वायरल तस्वीरों का बीजेपी विधायक सुधीर गाडगिल से कोई संबंध नहीं है। अलग-अलग साल में खींची गई तस्वीरों को अब फर्जी दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर दो तस्वीरें वायरल हो रहीं हैं, जिनमे पहली तस्वीर में सफेद रंग की गाड़ी के साथ कुछ पुलिस कर्मियों को खड़े देखा जा सकता है और दूसरी तस्वीर में नोटों से भरे गत्ते के कार्टन्स को देखा जा सकता है। एक बार फिर इस कोलाज को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि बीजेपी विधायक सुधीर गाडगिल की कार से 20 हजार करोड़ की राशि पकड़ी गई है।
विश्वास न्यूज ने वायरल दावे की पड़ताल की और पाया कि यह दावा गलत है। वायरल दोनों तस्वीरें दो अलग-अलग घटनाओं की हैं। यह कोलाज साल 2018,2019, 2021, 2023 में भी समान फर्जी दावे के साथ वायरल किया जा चुका है।
फेसबुक यूजर ‘Amit Kumar’ ने वायरल कोलाज (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “BJP के विधायक सुधीर गाडगिल की गाडी से 20 हजार करोड पकडे गये।” पोस्ट में इस्तेमाल तस्वीर के अंदर लिखा है “मोदी जी को बधाई हो भाजपा के विधायक सुधीर गाडगिल की कार से 20 हजार करोड़ की नई करंसी पकड़ी गई है। ये खबर आग की तरह फैला, दो क्योंकि अपने भारत की मीडिया में ये दिखाने की औकात नहीं।”
विश्वास न्यूज ने इस दावे की पहले भी पड़ताल की थी। उस समय हमने दोनों तस्वीरों को अलग-अलग जांचा था। पहली तस्वीर जिसमें कुछ पुलिस कर्मी गाड़ी के साथ नज़र आ रहे हैं, उसे गूगल रिवर्स इमेज में सर्च करने पर हमें यह तस्वीर साल 2016 में प्रकाशित एक खबर में मिली थी। एबीपी माझा पर 15 नवंबर 2016 को मराठी भाषा में प्रकाशित खबर में वायरल तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था। दी गई जानकारी मुताबिक, “उस्मानाबाद के तुलजापुर से 6 करोड़ रुपये की बरामदगी के मामले में एक नई व्याख्या सामने आई है। सुधीर गाडगिल ने साफ किया है कि यह रकम बीजेपी विधायक सुधीर गाडगिल के भाई गणेश गाडगिल का निजी पैसा नहीं है, बल्कि बैंक का है। गणेश गाडगिल सांगली अर्बन बैंक के अध्यक्ष हैं। यह रकम सांगली अर्बन बैंक के नाम पर ले जाई जा रही थी। निर्वाचन पदाधिकारी ने जिलाधिकारी को पत्र देकर कहा है कि छह करोड़ की राशि ले जाते समय वाहन के साथ कोई जिम्मेदार बैंक अधिकारी या सुरक्षा गार्ड नहीं था, इसलिए सारी राशि जिला कोषागार में जमा करा दी गयी है।”
दूसरी तस्वीर, जिसमें नोटों से भरे गत्ते के कार्टन को देखा जा सकता है, उसे गूगल रिवर्स इमेज में सर्च करने पर हमें द टाइम्स ऑफ़ इंडिया की वेबसाइट पर 17 नवंबर 2017 को प्रकाशित खबर में वायरल तस्वीर से जुड़ी जानकारी मिली थी। खबर के अनुसार, “नवंबर 2017 में आयकर विभाग ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के दलाल संजय गुप्ता के दिल्ली स्थित घर पर छापा मारा था। इस दौरान विभाग ने 11 करोड़ कैश बरामद किया था। वायरल तस्वीर उसी दौरान ली गई थी।”
यह कोलाज समय-समय पर सोशल मीडिया पर वायरल किया जा चुका है, जिसकी पड़ताल कर विश्वास न्यूज ने सच्चाई सामने रखी थी। आप हमारी पहले की पड़ताल को यहां पढ़ सकते हैं। उस समय हमने इन तस्वीरों को लेकर सुधीर गाडगिल से संपर्क किया था। उन्होंने बताया था कि यह तस्वीर साल 2016 की है। उनके एक भाई सांगली में को-ऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन हैं और उनके बैंक का यह पैसा था, जिसे नोटबंदी के समय लोगों ने जमा करवाया था। यह करीब 6 करोड़ रुपए थे। इस घटना से उनका कोई संबंध नहीं है। “
पड़ताल के अंत में हमने कोलाज को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की जांच की। जांच में पता चला कि यूजर ‘अमित कुमार’ दिल्ली का रहने वाला है। यूजर के फेसबुक पर 5000 से अधिक फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: वायरल तस्वीरों का बीजेपी विधायक सुधीर गाडगिल से कोई संबंध नहीं है। अलग-अलग साल में खींची गई तस्वीरों को अब फर्जी दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
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