विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भाजपा को लेकर ऐसा कोई बयान नहीं दिया।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए लिखा गया कि उन्होंने कहा है कि बीजेपी को मेरे और कार्यकर्ताओं के धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए। पार्टी के वरिष्ठ नेता हमारे साथ भिखारियों जैसा व्यवहार कर रहे हैं। विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में वायरल पोस्ट को फर्जी पाया। महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने यह वायरल बयान नहीं दिया।
फेसबुक यूजर योगेश बरकुले पाटिल ने एक ग्राफिक्स को पोस्ट करते हुए मराठी में लिखा : “एक कोटी अजित पवार आणि सुप्रिया सुळे समर्थक”
ग्राफिक्स में मराठी में लिखा गया : भाजपने माझा व माझ्या सहकाऱ्यांच्या सहनशीलतेचा अंत पाहू नये, भाजप श्रेष्ठींकडून भिकाऱ्या सारखी वागणूक मिळते – एकनाथ शिंदे। इसका हिंदी अनुवाद होगा कि बीजेपी को मेरे और कार्यकर्ताओं के धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए। पार्टी के वरिष्ठ हमारे साथ भिखारियों जैसा व्यवहार कर रहे हैं। – एक नाथ शिंदे।
फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट के कंटेंट को यहां हूबहू लिखा गया है। इसे दूसरे यूजर्स भी अभी का मानकर वायरल कर रहे हैं। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल की शुरुआत गूगल कीवर्ड सर्च से शुरू की। संबंधित कीवर्ड मराठी और अंग्रेजी में टाइप करके सर्च करने पर हमें ऐसी कोई भी खबरें नहीं मिलीं, जो वायरल पोस्ट की सत्यता पर मुहर लगाती हो। हमें पड़ताल में यह भी पता लगाना था कि क्या एकनाथ शिंदे ने हाल ही में अपने गठबंधन या भाजपा के बारे में कोई बात की है? सर्च के दौरान हमें 31 जुलाई, 2022 को टाइम्स ऑफ इंडिया पर एक रिपोर्ट मिली, जिसका शीर्षक था : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के पद को भाजपा के साथ साझा करने का मुद्दा 2019 में बातचीत के माध्यम से सुलझाया जा सकता था : एकनाथ शिंदे। पूरी खबर यहां पढ़ें।
अब तक की पड़ताल से यह साबित हुआ कि एकनाथ शिंदे ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया, जैसा कि वायरल पोस्ट में दावा किया गया है। गूगल रिवर्स सर्च के नतीजों से पता चला कि वायरल ग्राफिक्स में इस्तेमाल की गई तस्वीर डेक्कन हेराल्ड में इस्तेमाल की गई थी। यह फोटो आईएएनएस की है। ओरिजनल फोटो यहां देखें।
अब हमें ग्राफिक्स के बारे में जानकारी जुटाना था। संबंधित कीवर्ड से सर्च करने पर यह हमें एक फेसबुक पेज पर मिला। सरकारनामा नाम के पेज पर इस तरह का ग्राफिक्स दिखा। इस पेज को 5.9 लाख लोग फॉलो करते हैं। ग्राफिक्स के अंदर कंटेंट अलग था। इसे यहां देखा जा सकता है।
जांच के अगले चरण में हमने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के मीडिया को-ऑर्डिनेटर विराज मुले से संपर्क किया और उनके साथ वायरल पोस्ट को वॉट्सऐप के माध्यम से साझा किया। उन्होंने हमें बताया कि एकनाथ शिंदे ने यह वायरल बयान नहीं दिया। वायरल दावा झूठा है।
इसके बाद हमने इस संबंध में भाजपा प्रवक्ता शिवराय कुलकर्णी से फोन पर बात की। उन्होंने कहा, ‘एकनाथ शिंदे ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। यह निश्चित रूप से फर्जी है।”
अगले चरण में विश्वास न्यूज ने एएनआई के संवाददाता सौरभ जोशी से बात की, जो महाराष्ट्र की राजनीति को कवर करते हैं। उन्होंने भी कहा कि एकनाथ शिंदे ने यह वायरल बयान नहीं दिया। वायरल पोस्ट फर्जी है।
पड़ताल के अंतिम चरण में हमने वायरल पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर का सोशल बैकग्राउंड चेक किया। योगेश बरकुले पाटिल एक राजनीतिक दल के सोशल मीडिया सेल से ताल्लुक रखते हैं और पर्तूर में रहते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भाजपा को लेकर ऐसा कोई बयान नहीं दिया।
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