Fact Check : भारत-चीन सीमा पर सड़क निर्माण को लेकर NGO की एडिटेड तस्वीर हुई वायरल

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि यह दावा गलत है। एडिटिंग सॉफ्टवेयर से एडिट की हुई NGO की तस्वीर गलत दावे के साथ वायरल हो रही है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर हाथ में एक प्लेकार्ड लिए बैठे कुछ लोगों की तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। प्लेकार्ड पर लिखा हुआ है कि इंडो चाइना बॉर्डर पर कोई रोड न बनवाई जाए। दावा किया जा रहा है कि Citizens For Green Doon नामक एक NGO उत्तराखंड में इंडो-चाइना बॉर्डर पर भारत सरकार द्वारा बनाई जा रही सड़क का विरोध कर रहा है। NGO ने सुप्रीम कोर्ट में इस निर्माण कार्य के खिलाफ एक पिटीशन भी दाखिल की है। विश्वास न्यूज की जांच में यह तस्वीर फेक और एडिटेड निकली, जिसे दुष्प्रचार की मंशा से वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक पेज ‘जय भारत कुमार’ ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, ”मैं कम्युनिस्टों को गद्दार यूं ही नही कहता, 42 में अंग्रेजों का साथ, 62 के युद्ध में चाइना के लिए चंदा इक्ट्ठा करना और चीन के लिए भारत की जासूसी करना,और तो और ब्लड डोनेशन भी किया चाइना के लिए, इनकी देश से गद्दारी के नायाब नमूने है। और ये गद्दारी अभी भी जारी है। इंडो चाइना बार्डर पर रोड बनाने के खिलाफ एक एनजीओ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। और पर्यावरण का हवाला देकर सड़क बनाने का काम बंद की डिमांड की है। जबकि भारत सरकार के वकील का कहना है कि सेना के लॉजिस्टिक सप्लाई के लिए सड़क बहुत जरूरी है। अब समय आ गया है कि इन चाइना दलालों को जहां मिले, वहीं पेलो।”

वायरल दावे को ज्यों का त्यों लिखा गया है। पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने इस पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए वायरल तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें असली तस्वीर Citizens For Green Doon नामक एक फेसबुक पेज पर मिली। असली तस्वीर में इंडो चाइना बॉर्डर पर कोई रोड न बनवाई जाए, नहीं बल्कि आए और Citizens For Green Doon के साथ जुड़ें लिखा हुआ है।

फेसबुक पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए खंगालने पर हमें वायरल दावे से जुड़ी एक पोस्ट इस एनजीओ की एक सदस्य Ira Chauhan के फेसबुक अकाउंट पर मिली। उन्होंने वायरल तस्वीर को पोस्ट करते हुए दावे को फर्जी बताया है और लिखा है फोटोशॉप की मदद से तस्वीर को एडिट कर गलत दावे के सााथ शेयर किया जा रहा है। लोग हमारे एनजीओ के खिलाफ झूठ और नफरत फैला रहे हैं। हम बॉर्डर पर सड़क बनाने के खिलाफ नहीं है।

हमने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए Citizens For Green Doon एनजीओ के एक सदस्य से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल हो रहा दावा गलत है। हम सड़क निर्माण के खिलाफ नहीं है। लोग हमारी छवि खराब करने के लिए भ्रामक दावा फैला रहे हैं। असली तस्वीर में ज्वाइन सीएफजीडी लिखा हुआ है, इस तस्वीर को डी.ए.वी करनपुर में अप्रैल 2021 में खींचा गया था।

पड़ताल के अंत में हमने दावे को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर जय भारत कुमार के अकाउंट की स्‍कैनिंग की। फिर हमें पता चला कि यह प्रोफाइल मई 2011 से फेसबुक पर सक्रिय है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि यह दावा गलत है। एडिटिंग सॉफ्टवेयर से एडिट की हुई NGO की तस्वीर गलत दावे के साथ वायरल हो रही है।

False
Symbols that define nature of fake news
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