Fact Check: कोहरे के कारण यमुना एक्सप्रेस वे पर हुए हादसे का वर्षों पुराना वीडियो दरभंगा का हालिया बताकर वायरल

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि भीषण एक्सीडेंट का वायरल वीडियो हालिया नहीं, बल्कि साल 2017 का है। एक्सीडेंट के कई साल पुराने वीडियो को अब हालिया बताकर भ्रामक दावे से शेयर किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक के बाद एक कई गाड़ियों को आपस में भिड़ते हुए देखा जा सकता है। अब कई सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को हालिया बताकर शेयर कर रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो NH-57 दरभंगा दिल्ली मोड़ का है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वीडियो साल 2017 का है, जब कोहरे के कारण यमुना एक्सप्रेस-वे पर गाड़ियां आपस में टकरा गई थी। उसी वीडियो को अब हालिया बताकर भ्रामक दावे से शेयर किया जा रहा है। वीडियो का हाल-फिलहाल से कोई संबंध नहीं है।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर Chandan Kumar Paswan ने 17 नवंबर को वीडियो को शेयर किया है और लिखा है, “सर्दी के मौसम में तबा तोड़ दर्दनाक एक्सीडेंट हुआ NH-57 दरभंगा दिल्ली मोर के पास।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने इनविड टूल की मदद से वीडियो के कई कीफ्रेम निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। हमें वीडियो इंडिया टीवी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मिला। 8 नवंबर 2017 को अपलोड वीडियो में इसे, यमुना एक्सप्रेस-वे पर हुए हादसे का बताया गया है।

वायरल वीडियो से जुड़ी रिपोर्ट न्यूज 24 के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मिली। वीडियो को 8 नवंबर 2017 को अपलोड किया गया है। दी गई जानकारी के अनुसार, “घने धुंध के बीच यमुना एक्सप्रेस-वे पर कई गाड़ियां एक-दूसरे से टकरा गईं।”

यह पहली बार नहीं है, जब इस वीडियो को भ्रामक दावे से वायरल किया गया है। इससे पहले भी कई अलग-अलग मौकों पर अलग-आग दावों के साथ इस वीडियो को वायरल किया गया था। उस समय हमने वीडियो को लेकर दैनिक जागरण, मथुरा के संपादकीय प्रभारी विनीत मिश्रा से भी संपर्क किया था। उन्‍होंने बताया था कि वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं है। फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।

अंत में हमने पुराने वीडियो को भ्रामक दावे से शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया। पता चला कि यूजर को 6 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। यूजर ने स्वयं को बिहार के मधुबनी का रहने वाला बताया है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि भीषण एक्सीडेंट का वायरल वीडियो हालिया नहीं, बल्कि साल 2017 का है। एक्सीडेंट के कई साल पुराने वीडियो को अब हालिया बताकर भ्रामक दावे से शेयर किया जा रहा है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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