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Fact Check: सांसद सत्यपाल सिंह के नाम पर कोविड-19 का इलाज खोजने को लेकर वायरल हो रहा फर्जी मैसेज

विश्वास न्यूज की पड़ताल में सांसद सत्यपाल सिंह के नाम से कोविड-19 से जोड़कर वायरल किया जा रहा दावा झूठा निकला है। न तो पांडिचेरी यूनिवर्सिटी के किसी छात्र ने कोविड-19 का घरेलू उपचार खोजा है और न ही सांसद सत्यपाल सिंह ने ऐसा कोई दावा किया है।

  • By: ameesh rai
  • Published: Apr 24, 2021 at 07:17 PM

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर सांसद सत्यपाल सिंह के नाम से जोड़कर कोविड-19 से जुड़ा एक दावा वायरल हो रहा है। इस दावे में सांसद के हवाले से बताया जा रहा है कि पांडिचेरी यूनिवर्सिटी के एक भारतीय छात्र ने कोविड-19 के संक्रमण का घरेलू इलाज खोज लिया है, जिसे WHO ने मान्यता दे दी है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा झूठा निकला है। न तो पांडिचेरी यूनिवर्सिटी के किसी छात्र ने कोविड-19 का घरेलू उपचार खोजा और न ही सांसद सत्यपाल सिंह ने ऐसा कोई दावा किया है।

क्या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर आर्य अमित कुमार ने 24 अप्रैल 2021 को यह वायरल दावा शेयर किया है। इस वायरल दावे में लोकसभा सांसद सत्यपाल सिंह के हवाले से लिखा है कि पांडिचेरी यूनिवर्सिटी के रामू नाम के एक भारतीय छात्र ने कोविड-19 का घरेलू उपचार खोज लिया है। दावे के मुताबिक, छात्र ने सिद्ध कर दिया है कि एक चम्मच भरकर काली मिर्च का चूर्ण, दो चम्मच शहद, थोड़ा-सा अदरक का रस लगातार 5 दिनों तक लिया जाए तो कोरोना के प्रभाव को 100 प्रतिशत समाप्त किया जा सकता है। यह भी दावा किया जा रहा है कि WHO ने इस इलाज को मान्यता दे दी है।

इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

फेसबुक यूजर Shushilchandra Asthana और Arvind Tiwari ने भी यही वायरल दावा अपनी पोस्ट में शेयर किया है।

पड़ताल

पांडिचेरी यूनिवर्सिटी के कथित स्टूडेंट राजू द्वारा कोविड-19 का घरेलू उपचार खोजने और WHO द्वारा इसे मान्यता देने का दावा पहले भी वायरल हो चुका है। विश्वास न्यूज ने तब इस दावे की जांच की थी। विश्वास न्यूज ने इस दावे की पड़ताल के लिए पांडिचेरी यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट से भी संपर्क किया था। यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने इस दावे को खारिज करते हुए बताया था कि हमारे किसी भी छात्र ने कोरोना वायरस का कोई उपचार तैयार नहीं किया है।

हमारी पड़ताल में यह भी सामने आया था कि WHO  की तरफ से ऐसे किसी इलाज को मान्यता देने का दावा भी झूठा है। वहीं, आयुष मंत्रालय के एक्सपर्ट ने हमें बताया था कि अदरक, शहद और काली मिर्च से खांसी में आराम मिल सकता है, लेकिन इससे कोरोना वायरस का इलाज हो सके, ऐसा कोई प्रमाण अब तक नहीं मिला है। विश्वास न्यूज की इस पड़ताल को यहां नीचे देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज ने जब पांडिचेरी यूनिवर्सिटी से जुड़े इस दावे की पड़ताल की थी, तब कोरोना की वैक्सीन सामने नहीं आई थीं। अब दुनिया में कोरोना की कुछ वैक्सीन दी जा रही हैं। इस बारे में ज्यादा जानकारी WHO की वेबसाइट पर मौजूद इस रिपोर्ट से हासिल की जा सकती है।

विश्वास न्यूज ने वर्तमान में वायरल हो रहे दावे के संबंध में यह जानना चाहा कि क्या सांसद सत्यपाल सिंह ने ऐसा कोई दावा किया है या नहीं। आपको बता दें कि सत्यपाल सिंह यूपी के बागपत से सांसद हैं। हमने इस संबंध में इंटरनेट पर सर्च किया तो हमें उनके वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से 21 अप्रैल 2021 को किया गया एक ट्वीट मिला। इस ट्वीट में सांसद ने वायरल दावे को शेयर करते हुए लिखा था कि उनके नाम से वायरल किया जा रहा ये दावा झूठा है। इस ट्वीट को यहां नीचे देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज ने इस संबंध में सांसद सत्यपाल सिंह के ऑफिस से संपर्क किया। वहां से पुष्टि करते हुए बताया गया कि सांसद सत्यपाल सिंह ने ऐसा कोई दावा नहीं किया है और इसकी जानकारी उन्होंने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी साझा की है। सांसद ने लोगों से अपील भी की है कि वह सोशल मीडिया के इस दौर में अनवेरिफाइड और झूठी सूचनाएं शेयर करने से बचें।

विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर आर्य अमित कुमार की प्रोफाइल को स्कैन किया। यह प्रोफाइल फरवरी 2019 में बनाई गई है और यूजर नैनपुर के रहने वाले हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में सांसद सत्यपाल सिंह के नाम से कोविड-19 से जोड़कर वायरल किया जा रहा दावा झूठा निकला है। न तो पांडिचेरी यूनिवर्सिटी के किसी छात्र ने कोविड-19 का घरेलू उपचार खोजा है और न ही सांसद सत्यपाल सिंह ने ऐसा कोई दावा किया है।

  • Claim Review : सांसद सत्यपाल सिंह के हवाले से बताया जा रहा है कि पांडिचेरी यूनिवर्सिटी के एक भारतीय छात्र ने कोविड-19 के संक्रमण का घरेलू इलाज खोज लिया है, जिसे WHO ने मान्यता दे दी है।
  • Claimed By : फेसबुक यूजर आर्य अमित कुमार
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