गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी के नाम से वायरल हो रहा घोषणापत्र फेक और राजनीतिक दुष्प्रचार है। आम आदमी पार्टी का वास्तविक घोषणापत्र किसी भी समुदाय विशेष आधारित नहीं है, जबकि वायरल घोषणापत्र में सिर्फ और सिर्फ समुदाय विशेष के लिए की गई घोषणाओं का जिक्र है। आम आदमी पार्टी ने इस फेक घोषणापत्र के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत भी दर्ज कराई है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण का चुनाव होने के बाद सोशल मीडिया पर आम आदमी पार्टी (आप) का चुनावी घोषणापत्र का दावा करते एक पर्चे की तस्वीर वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी ने अपने चुनावी घोषणापत्र में केवल मुस्लिमों के हितों को ध्यान में रखते हुए घोषणाएं की है, जिसमें मौलवियों को वेतन, मजार, मस्जिद, दरगाह आदि को वित्तीय मदद, मदरसों को वित्तीय सहायता समेत अन्य वादों का जिक्र है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस घोषणापत्र को फेक पाया, जिसे आम आदमी पार्टी के खिलाफ चुनावी दुष्प्रचार की मंशा से वायरल किया जा रहा है। आम आदमी पार्टी का वास्तविक घोषणापत्र वायरल घोषणापत्र से बिलकुल अलग है, जिसका खंडन पार्टी की तरफ से किया गया है। साथ ही पार्टी ने इस फेक घोषणापत्र के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत भी दर्ज कराई है।
सोशल मीडिया यूजर ‘Dilip Kashyap’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”आप पार्टी के सुप्रीमो माननीय केजरीवाल जी का गुजरात चुनाव घोषणापत्र एक -एक बिन्दु गौर पढ़कर निर्णय करे देश की दिशा और दशा क्या होने वाली है ? #अरविंद_ केजरीवाल @#$%%$#@ की औलाद है।”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल तस्वीर, जिसे गुजरात में आम आदमी पार्टी का घोषणापत्र बताते हुए वायरल किया जा रहा है, उसमें सभी घोषणाएं समुदाय विशेष के लिए हैं। मसलन, प्रत्येक मौलवी को 10,000 रुपये के वेतन की गारंटी, हरेक छोटी मस्जिद-दरगाह-मजार को प्रति वर्ष 2 लाख रुपये की सहायता, प्रत्येक मदरसे को 25,000 रुपये के सहायता की गारंटी, हज यात्रियों को 100% सब्सिडी की गारंटी, अल्पसंख्यक इलाकों में गैर-कानूनी कंस्ट्रक्शन को निशुल्क किए जाने की गारंटी, अल्पसंख्यक समाज के उत्थान के लिए छोटे व्यापारियों को 0% ब्याज पर 10 लाख रुपये का लोन देने की गारंटी और अल्पसंख्यक समाज के बच्चों के लिए उच्च शिक्षा हेतु 0% ब्याज देने की गारंटी पर 5 लाख रुपये तक का लोन देने की घोषणा की गई है।
वायरल घोषणापत्र में हिंदी और गुजराती दोनों भाषणों में इन घोषणाओं को लिखा गया है और इसमें किए गए वादों को पढ़कर सहज ही यह अनुमान लगाया जा सकता है कि यह फेक घोषणापत्र है क्योंकि इसमें सिर्फ और सिर्फ समुदाय विशेष के मतदाताओं के बारे में ही घोषणाएं की गई हैं।
आम आदमी पार्टी सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय है और चुनावी गतिविधियों की सभी जानकारियां नियमित तौर पर आम आदमी पार्टी और ‘AAP गुजरात’ के हैंडल से साझा की जाती हैं। आप गुजरात के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर 29 नवंबर को साझा किया गया ट्वीट मिला, जिसमें पार्टी ने वायरल घोषणापत्र को झूठ बताते हुए ऑरिजिनल घोषणापत्र को साझा किया है।
आप गुजरात की तरफ से ऑरिजिनल घोषणापत्र की जिस तस्वीर को साझा किया गया है, उसमें सभी घोषणाएं गुजराती भाषा में लिखी गई है। इसे हिंदी में ट्रांसलेट करने के लिए हमने हमारे सहयोगी गुजराती जागरण की टीम से मदद ली।
आम आदमी पार्टी ने गुजरात के मतदाताओं के लिए जो चुनावी घोषणापत्र जारी किया है, वह इस प्रकार हैं-
1.दिल्ली-पंजाब की तरह गुजरात में 24 घंटे बिजली देंगे – पुराने बिल माफ करेंगे.
2.हर बेरोजागर को रोजगार देंगे। रोजगार नहीं मिलने पर 3000 रुपये बेरोजगारी भत्ता देंगे।
आम आदमी पार्टी ने इस फेक घोषणापत्र के खिलाफ चुनाव आयोग के समक्ष शिकायत भी दर्ज कराई है और इसकी जानकारी पार्टी ने अपने आधिकारिक फेसबुक प्रोफाइल से भी दी है।
वायरल दावे को लेकर विश्वास न्यूज ने आम आदमी पार्टी गुजरात के सोशल मीडिया और आईटी प्रभारी डॉ. सफीन से संपर्क किया। उन्होंने वायरल घोषणापत्र को झूठ करार देते हुए कहा, ‘यह पूरी तरह से फेक है। हमने इसके खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत भी दर्ज कराई है।’
वायरल और फेक घोषणापत्र को शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब छह सौ लोग फॉलो करते हैं।
गौरतलब है कि गुजरात में दो चरणों के तहत चुनाव होना है। पहले चरण के तहत एक दिसंबर को मतदान हो चुका है और दूसरे चरण के तहत पांच दिसंबर को मतदान होगा। चुनाव के नतीजे आठ दिसंबर को आएंगे।
निष्कर्ष: गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी के नाम से वायरल हो रहा घोषणापत्र फेक और राजनीतिक दुष्प्रचार है। आम आदमी पार्टी का वास्तविक घोषणापत्र किसी भी समुदाय विशेष आधारित नहीं है, जबकि वायरल घोषणापत्र में सिर्फ और सिर्फ समुदाय विशेष के लिए की गई घोषणाओं का जिक्र है। आम आदमी पार्टी ने इस फेक घोषणापत्र के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत भी दर्ज कराई है।
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