विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह वीडियो क्लिप ऑल्टर्ड है, जिसे दुष्प्रचार की मंशा से उसके संदर्भ से अलग कर वायरल किया जा रहा है। वास्तव में उन्होंने पिछली सरकारों की नीतियों पर निशाना साधा था, जिसकी वजह से लोग देश छोड़कर जाना चाहते थे। वहीं, अब सरकार और नीतियों के बदलने की वजह से लोग विदेशों की बजाए भारत में आकर रहना पसंद करते हैं। वायरल क्लिप में केवल उनकी आलोचना वाली बात को शामिल किया गया है, जबकि उन्होंने उसका जिक्र करके पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधा था।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने ब्रिटेन यात्रा के दौरान कहा कि भारत में लोकतंत्र खतरे में हैं, के बाद से ही बीजेपी के निशाने पर हैं। इसी संदर्भ में कांग्रेस समर्थक यूजर पीएम मोदी के एक वीडियो को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश में जाकर भारत का अपमान किया है, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “पिछले जन्म में क्या पाप किया था, जो हिंदुस्तान में पैदा होना पड़ा।”
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह वीडियो क्लिप ऑल्टर्ड है, जिसे दुष्प्रचार की मंशा से उसके संदर्भ से अलग कर वायरल किया जा रहा है। वास्तव में उन्होंने पिछली सरकारों की नीतियों पर निशाना साधा था, जिसकी वजह से लोग देश छोड़कर जाना चाहते थे। वहीं, अब सरकार और नीतियों के बदलने की वजह से लोग विदेशों की बजाए भारत में आकर रहना पसंद करते हैं। वायरल क्लिप में केवल उनकी आलोचना वाली बात को शामिल किया गया है, जबकि उन्होंने उसका जिक्र करते समय पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधा था।
फेसबुक यूजर अरविंद लुगुन ने 8 मार्च 2023 को वायरल वीडियो को शेयर किया है। यूजर ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “पिछले जन्म में क्या पाप किया था जो हिंसुस्तान में पैदा हुए थे ये कोई देश है सा*** इतने रंग बदलोगे तो कौन से रंग से खेलूं ?..भांड में जाए होली।”
पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें। दूसरे यूजर्स भी इस दावे को सच मानकर शेयर कर रहे हैं।
वायरल वीडियो की सच्चाई बताने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें असली वीडियो पीएम मोदी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मिला। वीडियो को 18 मई 2015 को शेयर किया गया है। दी गई जानकारी के मुताबिक, वीडियो साउथ कोरिया के शहर सियोल में हुए एक कार्यक्रम का है। पीएम मोदी कोरिया में रह रहे भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करने के लिए पहुंचे थे। वीडियो में 13:44 मिनट पर पीएम मोदी को यह कहते हुए सुना जा सकता है, हैं, “अगर आप लोगों ने जो यहां पर सिखा है, वो भारत के साथ जुड़ेगा, तो भारत को आगे बढ़ाने में सुविधा बढ़ जाएगी। एक समय था..जब लोग यार क्या पता नहीं..पिछले जन्म में क्या पाप किया था.. हिंदुस्तान में पैदा हुए थे.. ये कोई देश है. ये कोई सरकार है. ये कोई लोग है.. चलो छोड़ो चले जाएंगे हम। हम ये भी देखते थे कि उद्योग जगत के लोग बोलते थे, अब तो यहां पर व्यापार नहीं करना है। अब यहां नहीं रहना है। मैं इसके कारणों में नहीं जाता हूं और न ही राजनीतिक टिप्पणी करना चाहता हूं। क्योंकि लोगों में निराशा थी और आक्रोश भी था। और आज मैं विश्वास से कह सकता हूं कि इस अलग-अलग जीवन के गणमान्य लोग बड़े-बड़े साइंटिस्ट क्यों ना हो.. विदेशों में कितनी ही कमाई क्यों ना होती हो। उससे कम कमाई होती हो फिर भी भारत आने के लिए आज उत्सुक हैं, आनंदित हैं। ये जो मिजाज बदला है, आखिरकार देश होता क्या है जी, सरकार यानी देश नहीं होता है, मोदी यानी देश नहीं होता है। सवा सौ करोड़ों देशवासियों का जज्बा ही तो होता है हिंदुस्तान।”
अधिक जानकारी के लिए हमने विजय सोनकर शास्त्री से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। यह वीडियो एडिटेड है।
इस गलत पोस्ट को कई लोगों ने शेयर किया, जिनमें से एक हैं फेसबुक यूजर अरविंद लुगुन, जिनकी पोस्ट की हमने पड़ताल की। यूजर को फेसबुक पर 950 मित्र और 18 फॉलोअर्स हैं। प्रोफाइल को स्कैन करने के बाद हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से प्रभावित है। प्रोफाइल पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यूजर ओडिशा का रहने वाला है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह वीडियो क्लिप ऑल्टर्ड है, जिसे दुष्प्रचार की मंशा से उसके संदर्भ से अलग कर वायरल किया जा रहा है। वास्तव में उन्होंने पिछली सरकारों की नीतियों पर निशाना साधा था, जिसकी वजह से लोग देश छोड़कर जाना चाहते थे। वहीं, अब सरकार और नीतियों के बदलने की वजह से लोग विदेशों की बजाए भारत में आकर रहना पसंद करते हैं। वायरल क्लिप में केवल उनकी आलोचना वाली बात को शामिल किया गया है, जबकि उन्होंने उसका जिक्र करके पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधा था।
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