Fact Check: टावर लगाने के नाम पर जियो नहीं लेता है पैसा, फ्रॉड से रहें सावधान

मोबाइल टावर लगाने के नाम पर ठगी का बड़ा नेटवर्क चल रहा है। इस मामले में जियो के नाम का इस्तेमाल किया जा रहा था और खुद जियो ने इस गलत बताया है। टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) टावरों के लिए एनओसी जारी नहीं करती है। इसके अलावा टावर एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन (TAIPA) ने भी इस तरह की धोखाधड़ी को लेकर ग्राहकों को सचेत किया है।

नई दिल्ली (Vishvas News): लोगों को जियो टावर के नाम पर ठगी का शिकार बनाया जा रहा है। विश्वास न्यूज को अपने फैक्ट चेकिंग वॉट्सऐप चैटबॉट (+91 95992 99372) पर कथित तौर पर एक अप्रूवल लेटर फैक्ट चेक के लिए मिला, जिसमें जियो कम्युनिकेशन टावर लगाने का दावा किया जा रहा है। इसमें उपभोक्ता को एकमुश्त पैसे कमाने से लेकर नौकरी तक का कथित ऑफर दिया जा रहा है। इसके लिए उपभोक्ता से एग्रीमेंट फी के रूप में एक रकम मांगी जा रही है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये अप्रूवल लेटर फर्जी पाया गया है। जियो किसी भी प्रकार का टावर लगाने के लिए कोई फीस नहीं लेता है।

क्या हो रहा है वायरल

विश्वास न्यूज को अपने वॉट्सऐप चैटबॉट पर एक यूजर की तरफ से कथित एग्रीमेंट पेपर मिला है। इसमें जियो का टावर लगाने का दावा किया जा रहा है। ये कथित लेटर किसी हिंदुस्तान टावर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरफ से जारी बताया जा रहा है। इसमें दावा किया जा रहा कि 20 साल के लिए एग्रीमेंट होगा, जिसमें वन टाइम पेमेंट के तौर पर 40 लाख रुपये मिलेंगे। इसके अलावा 25 हजार रुपये महीने का किराया मिलेगा। साथ में 12हजार रुपये महीने की सैलरी की एक गार्ड की नौकरी। इस कथित एग्रीमेंट को नीचे देखा जा सकता है-

पड़ताल

सबसे पहले विश्वास न्यूज ने इस कथित एग्रीमेंट लेटर को बारीकी से देखा। इसमें डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया, इसरो, टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) तक के लोगो का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा इसे किसी कथित 4जी प्रोजेक्ट इंडिया के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर से अप्रूव बताया जा रहा है। पहली नजर में ये दावे संदिग्ध नजर आए, क्योंकि कोई आधिकारिक 4जी प्रोजेक्ट इंडिया जैसी चीज हमें नहीं मिली।

विश्वास न्यूज ने जरूरी कीवर्ड्स की मदद से इंटरनेट पर सर्च कर अपनी पड़ताल शुरू की। हमने ये जानना चाहा कि क्या टावर लगाने की ऐसी कोई योजना चल रही है। हमें टावर एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन (TAIPA) की चेतावनी से जुड़ी कई रिपोर्ट देखने को मिलीं। इसमें इंडस्ट्री बॉडी लोगों को जागरूक करते हुए बता रही है कि मोबाइल टावर के नाम पर ठगी करने वालों का गिरोह सक्रिय है। ये गिरोह खासकर यूपी, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में काम कर रहा है। इसमें लोगों को टावर लगवाने और लाखों रुपये के लुभावने ऑफर दिए जा रहे हैं। फिर उनसे पैसों की ठगी की जा रही है।

TAIPA की तरफ से बताया गया है कि ट्राई मोबाइल टावरों के इंस्टॉलेशन के लिए कोई NOC जारी नहीं करता। लोगों को सलाह दी जा रही है कि जब कोई ऐसे ऑफर को लेकर पहुंचे तो संबंधित टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर को इसके बारे में बताते हुए पुलिस को सूचना देनी चाहिए। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर विस्तार से पढ़ा जा सकता है।

इस कथित अप्रूवल लेटर में जियो के नाम का इस्तेमाल किया जा रहा था। विश्वास न्यूज ने इस लेटर को ट्वीट करते हुए जियो से इस संबंध में आधिकारिक जवाब मांगा। जियो केअर के आधिकारिक हैंडल से मिले जवाब में लिखा गया कि जियो किसी भी प्रकार के टावर इंस्टॉलेशन के लिए कोई पैसे नहीं लेता है। जियो ने ऐसे किसी शख्स को पैसे देने से मना किया।

निष्कर्ष: मोबाइल टावर लगाने के नाम पर ठगी का बड़ा नेटवर्क चल रहा है। इस मामले में जियो के नाम का इस्तेमाल किया जा रहा था और खुद जियो ने इस गलत बताया है। टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) टावरों के लिए एनओसी जारी नहीं करती है। इसके अलावा टावर एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन (TAIPA) ने भी इस तरह की धोखाधड़ी को लेकर ग्राहकों को सचेत किया है।

False
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