Fact Check: विपक्ष को बहुमत के दावे के साथ BBC के नाम से शेयर चुनावी सर्वेक्षण FAKE, पहले भी होता रहा है वायरल

लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन को बहुमत मिलने के दावे के साथ बीबीसी के नाम से वायरल हो रहा सर्वे फेक है। बीबीसी ने ऐसा कोई सर्वे नहीं किया है और न ही बीबीसी चुनाव पूर्व प्री-पोल या चुनाव बाद एग्जिट पोल करता है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। लोकसभा चुनाव के लिए चार चरणों का मतदान हो चुका है और पांचवें चरण के लिए 20 मई को वोटिंग होगी। इसी संदर्भ में सोशल मीडिया पर बीबीसी के हवाले से एक प्री-पोल सर्वे को लेकर दावा किया जा रहा है कि इस चुनाव में विपक्षी गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिलने की उम्मीद है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इसे गलत पाया। न तो बीबीसी ने ऐसा कोई सर्वेक्षण किया है और न ही बीबीसी चुनाव पूर्व सर्वेक्षण यानी ओपिनियन पोल या चुनाव बाद एग्जिट पोल करता है। सोशल मीडिया पर बीबीसी के नाम से इस तरह का फेक पोल पहले भी चुनावी संदर्भ में वायरल होता रहा है।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘Pradeep Shinde’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए एक वीडियो के लिंक को शेयर किया है, जिसके कैप्शन में दावा किया गया है कि बीबीबी के लोकसभा चुनाव सर्वे में INDIA गठबंधन पूर्ण बहुमत के करीब है।

BBC के नाम से वायरल हो रहा फेक प्री-पोल

पड़ताल

वायरल पोस्ट में एक यू-ट्यूब वीडियो के लिंक को शेयर किया गया है, जो उपलब्ध नहीं है। यू-ट्यूब ने ट्रेडमार्क क्लेम पर किए गए दावे की वजह से इस वीडियो को हटा दिया है।

न्यूज सर्च में हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें बीबीसी के ऐसी किसी सर्वे का जिक्र हो। हालांकि, सर्च में हमें बीबीसी की वह रिपोर्ट मिली, जिसमें उन्होंने इस वायरल चुनावी सर्वेक्षण को फेक बताया है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “बीबीसी एक बार फिर ये स्पष्ट करना चाहता है कि न तो बीबीसी चुनावी सर्वेक्षण कराता है और न ही किसी एक पक्ष की ओर से किए गए ‘इलेक्शन सर्वे’ को प्रकाशित ही करता है।”

रिपोर्ट के मुताबिक, “बीबीसी हर मौके पर यह स्पष्ट करता आया है कि वह चुनावों को लेकर किसी तरह का ‘चुनाव पूर्व सर्वेक्षण’, ‘ओपिनियन पोल’ या ‘एग्ज़िट पोल’ नहीं करता है और इस बार भी ऐसा कोई सर्वे नहीं किया गया है.”

बीबीसी न्यूज इंडियन लैंग्वेज की प्रकाशक संस्था कलेक्टिव न्यूजरूम की सीईओ और सह-संस्थापक रूपा झा ने भी अपने आधिकारिक एक्स हैंडल (आर्काइव लिंक) से इस फेक सर्वे का खंडन किया है।

बीबीसी न्यूज इंडियन लैंग्वेज की प्रकाशक संस्था कलेक्टिव न्यूजरूम की सीईओ और सह-संस्थापक रूपा झा ने भी अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से इस फेक सर्वे का खंडन किया है।

उन्होंने लिखा है, “बीबीसी ने ऐसा कोई सर्वे नहीं किया है और न ही वह ऐसा (सर्वे) करती है।”

यह पहली बार नहीं है, जब बीबीसी  के नाम से इस तरह का फेक पोल वायरल हुआ हो। इससे पहले कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान ऐसा ही प्री-पोल सर्वे वायरल हुआ था, जिसमें बीजेपी की सत्ता में वापसी का दावा किया गया था। विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इसे फेक पाया था, जिसकी फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।

विश्वास न्यूज इससे पहले भी चुनावी मौकों पर बीबीसी न्यूज के नाम पर वायरल सर्वे की पड़ताल कर चुका है। वास्तव में बीबीसी भारत में किसी तरह का प्री-पोल सर्वे नहीं करता है। वायरल पोस्ट को लेकर विश्वास न्यूज ने बीबीसी से संपर्क किया था। वायरल चुनावी सर्वे का खंडन करते हुए बीबीसी ने बताया, “बीबीसी किसी भी तरह का चुनावी सर्वेक्षण नहीं करता है। हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि यह बीबीसी के नाम पर फैलाई जा रही फेक न्यूज है।”

वायरल पोस्ट को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब पांच हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं।

गौरतलब है कि नियमों के मुताबिक, चुनाव के बीच किसी तरह के सर्वेक्षण को जारी नहीं किया जा सकता है। चुनाव आयोग की अधिसूचना के मुताबिक, 19 अप्रैल (पहले चरण का मतदान) की सुबह सात बजे से लेकर एक जून (सातवें चरण का मतदान) की शाम 6.30 बजे तक एग्जिट पोल के प्रसारण पर रोक होगी।

वहीं, जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा126 (1)(b) के तहत चुनाव के दौरान संबंधित लोकसभा क्षेत्रों में मतदान की समाप्ति के लिए नियत समय के खत्म होने के 48 घंटों की अवधि के दौरान किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में किसी भी ओपिनियन पोल या किसी अन्य मतदान सर्वेक्षण के परिणामों सहित किसी भी प्रकार के निर्वाचन संबंधी मामले के प्रदर्शन पर प्रतिबंध रहेगा।

यानी लोकसभा चुनाव की शुरुआत के साथ ही ओपिनियन पोल को नियमानुसार जारी नहीं किया जा सकता है।

चुनाव आयोग की अधिसूचना (आर्काइव लिंक) के मुताबिक, लोकसभा चुनाव के तहत अब तक चार चरणों का मतदान हो चुका है और पांचवें चरण के लिए मतदान 20 मई को होना है, जिसमें आठ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की कुल 49 सीटों पर वोटिंग होगी। चुनाव से संबंधित अन्य भ्रामक व फेक दावों की जांच करती फैक्ट चेक रिपोर्ट को विश्वास न्यूज के चुनावी सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन को बहुमत मिलने के दावे के साथ बीबीसी के नाम से वायरल हो रहा सर्वे फेक है। बीबीसी ने ऐसा कोई सर्वे नहीं किया है और न ही बीबीसी चुनाव पूर्व प्री-पोल या चुनाव बाद एग्जिट पोल करता है।

False
Symbols that define nature of fake news
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