Fact Check: दिलजीत दोसांझ ने नहीं दिया ये बयान, उनके नाम से वायरल हो रहा यह ट्वीट फर्जी है
दिलजीत दोसांझ ने ट्वीट में नहीं कहा कि काश किसानों के साथ पढ़े-लिखे लोग भी सड़कों पर बैठते तो न एयरपोर्ट बिकता, न रेलवे स्टेशन, न नौकरी जाती आदि।
- By: Pallavi Mishra
- Published: Jan 13, 2022 at 12:33 PM
नई दिल्ली (Vishvas News)। पंजाबी गायक और बॉलीवुड एक्टर दिलजीत दोसांझ के नाम से एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर शेयर हो रहा है, जिसमें लिखा गया है “काश किसानों की तरह अगर पढ़े-लिखे लोग भी सड़कों पर आ जाते तो न एयरपोर्ट बिकता, न रेलवे स्टेशन, न नौकरी जाती, न जीडीपी गिरती।” दावा किया जा रहा है कि यह ट्वीट दिलजीत दोसांझ ने किया है। विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल हो रहा ट्वीट दिलजीत ने नहीं किया।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक यूजर Gurcharan Singh ने यह पोस्ट शेयर की, जिसमें लिखा गया है: “काश किसानों की तरह पढ़े-लिखे लोग भी सड़कों पर आ जाते, न एयरपोर्ट बिकता, न रेलवे स्टेशन, न LIC, BPCL बिकती, न नौकरी जाती, न बेरोजगारी बढ़ती, न जीडीपी गिरती!”
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने पड़ताल शुरू करते हुए सबसे पहले वायरल पोस्ट में नजर आ रहे ट्विटर हैंडल @Diljitdosanjhi को सर्च किया। हमें पता चला कि यह हैंडल अब एक्जिस्ट ही नहीं करता है। वे बैक मशीन पर ढूंढ़ने पर हमें इस पेज के 7 और 8 दिसम्बर 2020 के 2 स्क्रीनशॉट्स मिले। मगर, यहाँ ब्लू टिक नहीं था। यानि कि यह अकाउंट वेरिफाइड नहीं था। साथ ही ट्विटर हैंडल में दिलजीत के नाम के अंत में एक्स्ट्रा आई (i) लगाया गया है। दिलजीत का असली ट्विटर हैंडल उन्हीं के नाम से है, लेकिन उसके अंत में (i) नहीं लगा हुआ है।
इसके बाद हमने दिलजीत के असली ट्विटर हैंडल को खंगाला। उनके ट्विटर हैंडल पर हमें किसान आंदोलन के समर्थन में कई ट्वीट्स दिखे, लेकिन वायरल ट्वीट या इससे मिलता-जुलता कोई ट्वीट हमें नहीं मिला।
हमने ज्यादा जानकारी के लिए पंजाबी जागरण के लिए एंटरटेनमेंट कवर करने वाली पत्रकार तेजिंदर कौर से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल हो रहा ट्वीट दिलजीत दोसांझ ने नहीं किया, बल्कि उनके नाम से बने किसी फर्जी अकाउंट से किया गया था।
फेसबुक पर वायरल पोस्ट Gurcharan Singh नामक यूजर ने शेयर की है। इस यूजर की प्रोफाइल को स्कैन करने पर हमने पाया कि यूजर के 4,114 फ़ॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: दिलजीत दोसांझ ने ट्वीट में नहीं कहा कि काश किसानों के साथ पढ़े-लिखे लोग भी सड़कों पर बैठते तो न एयरपोर्ट बिकता, न रेलवे स्टेशन, न नौकरी जाती आदि।
- Claim Review : काश किसानों की तरह पढ़े-लिखे लोग भी सड़कों पर आ जाते, न एयरपोर्ट बिकता, न रेलवे स्टेशन, न LIC, BPCL बिकती, न नौकरी जाती, न बेरोजगारी बढ़ती, न जीडीपी गिरती!: दिलजीत दोसांझ
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