Fact Check : इबोला वायरस के नाम पर फिर से वायरल हुआ फर्जी मैसेज

विश्वास न्यूज की जांच में हैदराबाद पुलिस के नाम से एनडीटीवी के हवाले से शेयर किया जा रहा दावा फर्जी निकला। हैदराबाद पुलिस द्वारा कोल्ड ड्रिंक्स में इबोला वायरस को लेकर पूरे भारत में ऐसी कोई सूचना नहीं जारी की गई है। एनडीटीवी पर ऐसी कोई खबर प्रकाशित की गई है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफार्म पर एक बार फिर से एक पोस्‍ट वायरल हो रही है। इस पोस्‍ट में इस्‍तेमाल की गई तस्वीर में लोगों की भीड़ को देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि हैदराबाद पुलिस द्वारा पूरे भारत में यह सूचना दी गई है कि कोल्ड ड्रिंक का सेवन न करें, क्योंकि कंपनी के एक कर्मचारी ने इनमें इबोला वायरस से संक्रमित खून मिला दिया है। वायरल मैसेज को एनडीटीवी के हवाले से शेयर किया रहा है।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में मैसेज फर्जी निकला। हैदराबाद पुलिस द्वारा पूरे भारत में इस तरह की सूचना जारी नहीं की गई है और ना ही एनडीटीवी द्वारा इससे संबंधित किसी खबर को प्रकाशित किया गया है। वायरल पोस्ट पूरी तरह बेबुनियाद है। वायरल तस्वीर पाकिस्तान में 2 नवम्बर 2014 को हुए आत्मघाती बम विस्फोट की है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक पेज “दिलशाद खान ” ने 13 अप्रैल को यह पोस्ट शेयर की है। पोस्ट में लिखा है, “प्लीज सभी मित्रो फोर्वर्ड करे Hyderabad पुलिस की तरफ़ से पुरे भारत मे सूचना दि गयी है. क्रुपया आने वाले कुछ दिनो तक आप कोई भी कोल्ड ड्रिंक जैसे माज़ा, फैन्टा, 7 अप, कोका कोला, mauntain डीओ, पेप्सी, इत्यादि न पिये क्यूकी इसमेसे एक कम्पनी के कामगार ने इसमे इबोला नामक खतरनाक वायरस का दूषित खून इसमे मिला दिया है. ये खबर कल NDTV चैनल मे बतायी थी. आप जल्द से जल्द इस मेसेज को फोर्वर्ड करके मदद करे. ये मेसेज आपके परिवार मे फोर्वर्ड करे . आप जितना हो सके इसे शेयर करे..धन्यवाद। “

फैक्ट चेक के उद्देश्य से फेसबुक पोस्ट में लिखी गई बातों को हूबहू लिखा गया है। इस पोस्ट को दूसरे यूजर्स ने भी शेयर किया है। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

वायरल मैसेज की पड़ताल के लिए हमने संबंधित कीवर्ड से गूगल पर सर्च किया। हमें मैसेज में किए जा रहे दावे से जुड़ी कोई खबर नहीं मिली, लेकिन सर्च के दौरान यह दावा हमें 2019 , 2020 , 2021 में भी शेयर मिला। यहां से हमने अपनी जांच को आगे बढ़ाया, क्योंकि वायरल मैसेज को हैदराबाद पुलिस द्वारा जारी किया गया बताया गया है।इसलिए हमने हैदराबाद पुलिस के सोशल मीडिया हैंडल को सर्च किया। हमें हैदराबाद पुलिस के वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से 13 जुलाई 2019 को शेयर किया गया एक ट्वीट मिला। जिसमें वायरल दावे को फर्जी बताया गया है।

