विश्वास न्यूज की पड़ताल में फास्टैग स्कैम के नाम पर वायरल वीडियो और पोस्ट फर्जी साबित हुआ।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म के अलावा कई वेबसाइट पर एक फेक न्यूज वायरल हो रही है। इसमें एक वीडियो का इस्तेमाल किया गया है। वीडियो में एक बच्चे को कार के शीशे को साफ करते हुए देखा जा सकता है। शीशा साफ करते हुए यह बच्चा फास्टैग स्टिकर के ऊपर अपनी घड़ी को ले जाता है। वीडियो में दावा किया गया कि यह एक नए प्रकार का स्कैम है। सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को सच मानकर वायरल कर रहे हैं। विश्वास न्यूज ने 3:45 मिनट के इस वीडियो की जांच की। पता चला कि वायरल पोस्ट पूरी तरह फर्जी है। इसमें कोई सच्चाई नहीं है।
फेसबुक पेज शामली न्यूज ने 24 जून को एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया : ‘जिनकी भी कार पर फास्ट टैग लगा हुआ है, वो जरा होशियार रहे, ये नया स्कैम आया है, कार का शीशा साफ करते करते आपका अकाउंट भी खाली हो सकता है।’
फेसबुक पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों ही लिखा गया है। इस वीडियो और दावे को सच समझकर दूसरे यूजर्स भी खूब शेयर कर रहे हैं। पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो को ध्यान से देखा। इसमें एक बच्चे को गाड़ी का शीशा साफ करते हुए देखा जा सकता है। बच्चे की कलाई में एक वॉच भी देखी जा सकती है। जिसे वह फास्टैग के ऊपर ले जाते हुए दिखता है। वायरल वीडियो की स्कैनिंग के दौरान एक नोटिफिकेशन दिखा। इसमें लिखा हुआ था कि ऐसे ओरिजनल वीडियो देखें ‘बकलोल वीडियो‘ पर।
इसके बाद विश्वास न्यूज ने इस फेसबुक पेज का रूख किया, वहां हमें ऐसा कोई वीडियो नहीं दिखा। इस पेज के बारे में गूगल सर्च से जानकारी जुटाने पर पता चला कि इसके फाउंडर पंकज शर्मा हैं। इसके आधार पर हमने पंकज शर्मा के फेसबुक पेज को खोजना शुरू किया।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज ने ‘बकलोल वीडियो’ के फाउंडर पंकज शर्मा से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल वीडियो जागरूकता के मकसद से बनाया गया था। यह स्क्रिप्टेड वीडियो था, लेकिन लोगों को यह भ्रामक लगा, इसलिए इसे पेज से हटा दिया गया है।
सर्च के दौरान हमें पेटीएम के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक ट्वीट मिला। इसमें वायरल वीडियो को फेक बताया गया। पेटीएम ने अपनी सफाई में लिखा कि एक वीडियो पेटीएम फास्टैग के बारे में भ्रामक सूचना फैला रहा है। एनईटीसी की गाइडलाइन्स फास्टैग पेमेंटस केवल अधिकृत व्यापारियों के द्वारा ही शुरू किया जा सकता है। कई दौर की टेस्टिंग के बाद ही इसे ऑनबोर्ड किया गया। पेटीएम फास्टैग पूरी तरह से सुरक्षित है।
जांच के दौरान हमें फास्टैग एनईटीसी के ट्विटर हैंडल पर एक ट्वीट मिला। इसमें वायरल वीडियो को लेकर बताया गया था। इस प्रेस नोट में बताया गया कि सोशल मीडिया में वायरल वीडियो पूरी तरह आधारहीन और झूठ है।
अब बारी थी उस पेज के बारे में जानकारी जुटाने की, जो फेक पोस्ट वायरल कर रहा है। फेसबुक पेज शामली न्यूज को 17 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। यहां हमें वायरल वीडियो के अलावा स्थानीय विज्ञापन भी दिखे।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में फास्टैग स्कैम के नाम पर वायरल वीडियो और पोस्ट फर्जी साबित हुआ।
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