आईएएस रुक्मणि रियार को लेकर किया जा रहा दावा विश्वास न्यूज की पड़ताल में फर्जी निकला। वीडियो में दिख रही महिला ग्रामीण क्षेत्र की कोई महिला है, जिसे आईएएस रुक्मणि रियार बताकर वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर राजस्थानी गीत पर डांस करती एक महिला का वीडियो तेजी से शेयर किया जा रहा है। वीडियो में महिला के सिर पर एक कांच का गिलास रखा है और इस गिलास पर एक घड़े को रख कर महिला राजस्थानी गीत पर नृत्य कर रही है। अब कुछ यूजर्स इस वीडियो को श्रीगंगानगर की कलेक्टर रुक्मणि रियार का बताते हुए वायरल कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वीडियो को फर्जी दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। असल में वीडियो में दिख रही महिला ग्रामीण क्षेत्र की कोई महिला है, जिसे आईएएस रुक्मणि रियार बताया जा रहा है। वायरल दावा पूरी तरह गलत है।
ट्विटर यूजर आनंदी ने 1 मई को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए अंग्रेजी में कैप्शन लिखा है, “नृत्य कर रही महिला कोई साधारण महिला नहीं है,बल्कि गंगानगर, राजस्थान की कलेक्टर रुक्मणी रियाद है। आईएएस होने के बावजूद वह अपनी संस्कृति और परंपरा से जुड़ी हुई हैं।
फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट के कंटेंट को यहां हूबहू लिखा गया है। इसे दूसरे यूजर्स भी सही मानकर वायरल कर रहे हैं।
पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए रुक्मणि रियार के बारे में गूगल पर संबंधित कीवर्ड से सर्च किया। सर्च के दौरान हमें ‘हर जिंदगी’ की वेबसाइट पर 26 अप्रैल 2023 को प्रकाशित एक खबर में रुक्मणि रियार के बारे में जानकारी मिली। खबर में बताया गया, ” रुक्मणि रियार पंजाब के गुरदासपुर की रहने वाली हैं। रुक्मणि ने अपनी आगे की पढ़ाई अमृतसर से पूरी की थी। उन्होंने सोशल साइंस में ग्रेजुएशन किया है। इसके बाद, पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए उन्होंने मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस में एडमिशन लिया था। रुक्मणि ने बाद में यूपीएससी की तैयारी करना शुरू किया और UPSC (IAS) 2011 की परीक्षा में दूसरी रैंक हासिल की थी।”
पत्रिका की वेबसाइट पर 28 अक्टूबर 2022 को दी गई जानकारी के मुताबिक,”राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी में बड़ा फेरबदल। राजस्थान सरकार ने रविवार आईएएस अधिकारियों की तबादला सूची जारी की है। जिसमें आईएएस रुक्मणि रियार को गंगानगर से हनुमानगढ़ कलेक्टर लगाया गया है। वहीं, उनके पति सिद्धार्थ सिहाग को सूची में शामिल नहीं किया गया है। वे चूरू में ही है।
अब हमने वीडियो में डांस करती दिख रही महिला के बारे में सर्च किया। हमने इसके लिए इनविड टूल का इस्तेमाल किया। हमें वायरल वीडियो कई जगह अपलोड मिला। ‘राजस्थानी ऑनलाइन मीडिया ‘ पर 19 दिसंबर 2020 को अपलोड मिला। वीडियो में बताया गया, “ये गंगानगर जिला कलेक्टर का डांस वीडियो नहीं है।”
सर्च के दौरान हमें ‘हम जाट हैं’ नाम के फेसबुक पेज पर भी ये वीडियो अपलोड मिला। 13 जून 2019 को अपलोड वीडियो के कैप्शन में लिखा गया,”*राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र की जाटनी ने इतना बढ़िया डांस किया सर के ऊपर रखे हुए गिलास और मटके का बैलेंस बनाते हुए।”
पहले भी यह वीडियो समान दावे के साथ वायरल हो चुका है और हमने इस बारे में रुक्मणि रियार सिहाग से बात की थी। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया था कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा फर्जी है। वीडियो में वो नहीं हैं।
हमने राजस्थान दैनिक जागरण के ब्यूरो चीफ नरेंद्र शर्मा से संपर्क किया। हमने वायरल दावे को उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया वीडियो में रुक्मणि रियार नहीं है।
विश्वास न्यूज स्वतंत्र रूप से यह पुष्टि नहीं करता है कि वीडियो कहां की है और वीडियो में दिख रही महिला कौन है। लेकिन यह इंटरनेट पर पहले से वायरल है। लेकिन यह स्पष्ट है कि वीडियो में दिख रही महिला रुक्मणि रियार नहीं है।
अब बारी थी फर्जी पोस्ट करने वाले यूजर की सोशल स्कैनिंग की। ट्विटर यूजर के 6 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। यूजर 2021 से ट्विटर पर एक्टिव है।
निष्कर्ष: आईएएस रुक्मणि रियार को लेकर किया जा रहा दावा विश्वास न्यूज की पड़ताल में फर्जी निकला। वीडियो में दिख रही महिला ग्रामीण क्षेत्र की कोई महिला है, जिसे आईएएस रुक्मणि रियार बताकर वायरल किया जा रहा है।
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