Fact Check : कौन बनेगा करोड़पति की 25 लाख की लॉटरी के नाम पर फिर वायरल हुआ फेक मैसेज

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में केबीसी के नाम पर वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुआ। केबीसी की ओर से कभी भी ऐसी लॉटरी जारी नहीं की जाती है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफॉर्म्स पर एक बार फिर से ‘कौन बनेगा करोड़पति’ से जुड़ी एक पोस्‍ट वायरल हो रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि केबीसी की ओर से 25 लाख की लॉटरी निकली है। जिसे एक वॉट्सऐप नंबर पर जानकारी देकर रकम को प्राप्‍त किया जा रहा है। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की पड़ताल की। यह फर्जी साबित हुई। केबीसी की ओर से ऐसी कोई लॉटरी जारी नहीं की जाती है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर किरण भाटिया ने 19 मार्च को केबीसी के नाम से वायरल एक पोस्‍टर को एक ग्रुप में अपलोड करते हुए लिखा : ‘koun banega crorepati me ap sahi uttar dene par Jeet chuke hain 25 lakh ka lottery prize ki all information kelye link ko click Karen our WhatsApp call Karen Akash Verma ko. Lottery apko 24 hours me receive hogi dhanyvad’

फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट में लिखी गई बातों को यहां ज्यों का त्यों पेश किया गया है। इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है। कई अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने इस पोस्ट को समान दावे के साथ शेयर किया है। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर भी कई अन्य यूजर्स ने इसे समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) के नाम पर वायरल मैसेज की सच्‍चाई जानने के लिए विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले गूगल ओपन सर्च टूल का इस्‍तेमाल किया। संबंधित कीवर्ड टाइप करके सर्च करने पर हमें दैनिक जागरण की वेबसाइट पर एक खबर मिली। 15 दिसंबर 2021 को पब्लिश इस खबर में बताया गया, ”वॉट्सऐप (WhatsApp) पर लोकप्रिय क्विज-शो कौन बनेगा करोड़पति (KBC) का एक मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें 25 लाख रुपये इनाम देने का दावा किया गया है। इस मैसेज में कहा जा रहा है कि आपके वॉट्सऐप नंबर को केबीसी सिम कार्ड लकी ड्रा कॉम्पिटीशन 2021 के तहत चुना गया है। साथ ही इसमें मैसेज क्लेम करने के लिए एक लिंक पर क्लिक करने के लिए भी कहा गया है। बता दें इससे पहले भी एक मैसेज वायरल हुआ था, जिसको भारत सरकार ने फर्जी घोषित किया था।”

पूरी खबर यहां पढ़ें।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल के अगले चरण में मुंबई में दैनिक जागरण के लिए एंटरटेनमेंट बीट को कवर करने वालीं स्मिता श्रीवास्तव से संपर्क किया। उन्‍होंने केबीसी की पीआर टीम से संपर्क करके जानकारी दी कि ऐसे मैसेज फर्जी होते हैं। केबीसी कभी भी ऐसे मैसेज नहीं भेजता है। वायरल मैसेज पूरी तरह फर्जी है। इसमें कोई सच्‍चाई नहीं है।

अब हमें यह जानना था कि फर्जी पोस्‍ट करने वाला यूजर कौन है। केबीसी के नाम पर फर्जी मैसेज पोस्‍ट करने वाले फेसबुक यूजर किरण भाटिया के 229 फ्रेंड हैं। इससे ज्‍यादा कोई जानकारी इस अकाउंट पर नहीं मिली।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में केबीसी के नाम पर वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुआ। केबीसी की ओर से कभी भी ऐसी लॉटरी जारी नहीं की जाती है।

False
Symbols that define nature of fake news
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