Fact Check: नैनीताल के बाढ़ बचाव अभियान के वीडियो को राजस्थान का बताकर किया गया वायरल

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो का राजस्थान के श्री गंगानगर से कोई संबंध नहीं है। असल में वायरल वीडियो नैनीताल का पुराना वीडियो है। वीडियो को भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। देश के कई हिस्सों में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। इसी बीच बाढ़ के एक वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि राजस्थान के श्री गंगानगर में हालात बेकाबू हो गए, जिसके कारण भारतीय सेना को मोर्चा संभालना पड़ा।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की और पाया कि वायरल वीडियो का राजस्थान के श्रीगंगानगर से कोई संबंध नहीं है। असल में वायरल वीडियो नैनीताल का पुराना वीडियो है। यूजर्स इस वीडियो को भ्रामक दावे के साथ वायरल कर रहे हैं। इसका राजस्थान से कोई संबंध नहीं है। यह नैनीताल का पुराना वीडियो है।

क्या है वायरल पोस्ट में ?
फेसबुक पेज ‘इतिहास गौर पेज’ ने 15 जुलाई को वायरल वीडियो को अपलोड करते हुए लिखा, ‘राजस्थान के श्री गंगानगर में भारी बारिश… सेना ने संभाला मोर्चा…’

वायरल पोस्‍ट के दावे को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी इसे शेयर कर रहे हैं। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देखें।

पड़ताल
विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए वीडियो के स्क्रीनशॉट को गूगल इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वीडियो से जुड़ी खबर 19 अक्टूबर 2021 को दैनिक जागरण की वेबसाइट पर प्रकाशित मिली। खबर में वायरल वीडियो का इस्तेमाल करते हुए बताया गया है, “भारी बारिश से कुमाऊं में हर ओर तबाही का मंजर है। इन मुश्किल हालात में पुलिस-प्रशासन व एसडीआरएफ के साथ ही सेना के जवान भी देवदूत बनकर सामने आए हैं। उत्तराखंड सब एरिया के निर्देशन में इन्होंने नैनीताल व टनकपुर में राहत और बचाव कार्यों को अंजाम दिया।” पूरी खबर यहाँ पढ़ें।

वीडियो से जुड़ी खबरें दूसरी वेबसाइट पर भी मिलीं। लाइव हिन्दुस्तान डॉट कॉम की वेबसाइट पर 19 अक्टूबर 2021 को पब्लिश हुए आर्टिकल में इसी वायरल वीडियो से जुड़ी जानकारी मिली। खबर में वीडियो के स्क्रीनशॉट का इस्तेमाल करते हुए इसे नैनीताल का बताया गया। खबर के मुताबिक,”सेना के जवानों ने नैनीताल में रेस्क्यू अभियान चलाया था। यहाँ अचानक पानी बढ़ने और तेज बहाव के कारण कई दुकानदार अपनी-अपनी दुकानों में फंस गए थे। सेना ने मौके पर पहुंच कर छह घंटों में 30 लोगों को बचाया था। पूरी खबर यहां पढ़ें।

सीएनएन न्यूज़ 18  ने भी 19 अक्टूबर 2021 को इस वीडियो को अपने यूट्यूब चैनल पर नैनीताल का बताते हुए अपलोड किया था। इसे यहां देखा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने अधिक पुष्टि के लिए दैनिक जागरण के नैनीताल जिला प्रभारी किशोर जोशी से सम्पर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि यह वीडियो पिछले साल 19 अक्टूबर का है। तब 17 से 19 अक्टूबर तक भारी बारिश हुई और झील का पानी पहली बार सड़कों पर बहने लगा। भवाली रोड में दुकानों में फंसे मजदूरों को सेना की मदद से सुरक्षित निकाला गया।

पड़ताल के अंत में नैनीताल के वीडियो को राजस्थान का बताकर वायरल करने वाले पेज की जांच की गई। जांच से पता चला की इस फेसबुक पेज को 2.6 हजार लोग फॉलो करते हैं। फेसबुक पर इस पेज को 23 जनवरी 2019 को बनाया गया है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो का राजस्थान के श्री गंगानगर से कोई संबंध नहीं है। असल में वायरल वीडियो नैनीताल का पुराना वीडियो है। वीडियो को भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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