Fact Check: फर्जी है कॉस्मिक किरणों के कारण फोन बंद करने के लिए कहने वाली यह पोस्ट

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा गलत है। इसरो ने कहा कि पृथ्वी लगातार कॉस्मिक किरणों के संपर्क में आती है, लेकिन वातावरण के चुंबकीय क्षेत्र एक सुरक्षात्मक कवच के रूप में कार्य करते हैं और इन किरणों से हमें कोई नुकसान नहीं होता।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक बार फिर से एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि आज रात 12:30 से 3:30 बजे तक कुछ कॉस्मिक किरणें पृथ्वी से गुजरेंगी। यूजर ने अपील की है कि जनता अपने फोन को इस दौरान स्विच ऑफ रखे।

विश्वास न्यूज ने इस पोस्ट की जांच की और पाया कि यह दावा झूठा है। इसरो ने साफ किया है कि यह खबर फेक है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

Jay Kumar Upadhyay नाम के फेसबुक यूजर ने 9 सितम्बर 2024 को ‘सच्ची बातें’ नाम के फेसबुक पेज पर इस पोस्ट को शेयर किया, जिसमें लिखा था “आवश्यक सूचना आज रात 12:30 बजे से 3:30 बजे के बीच, अपने सेल फोन, लैपटॉप इत्यादि को बंद करना सुनिश्चित करें और इसे अपने शरीर से दूर रखें। टीवी सिंगापुर ने यह खबर दी है। कृपया अपने परिवार और दोस्तों को सूचित करें। आज रात 12:30 बजे से 3:30 बजे के बीच, हमारी धरती सबसे ज्यादा रेडिएशन का सामना करेगी। कॉस्मिक लाइट किरणें धरती के पास से गुज़रेंगी। इसलिए अपने फोन इत्यादि को बंद कर दें और इसे अपने शरीर से दूर रखें, क्योंकि इससे हमें रेडिएशन के हानिकारक प्रभाव होंगे। आप इसे गूगल और नासा और बीबीसी न्यूज़ पर देख सकते हैं। इस संदेश को उन अन्य लोगों के साथ साझा करें जो आपके परिवार, दोस्तों, मित्रों और यहाँ तक कि आपकी पत्नी के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। ऐसा करके आप कई लोगों की जान बचा सकते हैं। आशा है कि यह उपयोगी होगा !”

पड़ताल

यह पोस्ट समय-समय पर वायरल होती रहती है। विश्वास न्यूज ने पहले भी इस पोस्ट की पड़ताल की थी। उस समय वायरल पोस्ट की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले पोस्ट को ठीक से पढ़ा था और हमें इस पोस्ट में सिंगापुर टीवी का जिक्र दिखा था। हमने जांच की तो पाया कि ऐसा कोई चैनल है ही नहीं। गूगल पर ओपन कीवर्ड सर्च से ढूंढने पर हमें कहीं ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिसमें कॉस्मिक किरणों के धरती से गुजरने की बात कही गयी हो।

इस मामले में अधिक पुष्टि के लिए हमने भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी, इसरो से मेल के ज़रिये संपर्क भी किया। हमें जवाब में बताया गया था, “संदेश गलत है। ऐसी घटना के बारे में कोई विश्वसनीय सबूत नहीं है। इसके अलावा इस बात में कोई सच्चाई नहीं है कि कॉस्मिक किरणें मोबाइल उपयोग में कोई मॉड्यूलेशन कर सकती हैं।”

हमने इस विषय में नासा की वेबसाइट और उनके सोशल मीडिया हैंडल्स को भी खंगाला। हमें कहीं भी फ़ोन के इस्तेमाल को लेकर कोई वॉर्निंग नहीं मिली।

पोस्ट में बीबीसी का भी जिक्र है। हमने बीबीसी की वेबसाइट को भी खंगाला मगर हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली।

इस पोस्ट को सच्ची बातें नाम के एक फेसबुक ग्रुप ने शेयर किया था। ग्रुप के 3 लाख से अधिक मेंबर हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा गलत है। इसरो ने कहा कि पृथ्वी लगातार कॉस्मिक किरणों के संपर्क में आती है, लेकिन वातावरण के चुंबकीय क्षेत्र एक सुरक्षात्मक कवच के रूप में कार्य करते हैं और इन किरणों से हमें कोई नुकसान नहीं होता।

False
Symbols that define nature of fake news
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सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

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