Fact Check: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट को फेक न्यूज बताने वाला दावा निकला फर्जी

विश्वास न्यूज की टीम ने अपने फैक्ट चेक में पाया कि सोशल मीडिया में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तस्वीर के साथ छेड़छाड़ कर उनके हवाले से कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट को फेक न्यूज बता दिया गया है, जबकि डोनाल्ड ट्रंप ने ऐसा कुछ भी नहीं कहा है। कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट फेक न्यूज नहीं, बल्कि एक हकीकत है, जिससे कई देश जूझ रहे हैं।

Fact Check:  पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट को फेक न्यूज बताने वाला दावा निकला फर्जी

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज): सोशल मीडिया पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पुरानी तस्वीर से छेड़छाड़ कर एक पोस्ट वायरल किया जा रहा है, जिसमें ट्रंप के हाथों में एक एक्जीक्यूटिव ऑर्डर है, जिस पर लिखा है डेल्टा वेरिएंट एक फेक न्यूज है। विश्वास न्यूज ने वायरल हो रहे पोस्ट की पड़ताल की और पाया कि सोशल मीडिया में ट्रंप की तस्वीर के साथ वायरल पोस्ट फर्जी है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

Gene Hiett नाम के फेसबुक यूजर द्वारा एक पोस्ट शेयर किया गया है, जिसमें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के हाथों में एक कार्यकारी आदेश के साथ वायरल किया जा रहा है जिसमें लिखा है, “डेल्टा वेरिएंट एक फेक न्यूज है।”

वायरल पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां मौजूद है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने इस वायरल पोस्ट में किये जा रहे दावे को लेकर अपनी जांच शुरू की। सबसे पहले हमने गूगल इमेज सर्च पर जाकर तस्वीर की जांच की तो हमें ठीक वैसी ही कई तस्वीरें मिली और हर तस्वीर में छेड़छाड़ कर उनके हाथों में जो एक्जीक्यूटिव ऑर्डर दिखाया गया है उसपर कुछ और लिखा हुआ था। गूगल पर हमें पता चला कि 2017 में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप से बाहर निकलने के लिए हस्ताक्षर किए थे और उस पल की एक तस्वीर का इस्तेमाल इसी तरह के कई मीम्स बनाने के लिए किया गया। इस तस्वीर का आर्काइव यहां मौजूद है।

हमने अपने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुये कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट को फेक न्यूज बताने वाले दावे की पड़ताल की तो पता चला कि कोरोनवायरस का डेल्टा वेरिएंट की पहचान पहली बार दिसंबर 2020 में भारत में की गई थी। वायरस समय के साथ बदलते रहते हैं। भारत में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जो वेरिएंट पाया गया, उसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने डेल्टा वेरिएंट का नाम दिया है। कोरोना वायरस के इस नये रूप को बेहद खतरनाक बताया गया है। वायरस का यह वेरिएंट पुराने वायरस की तुलना में अधिक तेज़ी से और आसानी से फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट दुनिया के 98 देशों में देखा जा रहा है।

डब्ल्यूएचओ के हेल्थ इमरजेंसी प्रोग्राम की तकनीकी प्रमुख मारिया वान केरखोव ने डेल्टा संस्करण पर चर्चा करते हुए कहा, जहां डेल्टा वेरिएंट की पहचान की जाती है, यह अल्फा वेरिएंट की तुलना में लोगों के बीच अधिक तेजी से फैलता है।

यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुमानों के अनुसार, अमेरिका में 3 जुलाई को समाप्त हुए दो हफ्तों में 51.7% से अधिक नए कोरोनावायरस मामले डेल्टा वेरिएंट से जुड़े थे। हमने कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट को लेकर बत्रा अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर और लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉक्टर एससीएल गुप्ता से बात कि तो उन्होंने डेल्टा वेरिएंट को बेहद खतरनाक बताया। उन्होंने कहा कि वायरस का यह संस्करण तेजी से फैलता है और आने वाले दिनों में करीब 10 फीसदी बच्चों पर असर डाल सकता है।

हमने Gene Hiett नाम के फेसबुक यूजर, जिससे ये वायरल पोस्ट शेयर किया गया है उसे स्कैन किया तो पाया कि यह यूजर जॉर्जिया की रहने वाली है|

निष्कर्ष

विश्वास न्यूज की टीम ने अपने फैक्ट चेक में पाया कि सोशल मीडिया में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तस्वीर के साथ छेड़छाड़ कर उनके हवाले से कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट को फेक न्यूज बता दिया गया है, जबकि डोनाल्ड ट्रंप ने ऐसा कुछ भी नहीं कहा है। कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट फेक न्यूज नहीं, बल्कि एक हकीकत है, जिससे कई देश जूझ रहे हैं।

(With inputs from Manish Kumar)

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की टीम ने अपने फैक्ट चेक में पाया कि सोशल मीडिया में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तस्वीर के साथ छेड़छाड़ कर उनके हवाले से कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट को फेक न्यूज बता दिया गया है, जबकि डोनाल्ड ट्रंप ने ऐसा कुछ भी नहीं कहा है। कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट फेक न्यूज नहीं, बल्कि एक हकीकत है, जिससे कई देश जूझ रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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