Fact Check: मौलाना आमिर रशादी मदनी के नाम से वायरल हो रहा फर्जी बयान

राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी मदनी ने कभी इस तरह का बयान नहीं दिया है। उनके नाम से वायरल हो रहा यह बयान फर्जी हैं। फर्जी पोस्ट करने वालों के खिलाफ उनकी तरफ से अलीगढ़ और आजमगढ़ में एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक ग्राफिक्स काफी वायरल हो रहा है। इसमें एक फोटो लगी हुई है। साथ में लिखा है, बंटवारे की वजह से भारत में हिंदू जिंदा बच गए। इस बार मुसलमान बंटवारे की गलती नहीं करेंगे। हम जनसंख्या विस्फोट से पूरे भारत को अंदर से इस्लामी देश बना रहे हैं। छीन के लिया पाकिस्तान, चुपके से ले रहे हैं हिन्दुस्तान: मौलाना आमिर रशादी मदनी, राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल, भारत।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में इस बयान को फर्जी पाया। राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी मदनी ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। वह इस मैसेज के वायरल करने वालों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करा चुके हैं।

क्या है वायरल पोस्ट में

फेसबुक यूजर Mohit Yadav Ghaziabad (आर्काइव) ने 21 मार्च को इस ग्राफिक्स को पोस्ट किया।

फेसबुक पर कुछ अन्य यूजर्स ने भी इस तरह का ग्राफिक्स पोस्ट किया है।

पड़ताल

वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले ग्राफिक्स में दी गई फोटो को गूगल रिवर्स इमेज टूल से सर्च किया। इसमें हमें wikiwand.com पर यह फोटो मिल गई। इसके मुताबिक, फोटो मौलाना आमिर रशादी मदनी की है। वह राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के अध्यक्ष हैं।

इसके बाद हमने दावे की पड़ताल के लिए कीवर्ड से इसको सर्च किया। हमें आमिर रशादी के कथित बयान वाली कोई भी खबर नहीं मिली। हमने आमिर रशादी के ट्विटर व उनके नाम से बना वेरिफाइड फेसबुक पेज भी देखा, लेकिन ऐसा कोई भी बयान नहीं मिला। टि्वटर एडवांस सर्च की मदद से Rashtriya Ulama Council का वेरिफाइड हैंडल में बयान को सर्च किया, लेकिन इसमें ऐसा कोई ट्वीट नहीं मिला।

इसकी और पुष्टि के लिए हमने मौलाना आमिर रशादी मदनी से बात की। उनका कहना है, मैंने इस तरह का कोई भी बयान नहीं दिया है। पहले भी इस तरह का फर्जी मैसेज वायरल हुआ था। इसको लेकर पुलिस में शिकायत दी थी।

आमिर रशादी मदनी के लीगल एडवाजर मो. नसीम का कहना है, इससे पहले भी कई बार इस तरह का मैसेज वायरल हुआ था। हमने फर्जी पोस्ट करने वालों पर कार्रवाई की मांग को लेकर अलीगढ़ और आजमगढ़ में एफआईआर भी दर्ज कराई हुई है। हम हिंदू-मुस्लिम एकता के पक्षधर हैं। इस तरह की फर्जी पोस्ट करके उनके खिलाफ साजिश की जा रही है। नसीम ने हमें अलीगढ़ में 2017 में दर्ज कराई गई एफआईआर की कॉपी भी भेजी।

मौलाना आमिर रशादी मदनी का फर्जी बयान शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Mohit Yadav Ghaziabad की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। इसके अनुसार, वह जयपुर में रहते हैं।

निष्कर्ष: राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी मदनी ने कभी इस तरह का बयान नहीं दिया है। उनके नाम से वायरल हो रहा यह बयान फर्जी हैं। फर्जी पोस्ट करने वालों के खिलाफ उनकी तरफ से अलीगढ़ और आजमगढ़ में एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है।

False
Symbols that define nature of fake news
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