Fact Check : कर्नाटक रिश्वत कांड को लेकर अमित शाह के नाम से वायरल चिट्ठी फेक, एडिटिंग टूल से की गई तैयार

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में अमित शाह के नाम से वायरल कथित पत्र फेक साबित हुआ। जांच में पता चला कि गृह मंत्री अमित शाह ने ऐसा कोई पत्र  बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को नहीं लिखा था। यह फर्जी है। इसे कंप्यूटर की मदद से तैयार किया गया है। 

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। कर्नाटक में कुछ दिन पहले बीजेपी विधायक मदल वीरुपक्षप्पा और उनका परिवार रिश्वत लेते हुए पकड़े गए। इसी से जोड़कर सोशल मीडिया पर गृह मंत्री अमित शाह के नाम से एक कथित पत्र की तस्वीर वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि यह पत्र अमित शाह ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखा है और कर्नाटक में बीजेपी की छवि सुधारने के आदेश दिए हैं। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पत्र फेक साबित हुआ। 

जांच में पता चला कि यह पत्र फर्जी है। इसे एडिटिंग टूल्स की मदद से तैयार किया गया है। पहले भी इसी तरह के एक पत्र की तस्वीर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के नाम से वायरल हुई थी, जिसकी जांच कर हमने सच्चाई सामने रखी थी।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर राजेश कुमार सेठी ने 3 मार्च 2023 को वायरल पत्र (आर्काइव लिंक) की तस्वीर को शेयर किया है। यूजर ने पत्र को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “कर्नाटक में 40 फीसदी कमीशन लेने वाली सरकार।”

पड़ताल 

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्ट का सच जानने के लिए सबसे पहले गूगल सर्च का सहारा लिया। संबंधित कीवर्ड से सर्च करने पर हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जो वायरल पत्र की सत्यता पर मुहर लगाती हो। जांच को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने गृह मंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा के  सोशल मीडिया अकाउंट भी खंगाले। वहां भी हमें वायरल पत्र नहीं मिला।

विश्वास न्यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए वायरल पत्र को गौर से देखा। हमने पाया कि पत्र में व्याकरण और फॉन्ट से जुड़ी कई तरह की गलतियां है। जैसे कि वाक्य के बीच में पहले पैराग्राफ में “लीडरशिप” शब्द एक बड़े “L” से शुरू होता है। “श्री” शीर्षक आमतौर पर किसी व्यक्ति के नाम से पहले लगाया जाता है, न कि उसके पदनाम से पहले इसका इस्तेमाल किया जाता है, जबकि वायरल पत्र में लिखा है, “श्री प्रधानमंत्री मोदी जी।” गृह मंत्री अमित शाह द्वारा जारी असली पत्र को आप यहां, यहां और यहां पर देख सकते हैं।

हमने वायरल पत्र की तुलना पहले वायरल हुए एक पत्र से की। हमने पाया कि दोनों में काफी समानताएं है, जिन्हें आप नीचे देख सकते है।

अधिक जानकारी के लिए हमने कर्नाटक बीजेपी के मीडिया कोऑर्डिनेटर करुणाकर से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “वायरल पत्र फर्जी है। सोशल मीडिया पर जानबूझकर हमारी छवि खराब करने के लिए ये फेक पत्र वायरल किया जा रहा है। हमने इसके खिलाफ केस दर्ज किया है।”

अब बारी थी फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच करने की। फेसबुक हैंडल राजेश कुमार सेठी की सोशल स्‍कैनिंग से हमें पता चला कि यह अकाउंट नगालैंड से हैंडल होता है। यूजर के फेसबुक पर तकरीबन 5 हजार मित्र हैं। सोशल स्‍कैनिंग के दौरान हमने यह भी पाया कि यूजर एक विचारधारा से प्रभावित है।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में अमित शाह के नाम से वायरल कथित पत्र फेक साबित हुआ। जांच में पता चला कि गृह मंत्री अमित शाह ने ऐसा कोई पत्र  बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को नहीं लिखा था। यह फर्जी है। इसे कंप्यूटर की मदद से तैयार किया गया है। 

False
Symbols that define nature of fake news
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