Fact Check: अग्निपथ योजना को लेकर रक्षा मंत्रालय का फर्जी लेटर वायरल

अग्निपथ स्कीम को लेकर रक्षा मंत्रालय के नाम से वायरल लेटर फर्जी है। एमके रमन्ना नाम का कोई अतिरिक्त सचिव मंत्रालय में नहीं है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। अग्निपथ योजना के ऐलान के बाद सोशल मीडिया पर रक्षा मंत्रालय के नाम पर एक लेटर वायरल हो रहा है। इसमें लिखा है कि 1 जनवरी 2019 के बाद भर्ती हुए जवान, जिनका 1 जुलाई 2022 तक नायक या समकक्ष पद पर प्रमोशन नहीं हो सका है, वे अग्निपथ योजना में आएंगे। इनको नई चयन प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। पांच साल की सेवा के बाद केवल 25 फीसदी को अगली स्टेज के लिए लिया जाएगा। बाकी को निकाल दिया जाएगा। लेटर में नीचे एडिशनल सेकेट्री एमके रमन्ना का नाम दिया गया है। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि रक्षा मंत्रालय के नाम पर फर्जी लेटर वायरल हो रहा है। मंत्रालय में एमके रमन्ना नाम का कोई अतिरिक्त सचिव नहीं है।

क्या है वायरल पोस्ट में

फेसबुक यूजर Ranjeet Chaudhary (आर्काइव लिंक) ने 20 जून को लेटर पोस्ट करते हुए लिखा,
ना केवल नई भर्तियां, जो जवान अभी हाल ही में 1 जनवरी 2019 के बाद भर्ती हुए हैं लेकिन पदोन्नत नहीं किये गए ,वे भी अग्निपथ योजना के आधीन रहेंगे !!
इन्हे भी अग्निपथ योजना के तहत फिर से नई चयन प्रक्रिया से गुज़रना होगा ।
4 साल की सेवा के बाद इनमे से केवल 25 प्रतिशत स्थायी किए जायेंगे , बाकियों को घर भेज दिया जाएगा ।
जिन जवानों को वीरता पुरस्कार इत्यादि मिले हैं उन्हें चयन प्रक्रिया में प्राथमिकता दी जाएगी..!!
….
इस सरकार ने न केवल उन युवाओं की भर्ती रद्द की जो चयनित होकर ट्रेनिंग की राह देख रहे थे इसके साथ साथ इन्होने उनका भी सामान बाँध कर बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी कर दी है , जो नवचयनित नौकरी कर रहे थे !!!
यह पत्र सोशल मीडिया पर घूम रहा है यदि यह सच है तो स्तब्ध हूँ मैं.
जो अग्निपथ योजना की पैरवी कर रहे थे वे अब क्या कहेँगे??
क्या करेंगे ये जवान बाहर आकर??
ये तो अपनी उम्र पर लगे होंगे, कोई 29-30 साल का भी होगा, जब इन्हें बाहर निकाला जाएगा. तो ये लोग क्या करेंगे ??

सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट।

पड़ताल

वायरल लेटर की पड़ताल के लिए सबसे पहले हमने इसे ध्यान से देखा। इसमें डिफेंस की स्पेलिंग ‘Defense’ लिखी हुई है, जबकि सही स्पेलिंग ‘Defence’ होती है। इस पर 17 जून 2022 तारीख दी गई है।

इसके बाद हमने अतिरिक्त सचिव एमके रमन्ना को सर्च किया। रक्षा मंत्रालय पर दी गई जानकारी के मुताबिक, मंत्रालय में कार्यरत एडिशनल सेक्रेट्री का नाम निवेदिता शुक्ला है। इनके अलावा पंकज शुक्ला मंत्रालय में एडिशनल सेक्रेट्री एवं डायरेक्टर जनरल (एक्यूजिशन) हैं। एमके रमन्ना नाम का कोई अतिरिक्त सचिव मंत्रालय में नहीं है। लेटर में नीचे दिए गए फोन नंबर 23119914 पर हमने फोन किया तो नंबर इनवैलिड पता चला।

हमने वायरल लेटर से संबंधित खबर को कीवर्ड से सर्च किया, लेकिन ऐसी कोई भी खबर नहीं मिली। पीआईबी ने 20 जून को ट्वीट कर इस लेटर को फेक बताया है। इसके अनुसार, रक्षा मंत्रालय ने ऐसा कोई लेटर जारी नहीं किया है।

इस बारे में हमने भारतीय सेना के पीआरओ सुधीर से संपर्क साधा। उनको वायरल लेटर वॉट्सऐप से भेजा। उन्होंने कहा, ‘वायरल लेटर फेक है।

वहीं, रिटायर लेफ्टिनेंट कर्नल अमरदीप त्यागी का कहना है, ‘जवान को नायक पद पर प्रमोट होने में करीब 10 साल लग जाते हैं। जिसकी भर्ती 2019 में हुई होगी, तीन साल की नौकरी के बाद वह दोबारा क्यों भर्ती होगा। सर्विस रूल के हिसाब से ऐसा संभव नहीं है कि उसे अग्निपथ स्कीम के तहत दोबारा भर्ती किया जाए।‘ वायरल लेटर के बारे में उन्होंने कहा,’इस पर लिखी लैंग्वेज रक्षा मंत्रालय के लेटर जैसी नहीं है। साथ ही नीचे पेन से लिखा हुआ है, जिससे संदेह होता है कि यह फर्जी है।

रक्षा मंत्रालय का फर्जी लेटर शेयर करने वाले फेसबुक यूजर ‘रंजीत चौधरी‘ की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। इसके मुताबिक, बुलंदशहर के रहने वाले रंजीत दिसंबर 2012 से फेसबुक पर सक्रिय हैं।

अग्निपथ योजना को लेकर फैल रही फर्जी खबरों की पड़ताल को यहां पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: अग्निपथ स्कीम को लेकर रक्षा मंत्रालय के नाम से वायरल लेटर फर्जी है। एमके रमन्ना नाम का कोई अतिरिक्त सचिव मंत्रालय में नहीं है।

False
Symbols that define nature of fake news
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