ट्रेन में आम आदमी की तरह सफर करते डॉ. अब्दुल कलाम की यह तस्वीर 2010 की है। उस समय वह खराब मौसम की वजह से फ्लाइट रद्द होने पर ट्रेन से भुवनेश्वर से राउरकेला गए थे। यह तस्वीर उनके सहयोगी रहे सृजन पाल सिंह ने ली थी। उस दौरान डॉ. कलाम राष्ट्रपति नहीं थे।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम को लेकर एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इसमें डॉ. कलाम ट्रेन के गेट पर खड़े दिख रहे हैं। इस तस्वीर को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि कलाम ने राष्ट्रपति रहते हुए आम आदमी की तरह ट्रेन में सफर किया था।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि ट्रेन के गेट पर खड़े डॉ. कलाम की यह तस्वीर उनके राष्ट्रपति कार्यकाल की नहीं, बल्कि उसके बाद की है। सोशल मीडिया पर तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर Shekh Mukddar (आर्काइव लिंक) ने 26 जनवरी को ग्राफिक्स को शेयर किया। इस पर पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम की तस्वीर लगी हुई है और लिखा है,
भारत के राष्ट्रपति होते हुए भी आम आदमी की तरह ट्रेन में सफर करते थे अब्दुल कलाम! इनके लिए लाइक तो बनता है।
डॉ. कलाम की वायरल फोटो की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले इसे गूगल रिवर्स इमेज से सर्च किया। द न्यू इंडियन एक्सप्रेस में 15 अक्टूबर 2018 को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती पर छपी फोटो गैलरी में वायरल तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। इसके कैप्शन में लिखा है, पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम 2010 में ट्रेन से राउरकेला पहुंचे।
डॉ. कलाम के पूर्व सलाहकार सृजन पाल सिंह के वेरिफाइड फेसबुक पेज पर भी हमें यह तस्वीर (आर्काइव लिंक) मिली। इसे 21 फरवरी 2019 को अपलोड किया गया है। इसमें लिखा है, यह हमारी ट्रेन की यात्रा की तस्वीर है, जब हम खराब मौसम की वजह से फ्लाइट रद्द होने के बाद भुवनेश्वर से राउरकेला जा रहे थे।
इसके बाद हमने कीवर्ड से इस बारे में सर्च किया। टाइम्स ऑफ इंडिया में 27 जुलाई 2016 को छपी एक रिपोर्ट में भी इस वाकये का जिक्र है। इसके अनुसार, जनवरी 2010 में जब खराब मौसम के कारण ओडिशा के राउरकेला में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) में कलाम की यात्रा में बाधा पहुंचने लगी तो उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था को नजरअंदाज करते हुए राउरकेला के लिए एक ट्रेन पकड़ने का फैसला किया। वह छात्रों को इंतजार नहीं कराना चाहते थे। लगभग 11 बजे कलाम अपने प्रथम श्रेणी के केबिन से बाहर निकले और सहयोगी से कहा, ‘मेरे कोच में एक साथी है।’ ट्रेन के माओवाद प्रभावित क्षेत्रों से गुजरने की उम्मीद थी तो सुरक्षाकर्मी पहरे पर थे। यह सुनकर वे घुसपैठिए को पकड़ने के लिए कोच में पहुंचे, लेकिन कोई नहीं मिला। बाद में जब कलाम ने एक कॉकरोच की तरफ की तरफ इशारा किया, तो सबने राहत की सांस ली।
प्रेसिडेंट्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट के मुताबिक, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रपति पद पर 25 जुलाई 2002 से 25 जुलाई 2007 तक रहे थे। मतलब वायरल तस्वीर उनके राष्ट्रपति रहने के दौरान की नहीं है।
इस बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने डॉ. कलाम के सलाहकार रहे सृजन पाल सिंह से फेसबुक मैसेंजर के जरिए संपर्क कर उनको वायरल पोस्ट भेजी। उनका कहना है, ‘यह तस्वीर उनके राष्ट्रपति कार्यकाल के समय की नहीं है। यह फोटो मैंने तब ली थी, जब हम भुवनेश्वर में एक ट्रेन में थे।‘
फोटो को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर ‘शेख मुकद्दर‘ की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। उनके 765 फ्रेंड्स हैं।
निष्कर्ष: ट्रेन में आम आदमी की तरह सफर करते डॉ. अब्दुल कलाम की यह तस्वीर 2010 की है। उस समय वह खराब मौसम की वजह से फ्लाइट रद्द होने पर ट्रेन से भुवनेश्वर से राउरकेला गए थे। यह तस्वीर उनके सहयोगी रहे सृजन पाल सिंह ने ली थी। उस दौरान डॉ. कलाम राष्ट्रपति नहीं थे।
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