जांच में आगे हमने एनडीटीवी की वेबसाइट पर वायरल मैसेज से जुड़ी खबर को खोजा। हमें एनडीटीवी की वेबसाइट पर कोल्ड ड्रिंक में इबोला दूषित खून मिले होने को लेकर कोई रिपोर्ट प्रकाशित नहीं मिली। असल में यह दावा पिछले कई सालों से सोशल मीडिया तथा वॉट्सऐप ग्रुप्स में शेयर किया जा रहा है। हमें 17 अक्टूबर 2016 को ‘द न्यू इंडियन एक्सप्रेस ‘ द्वारा प्रकाशित खबर मिली।  ‘माज़ा’ में एचआईवी संक्रमण होने और एनडीटीवी के हवाले से शेयर किए गए मैसेज कोल्ड ड्रिंक में इबोला वायरस मिले होने के दावे का खंडन किया गया था।

खबर में रोग नियंत्रण केंद्र (सीडीसी) का बयान भी मौजूद है। जिसके अनुसार, एचआईवी लंबे समय तक शरीर के बाहर नहीं रहता है, भले ही एचआईवी संक्रमित रक्त या वीर्य की थोड़ी मात्रा का सेवन किया गया हो, हवा के संपर्क में आना, खाना पकाने से गर्मी और पेट का एसिड वायरस को नष्ट कर सकता है। इसलिए, चाहे वह एचआईवी हो या इबोला – दोनों ही माज़ा की बोतलों में जीवित नहीं रह सकते।

अब हमने वायरल तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। हमें ये तस्वीर कई न्यूज वेबसाइट पर पुरानी तारीख में मिली। ट्रिब्यून डॉट कॉम डॉट पीके पर 2 नवंबर 2014 को प्रकाशित खबर में वायरल तस्वीर के साथ इस हादसे की कई अन्य तस्वीरें मौजूद हैं। खबर के अनुसार, पाकिस्तानी वाघा सीमा पर आत्मघाती हमलावर ने खुद को एक शक्तिशाली बम विस्फोट से उड़ा दिया था। इस आत्मघाती हमले में कम से कम 55 लोग मारे गए और 120 से अधिक घायल हुए थे। पूरी खबर यहां पढ़ें।

दैनिक जागरण पर भी वाघा सीमा पर हुए इस आत्मघाती हमले की खबर प्रकाशित की गई थी। 4 नवंबर 2014 को प्रकाशित खबर में बताया गया, “पाकिस्तानी वाघा सीमा पर: आत्मघाती हमलावर ने खुद को एक शक्तिशाली बम विस्फोट से उड़ा दिया। पाकिस्तान की सीमा में 2 नवंबर 2014 को हुए आत्मघाती बम विस्फोट के कारण वाघा सीमा चर्चा में रहा। इस विस्फोट में 11 महिला, तीन सुरक्षाकर्मी सहित कम से कम 61 लोगों की मृत्यु हो गई और 200 से अधिक घायल लोग अस्पताल में भर्ती किए। “

वायरल दावे में एनडीटीवी का हवाला दिया गया था, इसलिए हमने इस संबंध में एनडीटीवी से भी संपर्क किया। एनडीटीवी के अधिकारी ने वायरल बताया, “एनडीटीवी पर इस तरह की कोई रिपोर्ट प्रकाशित नहीं की गई है।”

पहले भी यह मैसेज कई बार समान दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल किया जा चुका है। जिसकी जांच विश्वास न्यूज ने की थी। आप हमारी पड़ताल को यहां पढ़ सकते हैं।

अंत में हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर दिलशाद खान की सोशल स्कैनिंग की। स्कैनिंग में पता चला कि फेसबुक पर यूजर को 5  हज़ार लोग फॉलो करते हैं। यूजर हरियाणा के नूह का रहने वाला है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की जांच में हैदराबाद पुलिस के नाम से एनडीटीवी के हवाले से शेयर किया जा रहा दावा फर्जी निकला। हैदराबाद पुलिस द्वारा कोल्ड ड्रिंक्स में इबोला वायरस को लेकर पूरे भारत में ऐसी कोई सूचना नहीं जारी की गई है। एनडीटीवी पर ऐसी कोई खबर प्रकाशित की गई है।

False
Symbols that define nature of fake news
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