नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। देशभर में इनदिनों बच्चा चोरी के नाम पर अफवाहों का बाजार गर्म है। मध्य प्रदेश, राजस्थान से लेकर यूपी तक में ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें निर्दोष और मानसिक रूप में बीमार लोगों को बच्चा चोरी के आरोप में पकड़कर लोग मारपीट करके वीडियो वायरल कर रहे हैं। एक ऐसी ही पोस्ट में तीन वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया गया कि हिंदुस्तान में दो हजार रोहिंग्या लोगों की टीम आई हुई है, जो बच्चों को उठाकर ले जा रही है।
विश्वास टीम ने इन तीनों वीडियो की पड़ताल की तो हमें पता चला कि बच्चा चोरी के नाम पर वायरल वीडियो पूरी तरह फर्जी हैं। दो वीडियो झांसी जिले के हैं। तीसरा वीडियो जालौन का है।
फेसबुक यूजर कृष्ण मोघा ने 20 अगस्त को सुबह करीब आठ बजे तीन वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया, ”सावधान पूरे हिन्दुस्तान में रोहिंग्या की 2000 लोगो की टीम आयी है जो बच्चों को उठा के ले जा रही है कोई बेचता है कोई बलि के लिये ले जाता है खुद देखो सुनो ओर ज्यादा से ज्यादा इसे फैलाओ।”
इस वीडियो को सात हजार से ज्यादा लोग शेयर कर चुके हैं। ये वीडियो फेसबुक के अलावा यूट्यूब, ट्विटर और व्हाट्सएप पर भी वायरल हैं।
विश्वास टीम ने बच्चा चोरों के नाम पर वायरल हो रहे तीनों वीडियो को अलग-अलग फैक्ट चेक करने का निर्णय किया।
वीडियो नंबर 1
सबसे पहले बारी थी वीडियो नंबर 1 की। इसमें एक महिला का कुछ लोग वीडियो बनाते हुए बच्चा चोरी से जुड़े सवाल पूछ रहे हैं। हमने इस वीडियो को ध्यान से देखा। वीडियो में लोग हिंदी में बोलते हुए सुने जा सकते हैं। इससे यह तो तय था कि वीडियो हिंदी के किसी राज्य का है। 39 सेकंड के इस वीडियो के अंत में कुछ पुलिसवाले भीड़ को भगाते हुए दिख रहे हैं।
पुलिसवालों की वर्दी पर हमें एक लोगो दिखा। इस लोगो को जब हमने क्रॉर्प करके गूगल रिवर्स इमेज में सर्च किया तो हमें पता चला कि यह यूपी पुलिस का लोगो है।
वीडियो के कई ग्रैब लेकर हमने गूगल रिवर्स इमेज में सर्च किया तो हमें यही वीडियो और इससे मिलते-जुलते कई वीडियो Youtube पर मिले।
जांच के अगले चरण में हमने Youtube पर ‘यूपी में बच्चा चोर महिला’ कीवर्ड टाइप लिखकर सर्च किया। हमें Bharat News Live 24 नाम के एक यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो मिला। इसमें वही महिला थी, जो वायरल वीडियो में मौजूद थी। विश्वास न्यूज ने इस वीडियो को पूरा देखा।
वीडियो में बताया गया कि झांसी के बड़ागांव थाना क्षेत्र के डिमरौनी में एक महिला को बच्चा चोरी के आरोप में पकड़ा गया।
इसके बाद विश्वास टीम ने बड़ागांव पुलिस स्टेशन में संपर्क किया। वहां हमारी बात ड्यूटी ऑफिसर राहुल पांडेय से हुई। उन्होंने हमें बताया कि कुछ दिन पहले डिमरौनी गांव में एक महिला को बच्चा चोरी के आरोप में लोगों ने पकड़ा था। लेकिन यह महिला बच्चा चोर नहीं, बल्कि मानसिक विक्षिप्त निकली। उसे छोड़ दिया गया। इस संबंध में कोई भी एफआईआर दर्ज नहीं की गई।
