विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि सड़क पर बहस करते लोगों के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वीडियो में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। वायरल वीडियो स्क्रिप्टेड है और इसे परवेज़ मिर्ज़ा नामक एक मुस्लिम कंटेंट क्रिएटर ने बनाया है। उन्होंने वीडियो में हिंदू शख्स के रोल को प्ले किया है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर सड़क पर खड़े होकर बहस करते कुछ लोगों का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि मुस्लिम समुदाय के लोग अपने इलाकों में हिंदू समुदाय के लोगों को खड़े या फिर गुजरने भी नहीं दे रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वीडियो में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। वायरल वीडियो स्क्रिप्टेड है और इसे परवेज़ मिर्ज़ा नामक एक मुस्लिम कंटेंट क्रिएटर ने बनाया है। उन्होंने वीडियो में हिंदू शख्स के रोल को प्ले किया है।
फेसबुक यूजर राजू हिंदू राज बहादुर ने 6 अप्रैल 2024 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “जब कोई शांतिप्रिय हिंदू बहुल इलाके में खड़ा होता है या गुज़रता है तो वह बिना किसी के रोके/धक्का दिए वहां से गुजर सकता है। लेकिन क्या कोई हिंदू व्यक्ति शांतिप्रिय बहुल इलाके में बिना परेशान हुए चल सकता है? इस वीडियो को देखें… एक हिंदू बिना रोके खड़ा नहीं हो सकता, गुजर नहीं सकता।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने इनविड टूल की मदद से वीडियो के कई कीफ्रेम निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज की मदद से सर्च किया। हमें असली वीडियो (आर्काइव लिंक) पीएम 2 ब्लॉग नामक एक यूट्यूब चैनल पर मिला। वीडियो को 26 जुलाई 2023 को अपलोड किया गया था। मौजूद जानकारी के मुताबिक, वायरल वीडियो स्क्रिप्टेड है और इसे सामजिक संदेश देने के लिए और जागरूकता फैलाने के मकसद से पर बनाया गया है। वीडियो के आखिर में शख्स को कहते हुए भी सुना जा सकता है कि इस वीडियो को सोशल एक्सपेरिमेंट के तौर पर बनाया गया है।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने पीएम 2 ब्लॉग के चैनल को खंगालना शुरू किया। हमने पाया कि शख्स इसी तरह के स्क्रिप्टेड और सोशल एक्सपेरिमेंट के वीडियो को बनाता है। शख्स का नाम परवेज़ मिर्ज़ा है और वो मुस्लिम समुदाय से है।
जांच के दौरान हमें पीएम 2 ब्लॉग पर 18 अक्टूबर 2023 को अपलोड किया हुआ एक क्यू एंड ए वीडियो (आर्काइव लिंक) मिला। इस वीडियो में वो कमेंट में लोगो की तरफ से पूछे गए सवालों के जवाब दे रहे थे। वीडियो में 12.00 मिनट से 16 मिनट तक परवेज को बताते हुए सुना जा सकता है कि वो एक मुस्लिम समुदाय से हैं और उन्होंने एक हिंदू शख्स का रोल इस वीडियो में प्ले किया था। उनके साथ नजर आ रहा शख्स जो कि वीडियो में उन्हें टोकता है वो भी इन्ही के साथ है और इनका दोस्त है। वो शख्स भी मुस्लिम समुदाय है। वो इस वीडियो के जरिए एक सोशल एक्सपेरिमेंट कर रहे थे। वो लोगों को दिखाना चाहते थे कि हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग मिलजुल कर रहते हैं और एक-दूसरे की मदद करते हैं। यही मैसेज देने के लिए वो इस तरह के वीडियो को बनाते हैं। लेकिन उनके इस वीडियो को कुछ लोगों ने एडिट कर गलत तरीके से सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर करना शुरू कर दिया।
अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन करना शुरू किया। शख्स एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट को शेयर करता है। यूजर को 5 हजार लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि सड़क पर बहस करते लोगों के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वीडियो में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। वायरल वीडियो स्क्रिप्टेड है और इसे परवेज़ मिर्ज़ा नामक एक मुस्लिम कंटेंट क्रिएटर ने बनाया है। उन्होंने वीडियो में हिंदू शख्स के रोल को प्ले किया है।
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