लिए विश्वास न्यूज ने दैनिक जागरण के उत्तर प्रदेश के संपादक आशुतोष शुक्ल से संपर्क किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि दैनिक जागरण के लोगो का गलत इस्तेमाल कर फेक न्यूज को फैलाने की कोशिश की जा रही है। जागरण में ऐसी कोई खबर प्रकाशित नहीं हुई है।

न्यूज सर्च में भी हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें योगी आदित्यनाथ के तमिलनाडु से सभी हिंदी भाषी मजदूरों को वापस लौट आने की अपील किए जाने का जिक्र हो।

विश्वास न्यूज ने वायरल मैसेज को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय सिंह से संपर्क किया। उन्होंने बताया, “मुख्यमंत्री की तरफ से ऐसा कोई बयान नहीं दिया गया है।”

रिपोर्ट के मुताबिक, तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों से हिंसा के मामले में बिहार विधानसभा में शुक्रवार को जबरदस्त हंगामा हुआ था। नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने 12 मजदूरों की मौत का दावा करते हुए वहां एक टीम भेजने की अपील की थी।

बिहार विधानसभा में हुए हंगामे के बाद तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक ने वीडियो बयान जारी कर इन दावों का खंडन किया। तमिलनाडु पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर प्रोफाइल से दो फरवरी को वीडियो बयान जारी कर बताया कि बिहार के प्रवासी मजदूरों पर हमले का दावा गलत है और कुछ लोग गलत वीडियो को साझा कर लोगों को गुमराह कर रहे हैं।

तमिलनाडु के डीजीपी ने अपने बयान में उन दो वीडियो का भी जिक्र किया, जिसके आधार पर तमिलनाडु में हिंदी भाषी प्रवासी मजदूरों पर हमले का दावा किया जा रहा है। उन्होंने दोनों वीडियो को गलत बताते हुए कहा कि दोनों ही मामलों में हुआ संघर्ष तमिलनाडु के लोगों और प्रवासी मजदूरों के बीच का झगड़ा नहीं था।

विश्वास न्यूज ने तमिलनाडु के डीजीपी ऑफिस से संपर्क किया। हमें बताया गया कि संबंधित मामले में पहले ही डीजीपी की तरफ से बयान जारी किया जा चुका है और “राज्य में हिंदी भाषी प्रवासी मजदूर सुरक्षित हैं।” हमने इस मामले में बिहार के पुलिस महानिदेशक से भी संपर्क किया है। उनका जवाब आने पर इस स्टोरी को अपडेट किया जाएगा।

निष्कर्ष: तमिलनाडु में हिंदी भाषी मजदूरों को राज्य छोड़ने के दावे के साथ दैनिक जागरण के लोगो के साथ वायरल हो रही खबर फेक है, जिसे एडिटिंग टूल की मदद से तैयार किया गया है। न तो जागरण में ऐसी कोई खबर प्रकाशित हुई है और न ही तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने हिंदी भाषी प्रवासी मजदूरों को राज्य से निकलने के लिए कहा है। वहीं, योगी आदित्यनाथ ने भी हिंदी भाषी प्रवासी मजदूरों को जल्द से जल्द अपने राज्यों में लौटने की अपील नहीं की है। उनके नाम से वायरल हो रहा यह बयान मनगढ़ंत और बेतुका है।

  • Claim Review : दैनिक जागरण में छपी खबर, तमिलनाडु में हिंदी मजदूरों को जान से मारा जा रहाा।
  • Claimed By : FB User-Neha Rajput
  • Fact Check : झूठ
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