बच्चा चोरी के नाम पर वायरल हो रहे फर्जी वीडियो पर झांसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) डॉ. ओपी सिंह कहते हैं कि बच्चा चोरी की लगातार अफवाहें उड़ाई जा रही हैं। हमारे यहां बच्चा चोरी करने वाला कोई गिरोह सक्रिय नहीं है।
वीडियो नंबर 2
दूसरे वीडियो को लेकर विश्वास टीम की पड़ताल में पता चला कि वायरल हो रहा वीडियो उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के मऊरानी इलाके का है। वीडियो में दिख रहा शख्स मानसिक रूप से बीमार है। एक अगस्त को कुछ लोग इस युवक को बच्चा चोरी के आरोप में थाने लेकर गए थे, लेकिन इसका बच्चा चोरी से कोई संबंध नहीं निकला। हमारी पड़ताल में बच्चा चोरी के नाम पर वायरल हो रहा वीडियो फर्जी साबित हुआ। विश्वास टीम ने 22 अगस्त को इस वीडियो की पड़ताल की थी। पूरी रिपोर्ट आप यहां पढ़ सकते हैं।
वीडियो नंबर 3
अब बारी थी तीसरे वीडियो की पड़ताल करने की। वीडियो को ध्यान से सुनने और देखने में कुछ शब्द ऐसे आए, जिससे हमें पता चला कि घटना कहां की। वायरल वीडियो में बच्चा चोरी के आरोपी शख्स को यह बोलते हुए सुना जा सकता है कि वह एट में है। इसके अलावा टोल प्लाजा भी जिक्र इस वीडियो में आया।
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले गूगल मैप में Ait Toll Plaza सर्च किया। हमें पता चला कि यूपी के जालौन जिले में एट टोल प्लाजा है। यह आप नीचे भी देख सकते हैं।
हमारी पड़ताल में पता चला कि वीडियो जालौन जिले का है। इसलिए हमने जालौन के पुलिस अधीक्षक (SP) डॉ. सतीश कुमार से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल वीडियो फर्जी है। जिस लड़के को बच्चा चोरी बताकर खंभा से बांधा गया था, वह कोई बच्चा चोर नहीं थी। फर्जी वीडियो बनाने वाले युवक को जेल भेजा जा चुका है।
इसके बाद विश्वास टीम ने जालौन पुलिस के ट्विटर हैंडल (@jalaunpolice) को खंगालना शुरू किया। हमें 14 अगस्त का एक ट्वीट मिला। इसमें बताया गया कि कुछ व्यक्तियों ने एक लड़के को बांधकर मारपीट करके उससे जबरदस्ती बच्चा चोर कहलाते हुए वीडियो बनाया गया। इस मामले में अंकित कुमार को गिरफ्तार किया गया। यह ट्वीट आप नीचे देख सकते हैं।
इसके अलावा जालौन पुलिस की ओर से एक प्रेस नोट भी जारी किया गया। इसमें बताया गया कि 10 और 11 अगस्त की देर रात टोल प्लाजा एट के पास एक लड़के को बांधकर जबरन वीडियो बनाया गया। थाना स्तर पर इस अफवाह का खंडन किया जा चुका है। कुछ लोगों ने वीडियो की सत्यता जाने बगैर वीडियो को शेयर और फारवर्ड करके इसे वायरल किया।
अब बारी थी कि उस शख्स के फेसबुक अकाउंट की सोशल स्कैनिंग करने की, जिसने वीडियो को अपने फेसबुक अकाउंट पर अपलोड किया। कृष्ण मोघा नाम के फेसबुक अकाउंट को अगस्त 2014 में बनाया गया था। बागपत के कृष्ण दिल्ली में रहते हैं। इस अकाउंट पर वायरल वीडियो काफी पोस्ट किए जाते हैं।
निष्कर्ष : विश्वास टीम की पड़ताल में पता चला कि बच्चा चोर के नाम पर वायरल तीनों वीडियो फर्जी हैं। पहला और दूसरा वीडियो झांसी जिले का है। जबकि तीसरा वीडियो जालौन जिले का है। रोहिंग्याओं के नाम पर वायरल पोस्ट में कोई सच्चाई नहीं है।
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