Fact Check : स्वास्थ्य मंत्रालय की बीमा स्कीम के नाम से वायरल हुआ फर्जी लिंक,भूलकर भी न करें क्लिक

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि मुफ्त स्वास्थ्य बीमा के नाम पर वायरल लिंक को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। असल में वायरल लिंक एक फिशिंग लिंक है। धोखाधड़ी करने के मकसद से इसे शेयर किया जा रहा है। साइबर एक्सपर्ट के अनुसार, इस तरह के लिंक्स पर क्लिक कर अपनी निजी जानकारी शेयर करना खतरनाक साबित हो सकता है। हैकर्स यूजर्स का बैंक अकाउंट खाली कर सकते हैं और उन्हें वित्तीय नुकसान पहुंचा सकते हैं।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक लिंक को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 50 से लेकर 85 वर्ष की आयु के वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त स्वास्थ्य बीमा प्रदान करने का ऐलान किया है। इस बीमा को पाने के लिए यूजर को लिंक पर क्लिक करने के लिए कहा जा रहा है। 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल लिंक को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। असल में वायरल लिंक एक फिशिंग लिंक है। धोखाधड़ी करने के मकसद से इसे शेयर किया जा रहा है। साइबर एक्सपर्ट के अनुसार, इस तरह के लिंक्स पर क्लिक कर अपनी निजी जानकारी शेयर करना खतरनाक साबित हो सकता है। हैकर्स यूजर्स का बैंक अकाउंट खाली कर सकते हैं और उन्हें वित्तीय नुकसान पहुंचा सकते हैं। 

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर सालिक राम तिवारी ने 29 मई 2024 को वायरल पोस्ट को शेयर किया था। पोस्ट पर लिखा हुआ है, “महत्वपूर्ण खबर ! 15 अप्रैल, 2024 से, भारत सरकार का केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय 50 से 85 वर्ष की आयु के वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त स्वास्थ्य बीमा प्रदान करेगा! अभी विवरण देखें।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए हमने मौजूद लिंक के यूआरएल पर गौर किया। हमने पाया कि इसका यूआरएल मेडिकल इंश्योरेंस.टुडे है, जबकि  स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट का यूआरएल mohfw.गवर्नमेंट .इन है। इसके बाद ये साफ होता है कि पोस्ट में मौजूद लिंक एक फिशिंग लिंक है। 

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्डस की मदद से सर्च किया। हमें वायरल दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट भास्कर हिंदी की वेबसाइट पर मिली। रिपोर्ट को 24 मई 2024 को प्रकाशित किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार ने वायरल दावे का खंडन करते हुए इसे फेक बताया है। सरकार ने इस तरह की कोई घोषणा नहीं की है। 

अधिक जानकारी के लिए हमने  साइबर एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि इस तरह के लिंक अक्सर धोखाधड़ी करने या फिर क्लिकबेट लिंक के तौर पर इस्तेमाल होते हैं। पहले ये यूजर्स से उनकी निजी जानकारियां मांगेंगे। फिर उन्हें वित्तीय नुकसान पहुंचाएंगे। क्लिकबेट लिंक जो होते हैं, वो मोनेटाइजेशन करने के मकसद से शेयर किए जाते हैं। ऐसे लिंक यूजर्स को  व्यूज और लाइक पाने के लिए दूसरी वेबसाइट पर ले जाते हैं। 

हमने दैनिक जागरण दिल्‍ली में बीजेपी से जुड़ी खबरों को कवर करने वाले रिपोर्टर संतोष सिंह से भी संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि दावे का खंडन सरकार की तरफ से कर दिया गया है। बीजेपी ने अपने मेनिफेस्टो में ये शामिल किया है कि वो 70 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को ‘आयुष्मान भारत’ का लाभ देगी।

भारत सरकार की ओर से हेल्थ इंश्योरेंस के बारे में जानने के लिए हमने उनकी आधिकारिक वेबसाइट को खंगाला। मौजूद जानकारी के अनुसार, सरकार की ओर से आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के रूप एक स्कीम चलाई जाती है। सरकार ने यह स्कीम आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए शुरू किया था। इस स्कीम के तहत सरकार 5 लाख रुपये तक का बीमा कवरेज देती है। 

एनडीटीवी की वेबसाइट पर 15 अप्रैल 2024 को प्रकाशित एक रिपोर्ट (आर्काइव लिंक) के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए जारी अपने घोषणापत्र में कहा है कि वो ‘आयुष्मान भारत’ योजना में 70 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को शामिल करेगी। ‘आयुष्मान भारत’ का लाभ वरिष्ठ नागरिकों को भी दिया जाएगा। अभी तक  ‘आयुष्मान भारत’ योजना का लाभ सिर्फ आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को दिया जाता है।

अंत में हमने फेक लिंक को शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट को शेयर करता है। 

निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि मुफ्त स्वास्थ्य बीमा के नाम पर वायरल लिंक को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। असल में वायरल लिंक एक फिशिंग लिंक है। धोखाधड़ी करने के मकसद से इसे शेयर किया जा रहा है। साइबर एक्सपर्ट के अनुसार, इस तरह के लिंक्स पर क्लिक कर अपनी निजी जानकारी शेयर करना खतरनाक साबित हो सकता है। हैकर्स यूजर्स का बैंक अकाउंट खाली कर सकते हैं और उन्हें वित्तीय नुकसान पहुंचा सकते हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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