Fact Check: पुरानी तस्वीर को एडिट करके JNU CAA प्रोटेस्ट के नाम से किया जा रहा है वायरल

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल की जा रही तस्वीर JNU CAA प्रोटेस्ट की नहीं, बल्कि JNU फी हाइक प्रोटेस्ट की है और प्लेकार्ड को एडिट किया गया है।

विश्वास न्यूज़ (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर CAA प्रोटेस्ट के नाम से फर्जी पोस्ट्स का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा। इसी कड़ी में विश्वास न्यूज़ के हाथ एक तस्वीर लगी, जिसमें हिंदी की बेहद गलतियों वाले प्लेकार्ड पकडे एक लड़की की तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के CAA प्रोटेस्ट की है। हमने जब दावे की पड़ताल की तो पाया कि यह तस्वीर JNU CAA प्रोटेस्ट की नहीं, बल्कि JNU फी हाइक प्रोटेस्ट की है और वायरल किया जा रहा प्लेकार्ड एडिटेड है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर Sanjay Sohane ने ‎We Support Namo नाम के एक ग्रुप पर एक पोस्ट शेयर की, जिसमें एक लड़की को हाथ में प्लेकार्ड पकड़े देखा जा सकता है। प्लेकार्ड में लिखी हिंदी में बेहद गलतियाँ भी नज़र आ रही हैं। यूजर ने तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, ‘‘यही गधो की फौज जेएनयू मे है जो सीएए को पढ़े बगैर आंदोलन कर रही है”।

पड़ताल

वायरल दावे के मुताबिक, विश्वास टीम को दो चीज़ों की पड़ताल करनी थी। पहली यह कि क्या यह प्लेकार्ड एडिटेड है और दूसरा यह कि क्या ये तस्वीर CAA प्रदर्शन की है। पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च किया और हमारे हाथ बहुत-से लिंक लगे, जिसमें हमें प्लेकार्ड पकड़े इसी लड़की की तस्वीर नज़र आई। इन्हीं में हमें newslaundry.com का भी लिंक मिला। 11 नवम्बर 2019 को छपी इस खबर में प्लेकार्ड वाली महिला को देखा जा सकता है। हालांकि, गौर करने वाली बात यह थी की प्लेकार्ड पर वह नहीं लिखा था, जिसे वायरल किया जा रहा है। खबर की सुर्खी है, ”Over 3,000 JNU students protest 999% fee hike, police deploy water cannons”. खबर में बताया गया की JNU फीस बढ़ोत्तरी को लेकर छात्रों का प्रदर्शन जारी है। पूरा कॉलम आप यहाँ पढ़ सकते हैं।

पड़ताल के अगले चरण में हमने यह जानने की कोशिश की कि वायरल लड़की आखिर है कौन। पड़ताल में हमें पता चला कि वायरल की जा रही महिला का नाम प्रियंका भारती है। अब हमने फेसबुक पर उन्हें ढूंढा और हमारे हाथ उनका एफबी अकाउंट लगा, जहाँ पर हमें वायरल की जा रही तस्वीर भी मिली। हालांकि, 11 नवम्बर 2019 को शेयर की गयी इस तस्वीर के प्लेकार्ड पर लिखा था, ‘तोड़ देंगे नोटों की जंजीरे जो खीचेंगे शिक्षा पे लकीरें।” अब यह तो साफ़ हो चुका था कि वायरल किया जा रहा प्लेकार्ड एडिटेड है और यह तस्वीर पुरानी है।

नागरिकता संशोधन विधेयक 10 दिसंबर 2019 को लोकसभा से पारित होने के बाद 11 दिसंबर 2019 को राज्यसभा से पास हुआ। इसके बाद इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिली और यह विधेयक कानून बन गया। वायरल तस्वीर नवम्बर की है, जबकि इस विधेयक के खिलाफ 10 दिसंबर से देश भर में विरोध प्रदर्शन की शुरुआत हुई। इस बात से भी पुष्टि होती है कि वायरल की जा रही तस्वीर का CAA प्रोटेस्ट से कोई लेना-देना नहीं है।

अब हमने सीधे प्रियंका भारती से कॉन्टैक्ट किया और वायरल की जा रही तस्वीर और CAA से जुड़ा दावा उनके साथ शेयर किया। जिसपर उन्होंने विशवास न्यूज़ को बताया, ”वायरल किया जा रहा प्लेकार्ड एडिटेड है और यह तस्वीर CAA प्रोटेस्ट की नहीं, बल्कि JNU फीस बढ़ोत्तरी प्रोटेस्ट की नवम्बर की है।”

अब बारी थी इस पोस्ट को फेसबुक पर शेयर करने वाले ग्रुप ‘We Support Namo’ की सोशल स्कैनिंग करने की। हमने पाया कि इस ग्रुप के 371,630 मेंबर्स हैं और इस ग्रुप से एक खास पार्टी के सपोर्ट में पोस्ट शेयर किये जाते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल की जा रही तस्वीर JNU CAA प्रोटेस्ट की नहीं, बल्कि JNU फी हाइक प्रोटेस्ट की है और प्लेकार्ड को एडिट किया गया है।

False
Symbols that define nature of fake news
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