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Fact Check: देश भर में सुप्रीम कोर्ट के पटाखों को प्रतिबंधित किए जाने का दावा भ्रामक

देश में पटाखों को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने के दावे के साथ वायरल हो रहा पोस्ट भ्रामक है। सात नवंबर को एक याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बेरियम और अन्य प्रतिबंधित रसायनों के इस्तेमाल से बनने वाले पटाखों पर प्रतिबंध का उसका पिछला फैसला केवल दिल्ली-एनसीआर पर लागू नहीं होता है, बल्कि यह पूरे देश पर लागू होता है। कोर्ट का यह फैसला उस याचिका पर आया, जिसमें राजस्थान सरकार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने का निर्देश दिए जाने की मांग की गई थी। 2021 के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है और हालिया फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश में कोई बदलाव नहीं किया है।

  • By: Abhishek Parashar
  • Published: Nov 10, 2023 at 09:37 PM
  • Updated: Nov 11, 2023 at 11:04 AM

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सुप्रीम कोर्ट में देश भर में पटाखों पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर कोर्ट के फैसले के बाद सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट्स में दावा किया जा रहा है कि देश की सर्वोच्च न्यायालय ने देश भर में पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला दिया है। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर यूजर्स इसे दीपावली पूर्व देश भर में पटाखों पर प्रतिबंध लगाए जाने का फैसला बताकर शेयर कर रहे हैं।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को भ्रामक पाया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने हालिया फैसले में पूर्व के निर्देशों को दोहराते हुए साफ किया कि पहले का फैसला ( बेरियम और अन्य प्रतिबंधित रसायनों से बने पटाखों पर प्रतिबंध) केवल दिल्ली-एनसीआर के लिए लागू नहीं है, बल्कि यह पूरे देश भर के लिए है। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के फैसले में सभी तरह के पटाखों पर प्रतिबंध नहीं था। कोर्ट ने अपने आदेश में साफ किया था कि कम उत्सर्जन (इम्प्रूव्ड कैकर्स) और ग्रीन क्रैकर्स का उत्पादन और बिक्री की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने हालिया आदेश में इसी पुराने आदेश को दोहराया है। इसलिए यह कहना भ्रामक है कि सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘राष्ट्रवादी क्रांति’ ने पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “सुप्रीम कोर्ट ने पूरे भारत में पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया।”

कई अन्य यूजर्स ने इस पोस्ट्स को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

सोशल मीडिया पर भ्रामक दावे के साथ वायरल पोस्ट का स्क्रीनशॉट

पड़ताल

की-वर्ड सर्च में ऐसी कई रिपोर्ट मिली, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले का जिक्र है। कानूनी मामलों की वेबसाइट लाइव लॉ पर सात नवंबर 2023 की रिपोर्ट मिली। इसके मुताबिक, “सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (07.11.2023) को स्पष्ट किया कि पटाखों में बेरियम और अन्य प्रतिबंधित रसायनों के इस्तेमाल पर रोक का पूर्व का फैसला न केवल दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में लागू है, बल्कि यह पूरे देश में लागू है।”

लाइव लॉ की वेबसाइट पर प्रकाशित सात नवंबर 2023 की रिपोर्ट।

कई अन्य न्यूज रिपोर्ट्स में भी इस फैसले का जिक्र है। जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक, “सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि बेरियम युक्त पटाखों पर प्रतिबंध का आदेश सिर्फ दिल्ली-एनसीआर तक सीमित नहीं है, यह हर राज्य के लिए बाध्यकारी है। शीर्ष अदालत के इस स्पष्टीकरण का असर पूरे देश पर होगा जिसने वायु एवं ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए 2018 में पारंपरिक पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया था। अदालत को जब बताया गया कि दिल्ली से लगे राज्यों में पराली जलने से राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता प्रभावित हो रही है तो कोर्ट ने मौसम विभाग को पराली जलने पर जवाब दाखिल करने का निर्देश भी दिया।”

वहीं, एनडीटीवी की सात नवंबर की रिपोर्ट के मुताबिक, “सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 2021 का आदेश जिसमें ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति दी गई थी, वह न केवल दिल्ली-एनसीआर, बल्कि पूरे देश पर लागू है।”

रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट एक मामले की सुनवाई कर रहा था, जिसमें राजस्थान सरकार को बेरियम सॉल्ट और अन्य प्रदूषण फैलाने वाले रसायनों से बने पटाखों पर प्रतिबंध लगाए जाने का निर्देश देने की मांग की गई थी। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जस्टिस ए एस बोपन्ना और एम एम सुंदरेशन की पीठ ने स्पष्ट किया कि किसी नए निर्देश की जरूरत नहीं है। पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला पूरे देश पर लागू है।

गौरतलब है कि 2021 में सु्प्रीम कोर्ट ने कहा था कि पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, बल्कि केवल उन पटाखों पर बैन लगाया गया है, जिसमें बेरियम का इस्तेमाल किया जाता है। 2021 के फैसले के मुताबिक, “केवल कम उत्सर्जन वाले (इम्प्रूव्ड क्रैकर्स) और ग्रीन क्रैकर्स या पटाखों (जिसका उल्लेख सुझाव II और सुझाव III) के उत्पादन और बिक्री की अनुमति होगी।”

सुप्रीम कोर्ट का 2021 का फैसला, जिसमें ग्रीन पटाखों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया था।

विश्वास न्यूज ने इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट के वकील शशांक शेखर झा से संपर्क किया। झा ऐसे ही एक मामले में दायर याचिका की पैरवी कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का फैसला नहीं दिया है। ग्रीन क्रैकर्स पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।” उन्होंने कहा कि हालिया याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 2021 के अपने फैसले को एक तरह से दुहराते हुए कहा कि पिछला फैसला केवल दिल्ली-एनसीआर तक लागू नहीं है, बल्कि यह पूरे देश भर में लागू होता है।

वायरल पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर को करीब 10 लाख लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: देश में पटाखों को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने के दावे के साथ वायरल हो रहा पोस्ट भ्रामक है। सात नवंबर को एक याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बेरियम और अन्य प्रतिबंधित रसायनों के इस्तेमाल से बनने वाले पटाखों पर प्रतिबंध का उसका पिछला फैसला केवल दिल्ली-एनसीआर पर लागू नहीं होता है, बल्कि यह पूरे देश पर लागू होता है। कोर्ट का यह फैसला उस याचिका पर आया, जिसमें राजस्थान सरकार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने का निर्देश दिए जाने की मांग की गई थी। 2021 के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है और हालिया फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश में कोई बदलाव नहीं किया है।

  • Claim Review : सुप्रीम कोर्ट ने पूरे भारत में पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया।
  • Claimed By : FB User- राष्ट्रवादी क्रांति
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