Fact Check: मोहन भागवत से नहीं मिली द्रौपदी मुर्मू , एडिटेड तस्वीर वायरल

विश्वास न्यूज की पड़ताल में संघ प्रमुख मोहन भागवत और द्रौपदी मुर्मू की वायरल तस्‍वीर फर्जी साबित हुई। वायरल तस्वीर एडिटेड है। दो अलग-अलग तस्‍वीरों को एडिट करके वायरल तस्‍वीर को बनाया गया है।

Fact Check: मोहन भागवत से नहीं मिली द्रौपदी मुर्मू , एडिटेड तस्वीर वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफार्म पर राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत की एक तस्वीर वायरल हो रही है। तस्वीर में मोहन भागवत के साथ एनडीए (NDA) की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को भी देखा जा सकता है। इस फोटो को शेयर करते हुए सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि द्रौपदी मुर्मू ने नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय का दौरा किया और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की है। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। पड़ताल में वायरल दावा गलत साबित हुआ। वायरल तस्वीर एडिटेड है। दो अलग-अलग तस्‍वीरों को एडिट करके वायरल तस्‍वीर को बनाया गया है।

क्या है वायरल?
सोशल मीडिया यूजर ‘Peter Fernandes’ ने वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”Smt Draupadi Murmu visits RSS headquarters to meet Mohan Bhagwat at Nagpur to seek his blessings for her candidature. Have we got any more doubts as to where we are being led from?We are led from the RSS headquarters.”

हिंदी अनुवाद : श्रीमती द्रौपदी मुर्मू अपनी उम्मीदवारी के लिए आशीर्वाद लेने के लिए नागपुर में मोहन भागवत से मिलने के लिए आरएसएस मुख्यालय जाती हैं। क्या हमें और संदेह है कि हमें कहाँ से ले जाया जा रहा है? हम आरएसएस मुख्यालय से नेतृत्व कर रहे हैं।

फेसबुक पर यूजर इस तस्वीर को मिलते-जुलते दावों के साथ शेयर कर रहे हैं। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल
विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए फोटो को क्रॉप कर गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें मोहन भागवत और द्रौपदी मुर्मू की तस्वीर अलग-अलग जगह प्राप्त हुई। जिसके बाद ये साफ हो गया कि दोनों की तस्वीर को एडिट कर एक साथ जोड़ा गया है।

मोहन भागवत की तस्वीर को जब हमने क्रॉप कर गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया, तो हमें वायरल तस्वीर से मिलती-जुलती तस्वीर 11 मार्च 2022 को RSS के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से किये एक ट्वीट में मिली। ट्वीट की गई तस्वीर में मोहन भागवत को हाथ जोड़े फोटो के सामने खड़े हुए देखा जा सकता है, पर असली तस्वीर में मोहन भागवत के साथ द्रौपदी मुर्मू नहीं है, बल्कि आरएसएस महासचिव दत्तात्रेय होसबोले मौजूद हैं। मुर्मू की तस्वीर को अलग से जोड़ कर फोटो को फ्लिप कर दिया गया है।

मोहन भागवत की यह तस्वीर हमें 11 मार्च 2022 को aninews.in की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट में प्राप्त हुई। रिपोर्ट में दी गई जानकारी मुताबिक,”विस्तार योजनाओं पर विचार-विमर्श के लिए आरएसएस की वार्षिक बैठक गुजरात में शुरू। बैठक की शुरुआत आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और महासचिव दत्तात्रेय होसबले द्वारा भारत माता को श्रद्धांजलि देने के साथ हुई।” असली तस्वीर में मोहन भागवत को आरएसएस महासचिव दत्तात्रेय होसबोले के साथ देखा जा सकता है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने द्रौपदी मुर्मू की तस्वीर को क्रॉप कर गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया, तो हमें असली तस्वीर हेमंत सोरेन के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से 29 दिसंबर 2020 को किये गए ट्वीट में ये तस्वीर शेयर मिली। हेमंत सोरेन ने 2020 में झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की थी। इस फोटो में से द्रौपदी मुर्मू की तस्वीर को क्रॉप कर वायरल तस्वीर में जोड़ दिया गया है।

आगे हमने ये सर्च करना शुरू किया क्या दोनों ने हाल-फिलहाल में मुलाकात की है। हमने गूगल पर कई कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया, लेकिन हमें दोनों के मुलाकात की कोई विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई। नीचे दिए गए कोलाज में दोनों तस्वीरों की तुलना को साफ-साफ देखा जा सकता है।

अधिक जानकारी के लिए हमने हेडगेवार स्मारक समिति के व्यवस्था प्रमुख विकास तेलंग से सम्पर्क किया। उनके साथ वायरल पोस्ट के लिंक को शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि तस्वीर एडिटेड है और वायरल दावा गलत है।

ANI नागपुर कॉरेस्पॉन्डेंट सौरभ जोशी ने भी वायरल तस्वीर को एडिटेड बताते हुए कहा, ‘द्रौपदी मुर्मू मोहन भागवत से नहीं मिली हैं और वायरल दावा भी गलत है।

पड़ताल के अंत में विश्‍वास न्‍यूज ने फेक दावे को शेयर करने वाले यूजर Peter Fernandes की सोशल स्कैनिंग की। स्कैनिंग से हमें पता चला कि यूजर के फेसबुक पर 4.2K फ्रेंड हैं। यूजर को फेसबुक पर 425 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में संघ प्रमुख मोहन भागवत और द्रौपदी मुर्मू की वायरल तस्‍वीर फर्जी साबित हुई। वायरल तस्वीर एडिटेड है। दो अलग-अलग तस्‍वीरों को एडिट करके वायरल तस्‍वीर को बनाया गया है।

False
Symbols that define nature of fake news
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