ब्लड टेस्ट के बहाने शरीर में एड्स वायरल डालने वाला मैसेज फर्जी है। यूपी पुलिस ने ऐसा कोई भी मैसेज जारी नहीं किया है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। यूपी पुलिस के नाम से एक मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें लिखा है कि मेडिकल के कुछ स्टूडेंट आपके घर आते हैं और ब्लड टेस्ट फ्री में करने को कहते हैं तो तत्काल पुलिस को सूचित करें, क्योंकि वे आतंकी संगठन के लोग हैं, जो इंजेक्शन के जरिए शरीर में एड्स वायरस डाल देंगे।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। यूपी पुलिस ने इस तरह का कोई मैसेज जारी नहीं किया है।
फेसबुक यूजर ‘नरेशकुमार कुशवाहा‘ (आर्काइव लिंक) ने 30 अगस्त को स्क्रीनशॉट को शेयर किया है। इसमें लिखा है,
सूचना
अगर आपके घर कुछ लड़के-लड़कियां आते हैं और कहते हैं कि वो मेडिकल स्टूडेंट हैं और आपका शूगर या बीपी या कोई अन्य ब्लड टेस्ट फ्री में करने के लिए बोलते हैं तो आप तुरेत पुलिस को फोन करें क्योंकि वो आतंकवादी संगठन के लोग हैं और उनके इन्जेक्शन में एड्स का वायरस है जो वो ब्लड लेने के बहाने आपके शरीर में डाल देंगे। किसी भी अनजान व्यक्ति को अपने घर में न घुसने दें।
जनहित में जारी
UP Police
इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने कीवर्ड से इसे सर्च किया। इससे पता चला कि यह मैसेज पहले दिल्ली पुलिस, एमपी पुलिस और राजस्थान पुलिस के नाम से वायरल हो चुका है।
सर्च में हमें हिन्दुस्तान में 3 नवंबर 2019 को छपी खबर का लिंक मिला। इसके अनुसार, वॉट्सऐप पर चल रहे मैसेज को लेकर मैनपुरी पुलिस ने ट्वीट किया है। मैसेज में मेडिकल स्टूडेंट को आतंकी संगठन का सदस्य बताया जा रहा है। मैनपुरी पुलिस ने इस तरह के मैसेज को फर्जी बताया है। पुलिस ने लोगों से इस तरह के मैसेज को शेयर नहीं करने की अपील की है।
एडवांस ट्विटर सर्च में हमें यूपी पुलिस का ट्वीट मिला। 3 नवंबर 2019 को किए गए इस ट्वीट में वायरल मैसेज को फेक बताया गया है। साथ में इस पोस्ट को शेयर नहीं करने की अपील की गई है।
इसकी अधिक पुष्टि के लिए हमने सहारनपुर के एसपी सिटी राजेश कुमार से संपर्क कर उनको वायरल मैसेज भेजा। उनका कहना है, ‘यह मैसेज फर्जी है, लेकिन पारिवारिक सुरक्षा के लिहाज से अनजान लोगों को घर में नहीं घुसने देना चाहिए। वे किसी भी अपराध को अंजाम दे सकते हैं। ऐसे में सुरक्षित रहें सचेत रहें।‘
विश्वास न्यूज ने पहले भी इस पोस्ट की पड़ताल की है। पूरी रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
गलत पोस्ट को वायरल करने वाले फेसबुक यूजर ‘नरेशकुमार कुशवाहा‘ की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। उनके 34 फ्रेंड्स हैं।
निष्कर्ष: ब्लड टेस्ट के बहाने शरीर में एड्स वायरल डालने वाला मैसेज फर्जी है। यूपी पुलिस ने ऐसा कोई भी मैसेज जारी नहीं किया है।
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