हमारी पड़ताल में हमने पाया कि वायरल दावा गलत है। वायरल वीडियो में दिख रही गाय पुंगनूर प्रजाति की नहीं, बल्कि ओंगोल प्रजाति की गाय है। तिरुपति मंदिर में भगवान के अभिषेक के लिए भी सिर्फ एक विशेष गाय का दूध इस्तेमाल नहीं किया जाता, बल्कि सभी गायों का दूध इस्तेमाल किया जाता है। हमने जांच में ये भी पाया कि पुंगनूर गाय दिन में 100 किलो नहीं, बल्कि सिर्फ 2-3 किलो दूध ही देती है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक बार फिर से एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक मंदिर के पुजारी को एक गाय की पूजा करते देखा जा सकता है। वायरल वीडियो में दावा किया जा रहा है कि तिरुपति मंदिर में भगवान के अभिषेक के लिए सिर्फ वीडियो में दिख रही विशेष गाय का दूध इस्तेमाल किया जाता है। पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि यह गाय रोज 100 किलो दूध देती है।
विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह सभी दावे गलत हैं। तिरुपति मंदिर में भगवान के अभिषेक के लिए किसी विशेष गाय का दूध इस्तेमाल नहीं किया जाता, बल्कि सभी गायों का दूध इस कार्य के लिए इस्तेमाल किया जाता है। वीडियो में दिख रही गाय भी पुंगनूर गाय नहीं है। वीडियो में दिख रही गाय ओंगोल गाय है। विश्वास न्यूज ने जांच में ये भी पाया कि पुंगनूर गाय दिन में 100 किलो नहीं, बल्कि सिर्फ 2-3 किलो दूध ही देती है।
Jai Shree Krishna (जय श्री कृष्णा) नाम के फेसबुक पेज ने 13 जनवरी को वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा “यह गाय प्रतिदिन करीब 100 लीटर दूध देती है। यह पुंगनुर गाय है। केवल इसी गाय के दूध से ही तिरुपति भगवान का अभिषेक होता है। इसको देखना बहुत ही शुभ माना गया है। ज्यादा से ज्यादा #शेयर करे ताकि ओर भी दर्शन कर सके।”
यह फर्जी दावा पहले भी कई बार वायरल हो चुका है। उस समय भी विश्वास न्यूज ने इस दावे की पड़ताल की थी। उस समय विश्वास न्यूज ने तिरुपति मंदिर के एडमिनिस्ट्रेशन से बात की थी। एडमिन मैनेजर रवि शेखर ने विश्वास न्यूज को बताया था, “भगवान् के अभिषेक के लिए इस्तेमाल होने वाला दूध किसी एक विशेष गाय की प्रजाति का नहीं होता, बल्कि गोशाला में मौजूद सभी गायों की प्रजातियों का मिश्रण होता है। विशेष तौर पर ध्यान नहीं दिया जाता कि कौन-सी गाय का दूध अभिषेक के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। हर गाय का दूध पवित्र होता है।”
एडमिन द्वारा हमें बताया गया था कि तिरुपति मंदिर में इस्तेमाल किया जाने वाला दूध श्री वेंकटेश्वर गोसंरक्षणम ट्रस्ट की गोशाला से आता है। इसलिए हमने श्री वेंकटेश्वर गोसंरक्षणम ट्रस्ट के एडमिनिस्ट्रेटर रामलिंगम रेडी से भी इस मामले में पुष्टि मांगी थी। उन्होंने हमें बताया था कि उनकी गोशाला में ओंगोल, गिर, साहीवाल जैसी कई गायों की प्रजातियों की गाय हैं। उन्होंने हमें बताया था कि उनकी गौशाला में पुंगनूर गाय भी है। चूंकि यह नस्ल विलुप्त होने के करीब है इसलिए इन्हें संरक्षण में रखा जाता है। हमने उनके साथ वायरल वीडियो भी शेयर किया था, जिसपर उन्होंने हमें बताया था कि वीडियो में दिख रही गाय ओंगोल गाय है। पुंगनूर गाय छोटी होती है, जबकि में वीडियो में दिख रही गाय आम गाय के आकार की ही है। उन्होंने हमें ये भी बताया था कि उनकी गोशाला से दूध तिरुपति मंदिर सहित कई जगहों पर जाता है मगर उन्हें किसी एक विशेष प्रजाति की गाय के दूध का आदेश नहीं दिया जाता।
इसके बाद हमने महरौली गोशाला में स्वैच्छिक काम करने वाले डॉक्टर मुकेश कुमार से बात की। उन्होंने हमें बताया कि पुंगनूर गाय ऊंचाई में छोटी होती है और वह दिन का 100 किलो नहीं, बल्कि सिर्फ 2 से 3 किलो दूध देती है।
विश्वास न्यूज ने पहले भी दो बाद इस तरह के वायरल पोस्ट की जांच की थी, जिसे आप नीचे दिए गए लिंक में देख सकते हैं।
वायरल वीडियो को फर्जी दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक पेज Jai Shree Krishna के 12 हजार से अधिक फ़ॉलोअर्स हैं। इस पेज को राजस्थान से चलाया जाता है।
निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में हमने पाया कि वायरल दावा गलत है। वायरल वीडियो में दिख रही गाय पुंगनूर प्रजाति की नहीं, बल्कि ओंगोल प्रजाति की गाय है। तिरुपति मंदिर में भगवान के अभिषेक के लिए भी सिर्फ एक विशेष गाय का दूध इस्तेमाल नहीं किया जाता, बल्कि सभी गायों का दूध इस्तेमाल किया जाता है। हमने जांच में ये भी पाया कि पुंगनूर गाय दिन में 100 किलो नहीं, बल्कि सिर्फ 2-3 किलो दूध ही देती है।
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